देहरादून/चमोली: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में सोमवार को आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच जो झड़प हुई है वो मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि पहाड़ में इस तरह के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं कि आंदोलन में इस तरह का प्रदर्शन हुआ है. इस प्रदर्शन के पीछे कुछ और लोग काम कर रहे थे, लिहाजा इस पूरी घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घटना बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है. इसको गंभीरता से लिया गया है. सम्पूर्ण घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराए जाने के निर्देश दे दिए हैं. दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जायेगा.
इसके अलावा विकासनगर से बीजेपी नेता मुन्ना सिंह चौहान का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि घाट क्षेत्र के लोगों द्वारा गैरसैंण के पास जो प्रदर्शन किया गया उसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. हालांकि प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं बनता है. क्योंकि मुख्यमंत्री ने पहले ही सभी ब्लॉक में डेढ लेन सड़क की जोड़ने की सैद्धांतिक घोषणा की है.
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बता दें कि सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन घाट-नंदप्रयाग मोटर मार्ग के डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर घाट क्षेत्र के लोगों ने भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का घेराव करने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उन्हें दिवालीखाल में बैरिकेडिंग लगाकर रोकने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों की बीच झड़प भी हुई. आंदोलनकारियों की तरफ से पुलिस पर पथराव भी किया. पुलिस की तरफ से भी वाटर कैनन और लाठीचार्ज किया गया. इस दौरान एक सीओ और पुलिस का जवान घायल हो गया है. वहीं कुछ आंदोलनकारियों के चोटिल होने की भी सूचना है.