देहरादूनः डोईवाला में प्रस्तावित एरो सिटी को लेकर न केवल विपक्ष बल्कि, किसान यूनियन भी विरोध में खड़े हो गए हैं. पहले जहां विपक्ष एरो सिटी को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर नजर आ रही थी तो वहीं अब किसानों का विरोध शुरू हो गया है. ऐसे में राज्य सरकार के लिए दिक्कतें और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, सीएम पुष्कर धामी ने ये स्पष्ट कर दिया है कि एरो सिटी बनाने के संबंध में अभी कोई प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा नहीं गया है.
सीए धामी बोले, 'अभी नहीं भेजा गया कोई प्रस्ताव': दरअसल, डोईवाला में भविष्य में एरो सिटी बनाए जाने की चर्चा इन दिनों जोरों पर हैं. जिसे लेकर डोईवाला में किसानों ने महापंचायत भी की. हालांकि, विपक्ष के साथ किसानों के विरोध पर सीएम धामी ने कहा कि एरो सिटी बनाने के संबंध में अभी कोई प्रस्ताव भारत सरकार को नहीं भेजा गया है. ऐसे में डोईवाला में कोई भी डेवलपमेंट का काम किया जाएगा तो किसानों से बातचीत की जाएगी.
जब तक किसानों की सहमति नहीं होगी, तब तक कोई प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. साथ ही सीएम ने कहा कि किसानों को किसी भी संदेश और चिंता में आने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, उस क्षेत्र के किसान स्टेक होल्डर हैं, ऐसे में एरो सिटी नहीं बनेगा तो किसानों की सहमति पर नहीं बनेगा.
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अगर इस प्रस्ताव पर कोई बात होगी तो किसानों की सहमति पर सरकार आगे बढ़ेगी. कुल मिलाकर, सरकार के इस निर्णय के बाद उम्मीद की जा रही है कि फिलहाल किसान प्रस्तावित एरो सिटी को लेकर विरोध नहीं करेंगे, लेकिन किसानों का विरोध और उग्र होता जा रहा है.
किसान नेता राकेश टिकैत का सख्त रुखः बता दें कि डोईवाला में प्रस्तावित एरो सिटी को लेकर विपक्ष पहले ही सवाल खड़े कर चुका है. अब किसान पंचायत आंदोलन को समर्थन देने डोईवाला पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने इस पर अपना बयान दिया. उनका साफ कहना है कि बीजेपी सरकारों को किसानों की एक इंच भी जमीन नहीं देंगे.
अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का सरकार कर रही प्रयासः मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप पर सरकार काम करने जा रही है. अपने चहेतों और आकाओं के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार यह कॉन्सेप्ट जनता पर थोप रही है. ये पर्वारणीय दृष्टिकोण से देहरादून के लंग्स को खत्म कर देगा. यह शहरीकरण और भूगर्भीय दृष्टिकोण से भी खतरनाक है.
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यह सीधे ग्रीन एरिया, गन्ना उत्पादक किसानों और हजारों मजदूरों के हितों को चोट पहुंचाएगा. उनका कहना है कि किसानों की जमीनें लेकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए यह योजना बनाई जा रही है. यहां की बहुमूल्य प्राकृतिक भू संपदा को विशेष पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का यह सुझाव है. जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करेगी.
बहरहाल, डोईवाला में सरकार की नया शहर बसाने की योजना के खिलाफ किसानों और ग्रामीणों की रोजाना बैठक हो रही हैं. साथ ही किसानों का यह आंदोलन उग्र रूप लेता नजर आ रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार अगर यह प्रस्ताव आगे बढ़ाती है तो विरोध का सामना करना पड़ सकता है.