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उत्तराखंड विस में हुई नियुक्तियों की होगी हाई लेवल जांच, CM धामी ने स्पीकर को लिखा पत्र - CM धामी ने स्पीकर को लिखा पत्र

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखकर (CM Dhami writes to Speaker Ritu Khanduri) उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly Recruitments) में की गई नियुक्तियों की उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया है और नियुक्तियों में अनियमितता पाए जाने पर रद्द करने का आग्रह किया है.

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Published : Sep 1, 2022, 9:48 PM IST

Updated : Sep 1, 2022, 10:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले (Back door recruitment case in Uttarakhand assembly) में बड़ी खबर सामने आई है. विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखकर (CM Dhami writes to Speaker Ritu Khanduri) जांच कराने का आग्रह किया है. विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में मुख्यमंत्री आवास से लेकर मंत्रियों और संघ से जुड़े लोगों के करीबियों को विधानसभा में नियुक्ति दी गई थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पत्र में कहा कि उत्तराखंड विधानसभा की जिन भर्तियों पर विवाद हो रहा है, उनकी स्पीकर ऋतु भूषण खंडूड़ी उच्च स्तरीय जांच कराए और जांच में यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उन नियुक्तियों को रद्द कर दिया जाए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सोशल मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विधानसभा सचिवालय में अनियमितता के आरोप बीते कुछ दिनों से लग रहे हैं. विधानसभा एक गरिमामय स्वायत्तशाही संवैधानिक संस्था है और इस संस्था गरिमा बनाए रखना सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसीलिए उत्तराखंड विधानसभा की जिन भर्तियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं, उनकी निष्पक्ष जांच कराई जाए और जांच में बाद यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उन नियुक्तियों को रद्द कर दिया जाए.

CM Pushkar Singh Dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिखा पत्र.
पढ़ें- उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों पर बवाल, पूर्व सीएम ने की जांच की मांग

विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: बता दें कि, विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टॉफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां विधानसभा में नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.

बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत की भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है. मामला इतना ही नहीं है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किया गया है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई. उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली.
पढ़ें- विधानसभा बैकडोर भर्ती पर BJP हाईकमान सख्त, प्रेमचंद अग्रवाल दिल्ली तलब!

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला. इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले (Back door recruitment case in Uttarakhand assembly) में बड़ी खबर सामने आई है. विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखकर (CM Dhami writes to Speaker Ritu Khanduri) जांच कराने का आग्रह किया है. विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में मुख्यमंत्री आवास से लेकर मंत्रियों और संघ से जुड़े लोगों के करीबियों को विधानसभा में नियुक्ति दी गई थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पत्र में कहा कि उत्तराखंड विधानसभा की जिन भर्तियों पर विवाद हो रहा है, उनकी स्पीकर ऋतु भूषण खंडूड़ी उच्च स्तरीय जांच कराए और जांच में यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उन नियुक्तियों को रद्द कर दिया जाए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सोशल मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विधानसभा सचिवालय में अनियमितता के आरोप बीते कुछ दिनों से लग रहे हैं. विधानसभा एक गरिमामय स्वायत्तशाही संवैधानिक संस्था है और इस संस्था गरिमा बनाए रखना सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसीलिए उत्तराखंड विधानसभा की जिन भर्तियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं, उनकी निष्पक्ष जांच कराई जाए और जांच में बाद यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उन नियुक्तियों को रद्द कर दिया जाए.

CM Pushkar Singh Dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिखा पत्र.
पढ़ें- उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों पर बवाल, पूर्व सीएम ने की जांच की मांग

विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: बता दें कि, विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टॉफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां विधानसभा में नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.

बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत की भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है. मामला इतना ही नहीं है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किया गया है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई. उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली.
पढ़ें- विधानसभा बैकडोर भर्ती पर BJP हाईकमान सख्त, प्रेमचंद अग्रवाल दिल्ली तलब!

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला. इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है.

Last Updated : Sep 1, 2022, 10:11 PM IST
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