देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में लगातार तीर्थयात्रियों की मौत हो रही है. जिस पर सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने सभी यात्रियों को नसीहत दी है कि वो अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही यात्रा पर आएं. साथ ही कहा कि जिनका चारधाम यात्रा में रजिस्ट्रेशन हुआ है, वही यात्रा पर आएं.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra in Uttarakhand) अपने पीक पर चल रही है. हर दिन हजारों की संख्या में चारों धामों में यात्री पहुंच रहे हैं. चारधाम में उम्मीद से ज्यादा पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों के सामने सरकार की व्यवस्थाएं भी नाकाफी साबित हो रही है. हाई एल्टीट्यूड पर पहुंच रहे कई तीर्थयात्री काल के गाल में भी समा रहे हैं. अभी तक चारधाम यात्रा में 45 लोगों की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. चारधाम में लगातार बिगड़ रही व्यवस्था पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बयान दिया है. उन्होंने चारधाम पर आने वाले यात्रियों को नसीहत दी है.
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उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते यात्रा दो साल बाद पूरी चल रही है. ऐसा भी देखा जा रहा है कि बड़े पैमाने पर जो लोग अस्वस्थ हैं, वो भी यात्रा पर आ रहे हैं. ऐसे में उनका निवेदन है कि जिनका स्वास्थ्य खराब है, वह अभी यात्रा में ना आए. जब उनका स्वास्थ्य ठीक हो जाए, उसके बाद अपने डॉक्टर का सर्टिफिकेट लेकर ही चारधाम यात्रा में पहुंचे.
वहीं, सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि चारधाम के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. सभी धामों में व्यवस्थाएं बेहतर की गई हैं. जिससे श्रद्धालुओं को दिक्कत ना हो, लेकिन चारधाम में अव्यवस्थाएं की खबरें भी सामने आ रही है. कई जगहों से यात्रियों को लौटाने जा रहा है. जिसे लेकर कांग्रेस हमलावर है. जबकि, सीएम धामी के मुताबिक, चारधाम में सभी व्यवस्थाएं मुक्कमल हैं.
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चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा में अभी तक 45 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 15 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 18 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 8 यात्रियों ने जान गंवाई है.
पीएमओ ने भी लिया संज्ञान: सरकार के लिए सबसे ज्यादा चुनौती चारधाम यात्रा में मरने वाले श्रद्धालुओं की है. चारधाम में अभीतक 45 तीर्थयात्री दम तोड़ चुके हैं. अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत बीमारी के कारण हुई है, लेकिन मौत का कारण समय पर इलाज नहीं मिलना भी रहा है. यही कारण है कि पीएमओ ने खुद चारधाम यात्रा में दम तोड़ रहे तीर्थयात्रियों का संज्ञान लिया और व्यवस्थाओं को जिम्मा एनडीआरएफ और आईटीबीपी के हवाले कर दिया. ऐसा पहली बार हुआ है, जब एनडीआरएफ और आईटीबीपी को चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में शामिल किया गया है.
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तीर्थयात्रियों से लूट: चारधाम में न तो यात्रियों के रहने के कोई खास इंतजाम हो पाए हैं और न ही अन्य व्यवस्थाएं सरकार जुटा पाई है. हालात इतने खराब है कि केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भी जाम लग रहा है. पैदल मार्गों पर तीर्थयात्रियों को चलना मुश्किल हो रहा है. स्थानीय व्यापारियों ने लूट मचा रखी है. 20 से 25 रुपए में मिलने वाली पानी की बोतल 100 से बिक रही है.