देहरादून: कल से पहाड़ों की रानी मसूरी में तीन दिवसीय मिलेट्स महोत्सव का आयोजन किया जाएगा.तीन दिवसीय मिलेट्स सम्मेलन 11 से 13 अप्रैल तक चलेगा. तीन दिवसीय मिलेट्स महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे. मसूरी में आयोजित होने वाले मिलेट्स महोत्सव में देश विदेश से 100 से ज्यादा एक्सपर्ट पंहुचेंगे.
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी में होने जा रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय मिलेट्स सम्मेलन के बारे में जानकारी दी. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बताया नेशनल काउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड (COSAMB) और उत्तराखंड सरकार मिलकर मिलेट्स पर राष्ट्रीय सम्मेलन करने जा रहे हैं. जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे. गणेश जोशी ने बताया पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन के चलते UNO ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में घोषित किया है. इसी के तहत पहली बार 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक मसूरी में नेशनल काउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड (COSAMB) और उत्तराखंड राज्य द्वारा राष्ट्रीय मिलेट्स सम्मेलन का आयोजन कर है.
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इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल मौजूद रहेंगे. इसके अलावा इस सम्मेलन में अलग-अलग राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे. इस तरह से असम, तेलंगाना, गोवा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर आदी राज्यों के 50-60 प्रतिनिधि भी इसमें भाग लेंगे. उन्होंने बताया इस सम्मेलन में मोटे अनाज पर कैसे व्यवस्थित तरीके से काम हो, इस पर गहन मंथन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में कई शोध संस्थानों के शोधकर्ता हिस्सा लेंगे. भारतीय चिकित्सा संयंत्र विपणन संघ, भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद और एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े जानकारों के अलावा एडी पोर्ट्स ग्रुप के वरिष्ठ शोधकर्ता भी यहां अपने अनुभव साझा करेंगे.
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राष्ट्रीय मिलेट्स सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए गणेश जोशी ने कहा एक वो दौर था जब मोटे अनाज केवल गरीबी की थाली में हुआ करते थे, लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई हैं. प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के प्रयासों से आज हर एक अमीर अपने स्वस्थ्य शरीर के लिए मोटे अनाज को अपनी थाली में शामिल करना चाहता है. उन्होंने कहा इन परिस्थितियों के बदलने से मोटे अनाज को उगाने और इसके सेवन के प्रति जागरुकता आई है. गणेश जोशी ने कहा हिमालयी राज्य मोटे अनाज के उत्पादन में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उत्तराखंड में पारमंपरिक तौर से मोटे अनाज की खेती की जाती थी, लेकिन, आज वो विलुप्ति की कगार पर हैं. राष्ट्रीय मिलेट्स सम्मेलन के जरिये मोटे अनाज पर ध्यान दिया जाएगा.
गणेश जोशी ने भारत सरकार का भी आभार प्रकट करते हुए कहा केंद्र सरकार द्वारा भारतीय सेना के लिए कुल क्रय किये जाने वाले राशन में 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी मोटे अनाज की तय की गई है. उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां सरकार ने मिलेट्स के तहत मंडुवे का न्यून्तम समर्थन मूल्य 35.78 रुपये तय किया है. पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को वितरण किया जा रहा है. उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा निश्चित ही यह राष्ट्रीय सम्मेलन किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.