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CM धामी ने शिक्षकों को किया सम्मानित, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हो रहा छात्रों का संपूर्ण विकास'

मसूरी रोड देहरादून स्थित पेस्टल वीड स्कूल में प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोशिएशन की ओर से इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ प्रिंसिपल्स एंड टीचर्स (International Conference of Principals and Teachers) कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया.

CM Pushkar Singh Dhami
इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ प्रिंसिपल्स प्रोग्राम
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Published : Dec 20, 2022, 3:20 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने मंगलवार को मसूरी रोड देहरादून स्थित पेस्टल वीड स्कूल में प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोशिएशन द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ प्रिंसिपल्स एंड टीचर्स (International Conference of Principals and Teachers) कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित भी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की समाज के निर्माण में अहम भूमिका होती है. माता-पिता के बाद शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य को बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. शिक्षक युग दृष्टा ऋषियों के समान हैं, जो समाज को प्रबुद्ध बनाने के लिए निरंतर कार्य करते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिरीक्षण द्वारा स्वयं को जानने और समझने योग्य बनाना रहा है. विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है, तभी प्रतिभा का सदुपयोग हो सकता है. उन्होंने कहा कि पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों की प्रतिभा को उभारने के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं. पीपीएसए प्रौद्योगिकी, कौशल और स्कूली पाठ्यक्रम पर खुली और रचनात्मक चर्चा द्वारा विचारों के आदान-प्रदान हेतु एक आदर्श वातावरण प्रदान कर रहा है. पीपीएसए द्वारा प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए पब्लिक स्कूलों और सरकारी स्कूलों के मध्य सहयोग बढ़ाने में भी सरकार को समय समय पर अपना सहयोग प्रदान किया गया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है. वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है. भारत दुनिया को हर क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का परिचय दे रहा है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत, विश्वगुरु के रूप में पुनः स्थापित हो रहा है तथा दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है. उनकी दूरगामी सोच से देश को 34 वर्षों बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है. पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों के जीवन को उन्नति के प्रकाश से आलोकित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को नई शिक्षा नीति को सही प्रकार से लागू करने हेतु समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए जाते रहे हैं.

शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Education Minister Dr Dhan Singh Rawat) ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज्य में सही तरीके से क्रियान्वयन हो इस उद्देश्य से दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. इसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों को नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है.

ये भी पढ़ें- कैबिनेट फैसले: 20 प्रस्तावों पर लगी मुहर, हिमाचल की तर्ज पर नवीन जल विद्युत नीति को मिली मंजूरी

उत्तराखंड में बाल वाटिकाओं से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ किया गया. उच्च शिक्षा में भी राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा चुकी है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षिक गतिविधियों के लिए प्रदेश के सभी अध्यापकों को डायट के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. अभी तक 27 हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया चुका है.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने मंगलवार को मसूरी रोड देहरादून स्थित पेस्टल वीड स्कूल में प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोशिएशन द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ प्रिंसिपल्स एंड टीचर्स (International Conference of Principals and Teachers) कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित भी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की समाज के निर्माण में अहम भूमिका होती है. माता-पिता के बाद शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य को बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. शिक्षक युग दृष्टा ऋषियों के समान हैं, जो समाज को प्रबुद्ध बनाने के लिए निरंतर कार्य करते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिरीक्षण द्वारा स्वयं को जानने और समझने योग्य बनाना रहा है. विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है, तभी प्रतिभा का सदुपयोग हो सकता है. उन्होंने कहा कि पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों की प्रतिभा को उभारने के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं. पीपीएसए प्रौद्योगिकी, कौशल और स्कूली पाठ्यक्रम पर खुली और रचनात्मक चर्चा द्वारा विचारों के आदान-प्रदान हेतु एक आदर्श वातावरण प्रदान कर रहा है. पीपीएसए द्वारा प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए पब्लिक स्कूलों और सरकारी स्कूलों के मध्य सहयोग बढ़ाने में भी सरकार को समय समय पर अपना सहयोग प्रदान किया गया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है. वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है. भारत दुनिया को हर क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का परिचय दे रहा है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत, विश्वगुरु के रूप में पुनः स्थापित हो रहा है तथा दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है. उनकी दूरगामी सोच से देश को 34 वर्षों बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है. पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों के जीवन को उन्नति के प्रकाश से आलोकित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को नई शिक्षा नीति को सही प्रकार से लागू करने हेतु समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए जाते रहे हैं.

शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Education Minister Dr Dhan Singh Rawat) ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज्य में सही तरीके से क्रियान्वयन हो इस उद्देश्य से दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. इसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों को नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है.

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उत्तराखंड में बाल वाटिकाओं से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ किया गया. उच्च शिक्षा में भी राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा चुकी है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षिक गतिविधियों के लिए प्रदेश के सभी अध्यापकों को डायट के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. अभी तक 27 हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया चुका है.

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