देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) ने बीते दिनों कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार को चारधाम यात्रा पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. साथ ही चारों धामों (chardham) की पूचा-अर्चना का लाइव प्रसारण करने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश पर उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर तो रोक लगा दी थी, लेकिन चारों धामों की पूजा-अर्चना का लाइव प्रसारण करने को तैयार नहीं है. इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (cm pushkar singh dhami) ने कहा कि वेदों में लाइव स्ट्रीमिंग (chardham live streaming) का जिक्र नहीं है, इसीलिए सरकार इसकी अनुमति नहीं दे सकती है. इसको लेकर कोर्ट में एफिडेविट भी दिया जाएगा.
दरअसल, पिछले हफ्ते उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) में सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने कोरोना की तैयारियों पर सवाल खड़े करते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही सरकार को आदेश दिया था कि चारों धामों की पूचा-अर्चना का लाइव प्रसारण किया जाए. लेकिन सरकार के साफ कर दिया है कि चारों धामों की पूचा-अर्चना का गर्भगृह से लाइव प्रसारण नहीं किया है. बाहर से प्रसारण जारी है.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि कल चारधाम देवास्थानम् बोर्ड की बैठक हुई थी. बैठक में सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए, चारधाम यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं करने का फैसला किया है. क्योंकि यह वेदों में नहीं लिखा गया है. इस संबंध में सरकार हाईकोर्ट में हलफनामा भी दाखिल करने जा रही है. बता दें कि पहले सरकार चारों धामों की पूचा-अर्चना का लाइव प्रसारण करने को तैयार थी. लेकिन शुक्रवार (16 जुलाई) को हुई चारधाम देवास्थानम् बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि चारों धामों की पूचा-अर्चना का गर्भगृह से लाइव प्रसारण नहीं किया जाएगा.
मंदिर परिसर से होगी लाइव स्ट्रीमिंगः बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मंदिर के गर्भगृह से लाइव स्ट्रीमिंग नहीं कराई जा सकती है. लिहाजा, जिस तरह पहले मंदिर के बाहर परिसर से लाइव स्ट्रीमिंग की जा रही थी, उसी तरह आगे भी लाइव स्ट्रीमिंग कराई जाएगी. हालांकि, बोर्ड के सदस्यों ने यह तर्क दिया कि यह चारों धामों की पूजा पद्धति के खिलाफ है.