देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार (Sex Ratio in Uttarakhand) के लिए पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान देने को कहा. इसके लिए जिला अधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर टास्क फोर्स के गठन के निर्देश दिए. उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के प्रति सामाजिक जागरूकता के प्रसार और राज्य को नशा मुक्त बनाए जाने के लिए नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना पर ध्यान देने को कहा.
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पात्र लोगों को त्वरित ढंग से महिला एवं बाल विकास के साथ समाज के कल्याण की योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिये सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं को अपणि सरकार पोर्टल से भी जोडे़ जाने की व्यवस्था किए जाने और विभागीय स्तर पर ऐप तैयार करने के निर्देश दिए. केंद्र सरकार की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाने और आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिए मिशन मोड में योजना बनाने पर भी ध्यान देने को कहा.
सीएम धामी ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना (Mukhyamantri Vatsalya Yojana) के तहत 6 हजार बच्चों के खाते में ऑनलाइन 12 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों की सहायता के लिए सामाजिक सहयोग भी लिया जाए. उन्होंने स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी बनाए जाने के साथ राज्य स्तरीय स्पॉन्सरशिप ट्रस्ट के गठन की संभावनाएं तलाशने को कहा. उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में भी सरलीकरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. नियमों के सरलीकरण से लोगों को उनका त्वरित ढंग से लाभ मिलेगा. उनकी समस्याओं का भी समाधान होगा.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारा उद्देश्य पीड़ितों, असहायों और जरूरत मंदों की मदद करना है. केंद्र सरकार की आईसीडीएस, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना, राष्ट्रीय पोषण अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन नंबर 181, कामकाजी महिला छात्रावास और राज्य सरकार की नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत जैसी योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बनाना है.