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Disaster Management: सीएम धामी बोले- आपदा को रोकना संभव नहीं, राहत बचाव कार्य हों प्राथमिकता - Advanced Technology in Disaster Management

उत्तराखंड में आपदा से हर साल जान-माल का भारी नुकसान होता है. साथ ही कई लोगों को आपदा ने बेघर कर दिया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा को रोकना संभव नहीं है. लिहाजा राहत-बचाव कार्य को तत्काल किया जाए, ये प्राथमिकता रहती है.

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Published : Mar 21, 2023, 12:45 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 1:41 PM IST

आपदा को लेकर सेमिनार

देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा के दृष्टिगत काफी संवेदनशील है. यही वजह है कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण समय-समय पर आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों में तेजी लाए जाने को लेकर प्रयास करता रहा है. इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इंटरनेशनल कॉन्क्लेव ऑन यूज ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी इन डिजास्टर मैनेजमेंट संबंधित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कृषि मंत्री गणेश जोशी समेत आपदा विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद रहे.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड समेत हिमालयन राज्य आपदा के दृष्टिगत बेहद संवेदनशील हैं. हालांकि कोई भी ऐसा साल नहीं होता है जब उत्तराखंड में आपदा जैसी स्थिति या फिर आपदा ना आई हो. कहीं किसी न किसी रूप में आपदा हर साल आती आती है. चाहे वह भूकंप, भूस्खलन, बादल फटना और वनाग्नि अन्य प्राकृतिक आपदा हो. जिससे जनहानि के साथ ही अन्य हानियां भी होती हैं. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन आपदाओं को रोकना सरकार के बस में नहीं है. लेकिन आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों को तत्काल प्रभाव से किया जाए, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. हालांकि, साल 2013 में केदारघाटी में आई आपदा की वजह से व्यापक स्तर पर जन और धन की हानि हुई थी.
पढ़ें-राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण बिल पर हरीश रावत सरकार पर हमलावर, दर्द भी छलका

लिहाजा इस आपदा से सरकार ने काफी कुछ सबक लिया और काफी कुछ सीखा भी. इस आपदा के बाद केंद्र और राज्य की सरकार ने तमाम क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया, चाहे स्वास्थ्य हो या फिर कम्युनिकेशन सिस्टम को विकसित करने के साथ ही सड़क, हेलीपैड और इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया गया. सीएम धामी ने आपदा विभाग से उम्मीद की कि राज्य में आई आपदाओं से अनुभव लेते हुए अपनी सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर एक ऐसा सिस्टम डेवलप करें, जिससे आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य समेत अन्य हिमालयी राज्यों में आने वाली आपदा के दौरान हो रही इस कार्यशाला का का कुछ फायदा उनको मिलने वाला हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य आपदाओं के साथ ही भूकंप भी उत्तराखंड के लिए एक बड़ी आपदा है, जो कि भूकंप के चलते प्रदेश में कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो जाते हैं. जिससे अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान होता है.

आपदा को लेकर सेमिनार

देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा के दृष्टिगत काफी संवेदनशील है. यही वजह है कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण समय-समय पर आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों में तेजी लाए जाने को लेकर प्रयास करता रहा है. इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इंटरनेशनल कॉन्क्लेव ऑन यूज ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी इन डिजास्टर मैनेजमेंट संबंधित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कृषि मंत्री गणेश जोशी समेत आपदा विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद रहे.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड समेत हिमालयन राज्य आपदा के दृष्टिगत बेहद संवेदनशील हैं. हालांकि कोई भी ऐसा साल नहीं होता है जब उत्तराखंड में आपदा जैसी स्थिति या फिर आपदा ना आई हो. कहीं किसी न किसी रूप में आपदा हर साल आती आती है. चाहे वह भूकंप, भूस्खलन, बादल फटना और वनाग्नि अन्य प्राकृतिक आपदा हो. जिससे जनहानि के साथ ही अन्य हानियां भी होती हैं. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन आपदाओं को रोकना सरकार के बस में नहीं है. लेकिन आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों को तत्काल प्रभाव से किया जाए, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. हालांकि, साल 2013 में केदारघाटी में आई आपदा की वजह से व्यापक स्तर पर जन और धन की हानि हुई थी.
पढ़ें-राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण बिल पर हरीश रावत सरकार पर हमलावर, दर्द भी छलका

लिहाजा इस आपदा से सरकार ने काफी कुछ सबक लिया और काफी कुछ सीखा भी. इस आपदा के बाद केंद्र और राज्य की सरकार ने तमाम क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया, चाहे स्वास्थ्य हो या फिर कम्युनिकेशन सिस्टम को विकसित करने के साथ ही सड़क, हेलीपैड और इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया गया. सीएम धामी ने आपदा विभाग से उम्मीद की कि राज्य में आई आपदाओं से अनुभव लेते हुए अपनी सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर एक ऐसा सिस्टम डेवलप करें, जिससे आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य समेत अन्य हिमालयी राज्यों में आने वाली आपदा के दौरान हो रही इस कार्यशाला का का कुछ फायदा उनको मिलने वाला हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य आपदाओं के साथ ही भूकंप भी उत्तराखंड के लिए एक बड़ी आपदा है, जो कि भूकंप के चलते प्रदेश में कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो जाते हैं. जिससे अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान होता है.

Last Updated : Mar 21, 2023, 1:41 PM IST
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