देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 नजदीत है तो सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं. सैनिक बाहुल्य क्षेत्र उत्तराखंड में सैनिकों के सम्मान और शहादत को लेकर इन दिनों राजनीति चरम पर है. बुधवार को देहरादून में हुई राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस ने शहीद सीडीएस बिपिन रावत कटआउट इस्तेमाल कर उनके प्रति अपनी भावना व्यक्त की, जिस पर बीजेपी ने निशाना साधा. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पहले जिस पार्टी के लोग सीडीएस जनरल बिपिन रावत को गली का गुंडा कहते थे, वो पार्टी आज वोट के खातिर उनके कटआउट लगा रही है.
इतना नहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस की विजय सम्मान रैली को भी आडे़ हाथों लिया. उन्होंने कहा कि सेना को श्रेय देने का काम पहले कभी नहीं होता था. 16 दिसम्बर 1971 को भारतीय सैनिकों की वीरता की वजह से पाकिस्तान की सेना ने समर्पण किया, लेकिन तब सेना को श्रेय नहीं दिया जाता था. जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म करने और सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन की मांग पूरी करने का काम भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किया है.
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बता दें कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के देहरादून विजय सम्मान रैली में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का कटआउट इस्तेमाल किया. इसके बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच पोस्टर वॉर छिड़ गई है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस बिपिन रावत के जरिए सियासी लाभ उठाना चाहती है. 8 दिसंबर को तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत का निधन हो गया था.
वहीं रैली से जो तस्वीर सामने आई है उसमें बिपिन रावत के कटआउट के साथ-साथ इंदिरा गांधी और राहुल गांधी का कटआउट भी लगा हुआ है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि ये रैली राजनीतिक नहीं है, बल्कि 50वें विजय दिवस के मौके पर आयोजित की गई है. इस पर सीएम धामी ने निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सैनिकों की वीरता की वजह से पाकिस्तान की सेना ने समर्पण किया, लेकिन तब सेना को श्रेय नहीं दिया जाता था.