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Joshimath Crisis: कैबिनेट बैठक में सीएम धामी का अधिकारियों को सख्त निर्देश, अगले 7 दिन में तैयार करें राहत पैकेज - Joshimath subsidence

कैबिनेट बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर जोशीमठ के लिए राहत पैकेज का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा जल्द से जल्द प्रस्ताव बनाया जाए. ताकि केंद्र सरकार से राहत पैकेज के लिए मांग की जा सके. वहीं, इसके अलावा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए दो और जगह चिन्हित किए गए. ईटीवी भारत से आपदा सचिव रंजीत सिन्हा से सभी प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की.

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Published : Jan 13, 2023, 6:58 PM IST

Updated : Jan 13, 2023, 7:51 PM IST

कैबिनेट में लिए गए फैसलों को लेकर आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा से बातचीत.

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक में सीएम धामी ने जोशीमठ आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. सीएम ने अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर जोशीमठ राहत पैकेज तैयार करने के निर्देश दिए. वहीं, आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए जहां पहले तीन जगह चिन्हित किए गए थे. अब दो और जगह चिन्हित की गई हैं, जहां पर प्रभावित परिवारों का पुनर्वास कराया जाएगा. वहीं, पुनर्वास करने से पहले इन सभी क्षेत्रों का भूगर्भीय सर्वे भी कराया जाएगा.

जोशीमठ राहत पैकेज को लेकर निर्देश: कैबिनेट बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर आपदा प्रभावितों को दिए जाने वाले राहत पैकेज का प्रस्ताव तैयार करने को कहा. कैबिनेट बैठक के बाद ईटीवी भारत से आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा आपदा प्रभावितों के लिए जो पहले निर्णय लिए गए थे, उस पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है. इसके अलावा आपदा प्रभावितों को और क्या राहत दी जा सकती है, इस पर भी निर्णय लिया गया है.

प्रभावितों के रहने और खाने की व्यवस्था: रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा जो प्रभावित परिवारों होम स्टे, होटल या कोई अन्य जगह ले रहे हैं, उसके लिए वास्तविक किराया या फिर अधिकतम 950 रुपए प्रतिदिन दिए जाने पर निर्णय लिया गया है. साथ ही परिवारों को खाने-पीने के लिए प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 450 रुपए दिए जाने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में बनाए गए शिविर से प्रभावित परिवार या तो खाना ले सकते हैं या फिर कैश पैसा ले सकते हैं.

प्रभावित परिवारों के दो लोगों दी जाएगी मजदूरी: इस आपदा के चलते प्रभावित परिवारों के व्यवसाय पर सीधा असर पड़ा है. ऐसे में उनकी आर्थिकी को थोड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने मजदूरी देने का निर्णय लिया है. हालांकि, उनकी क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती, लेकिन फौरी तौर पर उन्हें थोड़ी राहत दिए जाने को लेकर मजदूरी देने पर निर्णय लिया गया है. आपदा सचिव के अनुसार परिवारों में से दो व्यक्तियों को मनरेगा के तहत मजदूरी दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है.
ये भी पढ़ें: Joshimath Strategically Importance: जोशीमठ के हालात पर सेना और रक्षा मंत्रालय की नजर, ये है कारण

पशुओं के विस्थापन के लिए जमीन तलाशने के निर्देश: इसके अतिरिक्त प्रभावित परिवारों के पशुओं को लेकर भी तमाम दिक्कतें आ रही है. जिसको देखते हुए कृषि विभाग को प्रभावित परिवारों के पशुओं के लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए गए है. वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से पशुओं के विस्थापन के लिए 15 हजार रुपए प्रति पशु दिया जाएगा. इसके साथ ही बड़े पशुओं के चारे के लिए 80 रुपए और छोटे पशुओं के चारे के लिए 45 रुपए प्रति दिन दिया जाएगा.

प्रभावितों के लिए 5 जगह चिन्हित: आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर राज्य सरकार ने पहले तीन जगह चिन्हित किए थे. जिसमें पीपल कोटि, कोटि कॉलोनी और गोचर का क्षेत्र शामिल था. वहीं, कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए कुछ और जगह चिन्हित किया जाए. जिसके बाद गॉग सेलंग और ढाक क्षेत्र को भी आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए चिन्हित किया गया है. आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए अभी तक पांच जगह चिन्हित किए गए हैं. ऐसे में इन सभी जगहों पर भूगर्भीय सर्वे कराने के बाद प्लानिंग के तहत प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा.

राहत पैकेज को लेकर सीएम ने दिए निर्देश: जोशीमठ प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाना है. इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही भारत सरकार से राहत पैकेज का डिमांड करने जा रही है. जिसके चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के दौरान अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अगले 7 दिन के भीतर राहत पैकेज तैयार कर लें. ताकि, भारत सरकार को राहत पैकेज का प्रस्ताव भेज दिया जाए. इसके बाद अंतिम राहत पैकेज तैयार किया जाएगा. वही, डैमेज एसेसमेंट का सर्वे और जिला स्तर की रिपोर्ट आने के बाद निर्णय लिया जाएगा. दरअसल जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है, जो लोगों से बातचीत कर जानकारी ले रही है कि उन्हें घर चाहिए या फिर मुआवजा चाहिए. उसके बाद अंतिम राहत पैकेज तय किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: Joshimath sinking: अलकनंदा भी बनी जोशीमठ भू-धंसाव की वजह, कटाव से पहाड़ पर बढ़ा खतरा!

सभी हिल सिटी का होगा सर्वे: आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा प्रदेश के जितने भी हिल सिटीज है, उन सब का सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है. जिसमें मुख्य रूप से उनकी धारण क्षमता को लेकर सर्वे कराया जाएगा. ताकि, आगे की प्लानिंग केयरिंग कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए किया जा सके. यह सर्वे SDRF और Uttarakhand State Disaster Management Authority (USDMA) के फंड से कराई जाएगी. इसके साथ ही प्रदेश के अगर किसी क्षेत्र में कोई दिक्कत आती है तो तत्काल वहा सर्वे कराए जाने का निर्णय लिया गया हैं. इसी क्रम में कर्णप्रयाग में जो स्थिति बनी, उसकी सर्वे के लिए आईआईटी रुड़की को सर्वे की जिम्मेदारी दी हुई है.

संस्थानों की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए बनेगी ज्वाइंट कमेटी: जोशीमठ में भू-धंसाव की असल वजह जानने को लेकर वर्तमान समय में 8 अलग-अलग संस्थान सर्वे का काम कर रही है. ऐसे में सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है कि सभी रिपोर्ट का अध्ययन कर एक फाइनल रिपोर्ट तैयार करे. आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया भारत सरकार की संस्था एनडीएमए (National Disaster Management Authority) संपर्क में है. ऐसे में NDMA और USDMA की एक ज्वाइंट कमेटी बनाई जाएगी. जो सभी संस्थानों को रिपोर्ट का अध्ययन कर एक फाइनल रिपोर्ट तैयार करेगी. जिसके आधार पर आगे का निर्णय लेते हुए प्लानिंग के तहत कार्रवाई की जाएगी.

कैबिनेट में लिए गए फैसलों को लेकर आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा से बातचीत.

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक में सीएम धामी ने जोशीमठ आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. सीएम ने अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर जोशीमठ राहत पैकेज तैयार करने के निर्देश दिए. वहीं, आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए जहां पहले तीन जगह चिन्हित किए गए थे. अब दो और जगह चिन्हित की गई हैं, जहां पर प्रभावित परिवारों का पुनर्वास कराया जाएगा. वहीं, पुनर्वास करने से पहले इन सभी क्षेत्रों का भूगर्भीय सर्वे भी कराया जाएगा.

जोशीमठ राहत पैकेज को लेकर निर्देश: कैबिनेट बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर आपदा प्रभावितों को दिए जाने वाले राहत पैकेज का प्रस्ताव तैयार करने को कहा. कैबिनेट बैठक के बाद ईटीवी भारत से आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा आपदा प्रभावितों के लिए जो पहले निर्णय लिए गए थे, उस पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है. इसके अलावा आपदा प्रभावितों को और क्या राहत दी जा सकती है, इस पर भी निर्णय लिया गया है.

प्रभावितों के रहने और खाने की व्यवस्था: रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा जो प्रभावित परिवारों होम स्टे, होटल या कोई अन्य जगह ले रहे हैं, उसके लिए वास्तविक किराया या फिर अधिकतम 950 रुपए प्रतिदिन दिए जाने पर निर्णय लिया गया है. साथ ही परिवारों को खाने-पीने के लिए प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 450 रुपए दिए जाने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में बनाए गए शिविर से प्रभावित परिवार या तो खाना ले सकते हैं या फिर कैश पैसा ले सकते हैं.

प्रभावित परिवारों के दो लोगों दी जाएगी मजदूरी: इस आपदा के चलते प्रभावित परिवारों के व्यवसाय पर सीधा असर पड़ा है. ऐसे में उनकी आर्थिकी को थोड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने मजदूरी देने का निर्णय लिया है. हालांकि, उनकी क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती, लेकिन फौरी तौर पर उन्हें थोड़ी राहत दिए जाने को लेकर मजदूरी देने पर निर्णय लिया गया है. आपदा सचिव के अनुसार परिवारों में से दो व्यक्तियों को मनरेगा के तहत मजदूरी दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है.
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पशुओं के विस्थापन के लिए जमीन तलाशने के निर्देश: इसके अतिरिक्त प्रभावित परिवारों के पशुओं को लेकर भी तमाम दिक्कतें आ रही है. जिसको देखते हुए कृषि विभाग को प्रभावित परिवारों के पशुओं के लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए गए है. वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से पशुओं के विस्थापन के लिए 15 हजार रुपए प्रति पशु दिया जाएगा. इसके साथ ही बड़े पशुओं के चारे के लिए 80 रुपए और छोटे पशुओं के चारे के लिए 45 रुपए प्रति दिन दिया जाएगा.

प्रभावितों के लिए 5 जगह चिन्हित: आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर राज्य सरकार ने पहले तीन जगह चिन्हित किए थे. जिसमें पीपल कोटि, कोटि कॉलोनी और गोचर का क्षेत्र शामिल था. वहीं, कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए कुछ और जगह चिन्हित किया जाए. जिसके बाद गॉग सेलंग और ढाक क्षेत्र को भी आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए चिन्हित किया गया है. आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए अभी तक पांच जगह चिन्हित किए गए हैं. ऐसे में इन सभी जगहों पर भूगर्भीय सर्वे कराने के बाद प्लानिंग के तहत प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा.

राहत पैकेज को लेकर सीएम ने दिए निर्देश: जोशीमठ प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाना है. इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही भारत सरकार से राहत पैकेज का डिमांड करने जा रही है. जिसके चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के दौरान अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अगले 7 दिन के भीतर राहत पैकेज तैयार कर लें. ताकि, भारत सरकार को राहत पैकेज का प्रस्ताव भेज दिया जाए. इसके बाद अंतिम राहत पैकेज तैयार किया जाएगा. वही, डैमेज एसेसमेंट का सर्वे और जिला स्तर की रिपोर्ट आने के बाद निर्णय लिया जाएगा. दरअसल जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है, जो लोगों से बातचीत कर जानकारी ले रही है कि उन्हें घर चाहिए या फिर मुआवजा चाहिए. उसके बाद अंतिम राहत पैकेज तय किया जाएगा.
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सभी हिल सिटी का होगा सर्वे: आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा प्रदेश के जितने भी हिल सिटीज है, उन सब का सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है. जिसमें मुख्य रूप से उनकी धारण क्षमता को लेकर सर्वे कराया जाएगा. ताकि, आगे की प्लानिंग केयरिंग कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए किया जा सके. यह सर्वे SDRF और Uttarakhand State Disaster Management Authority (USDMA) के फंड से कराई जाएगी. इसके साथ ही प्रदेश के अगर किसी क्षेत्र में कोई दिक्कत आती है तो तत्काल वहा सर्वे कराए जाने का निर्णय लिया गया हैं. इसी क्रम में कर्णप्रयाग में जो स्थिति बनी, उसकी सर्वे के लिए आईआईटी रुड़की को सर्वे की जिम्मेदारी दी हुई है.

संस्थानों की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए बनेगी ज्वाइंट कमेटी: जोशीमठ में भू-धंसाव की असल वजह जानने को लेकर वर्तमान समय में 8 अलग-अलग संस्थान सर्वे का काम कर रही है. ऐसे में सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है कि सभी रिपोर्ट का अध्ययन कर एक फाइनल रिपोर्ट तैयार करे. आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया भारत सरकार की संस्था एनडीएमए (National Disaster Management Authority) संपर्क में है. ऐसे में NDMA और USDMA की एक ज्वाइंट कमेटी बनाई जाएगी. जो सभी संस्थानों को रिपोर्ट का अध्ययन कर एक फाइनल रिपोर्ट तैयार करेगी. जिसके आधार पर आगे का निर्णय लेते हुए प्लानिंग के तहत कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jan 13, 2023, 7:51 PM IST
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