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दिल्ली MCD में BJP से बेहतर सीएम धामी का प्रदर्शन, पार्टी ने 41 तो धामी ने 46 प्रतिशत पर दिया रिजल्ट - दिल्ली एमसीडी चुनाव

दिल्ली एमसीडी चुनाव (delhi mcd election) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) का चुनाव प्रचार भाजपा के काम नहीं आया. एमसीडी चुनाव(delhi mcd election results) में सीएम धामी ने 22 वार्डों में प्रचार किया था. जिसमें से भाजपा केवल 10 वार्डों में ही जीत हासिल कर पाई है. एमसीडी चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विपक्षियों के निशाने पर आ गये हैं.

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दिल्ली MCD में BJP से बेहतर सीएम धामी का प्रदर्शन
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Published : Dec 7, 2022, 7:35 PM IST

Updated : Dec 8, 2022, 1:20 PM IST

देहरादून: दिल्ली एमसीडी चुनाव के परिणाम(delhi mcd election results) घोषित हो गये हैं. दिल्ली में दिल्ली एमसीडी चुनाव में बीजेपी 15 साल बाद MCD की सत्ता से बाहर हो गई है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली एमसीडी चुनाव में 134 सीटें जीतकर एमसीडी पर कब्जा कर लिया है. दिल्ली एमसीडी चुनाव में भाजपा की हार के साथ ही नेताओं के परफॉर्मेंस का भी आकलन होने लगा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले में अब विपक्षी दलों के निशाने पर हैं. दरअसल सीएम धामी जिन वार्डों में प्रचार किया था, वहां अधिकतर सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा.

जानकारी के अनुसार सीएम धामी जिन वार्डों के प्रचार के लिए पहुंचे, उनमें अधिकतर सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. बता दें दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों की संख्या लाखों में है. शायद इसीलिए भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम मंत्रियों और भाजपा संगठन को दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए जिम्मेदारी दी थी. माना जाता है कि दिल्ली के करीब 20 से 25 वार्डों में प्रवासी उत्तराखंडियों की संख्या निर्णायक भूमिका में रहती है. ऐसे में इन्हीं वार्डों में उत्तराखंड के बड़े नेताओं को प्रचार के लिए लगाया गया.

MCD चुनाव में काम नहीं आया CM का धुआंधार प्रचार.

पढ़ें- MCD में जीत: कूड़े का पहाड़ हटाने के साथ जिम्मेदारियों का भारी बोझ भी उठाना होगा केजरीवाल को

आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने कहा दिल्ली एमसीडी चुनाव के परिणामों ने यह जाहिर कर दिया है कि न केवल प्रवासी उत्तराखंडियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नकार दिया है, बल्कि भाजपा पर भी अब जनता का विश्वास नहीं रहा है. दिल्ली में जिन वार्डों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रचार के लिए पहुंचे उन सीटों पर भाजपा संगठन और सरकार के दूसरे मंत्री विधायक भी जुटे हुए थे, वहां ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

दिल्ली एमसीडी चुनाव में सीएम धामी का परफॉर्मेंस

  1. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 22 वार्डों में किया प्रचार प्रसार.
  2. कुल 10 वार्डों में भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की.
  3. इनमें 12 वार्डों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने दिखाया दम.
  4. यहां 1 सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की.
  5. एमसीडी चुनाव में मुख्यमंत्री धामी का परफॉर्मेंस 50% भी नहीं रहा.

वॉर्ड संख्या-215, 181, 151, 160, 159,125, 126, 127, 121, 90, 191, 201, 198, 196, 192, 232, 229, 09, 247 और 06 में सीएम धामी ने प्रचार किया था. जिनमें से 8 वार्डों में ही भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. दिल्ली नगर निगम के चुनाव के बहाने विपक्षी दल उत्तराखंड में भी राजनीति करने से नहीं चूक रही है.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरादास जोशी ने कहा दिल्ली में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रचार कर रहा था यही नहीं उत्तराखंड में विधानसभा सत्र पर ध्यान देने के बजाय मुख्यमंत्री धामी दिल्ली एमसीडी चुनाव पर ध्यान लगाए हुए थे, लेकिन यह सब भी भाजपा के काम नहीं आया. भाजपा की वहां शर्मनाक हार हुई है. मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि इस हार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता पर भी सवाल खड़ा होता है.

पढ़ें- IMPACT: चारधाम यात्रा 2023 की तैयारियां अभी से शुरू, श्रद्धालुओं की मौत पर विपक्ष हमलावर

विपक्षी दल हमलावर हैं तो भाजपा संगठन इस मामले में अपनी सरकार के मुख्यमंत्री का बचाव कर रहे हैं. भाजपा नेता कहते हैं कि भले ही भाजपा बहुमत हासिल न कर पाई हो, लेकिन जिस तरह लोग भाजपा के बेहद खराब स्थिति में रहने की बात कह रहे थे. उसके उलट भाजपा ने दिल्ली में 100 का आंकड़ा पार कर अच्छा प्रदर्शन किया है. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के नेताओं का भी दिल्ली एमसीडी परिणामों में अच्छा प्रदर्शन बताया.

देहरादून: दिल्ली एमसीडी चुनाव के परिणाम(delhi mcd election results) घोषित हो गये हैं. दिल्ली में दिल्ली एमसीडी चुनाव में बीजेपी 15 साल बाद MCD की सत्ता से बाहर हो गई है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली एमसीडी चुनाव में 134 सीटें जीतकर एमसीडी पर कब्जा कर लिया है. दिल्ली एमसीडी चुनाव में भाजपा की हार के साथ ही नेताओं के परफॉर्मेंस का भी आकलन होने लगा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले में अब विपक्षी दलों के निशाने पर हैं. दरअसल सीएम धामी जिन वार्डों में प्रचार किया था, वहां अधिकतर सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा.

जानकारी के अनुसार सीएम धामी जिन वार्डों के प्रचार के लिए पहुंचे, उनमें अधिकतर सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. बता दें दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों की संख्या लाखों में है. शायद इसीलिए भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम मंत्रियों और भाजपा संगठन को दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए जिम्मेदारी दी थी. माना जाता है कि दिल्ली के करीब 20 से 25 वार्डों में प्रवासी उत्तराखंडियों की संख्या निर्णायक भूमिका में रहती है. ऐसे में इन्हीं वार्डों में उत्तराखंड के बड़े नेताओं को प्रचार के लिए लगाया गया.

MCD चुनाव में काम नहीं आया CM का धुआंधार प्रचार.

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आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने कहा दिल्ली एमसीडी चुनाव के परिणामों ने यह जाहिर कर दिया है कि न केवल प्रवासी उत्तराखंडियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नकार दिया है, बल्कि भाजपा पर भी अब जनता का विश्वास नहीं रहा है. दिल्ली में जिन वार्डों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रचार के लिए पहुंचे उन सीटों पर भाजपा संगठन और सरकार के दूसरे मंत्री विधायक भी जुटे हुए थे, वहां ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

दिल्ली एमसीडी चुनाव में सीएम धामी का परफॉर्मेंस

  1. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 22 वार्डों में किया प्रचार प्रसार.
  2. कुल 10 वार्डों में भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की.
  3. इनमें 12 वार्डों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने दिखाया दम.
  4. यहां 1 सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की.
  5. एमसीडी चुनाव में मुख्यमंत्री धामी का परफॉर्मेंस 50% भी नहीं रहा.

वॉर्ड संख्या-215, 181, 151, 160, 159,125, 126, 127, 121, 90, 191, 201, 198, 196, 192, 232, 229, 09, 247 और 06 में सीएम धामी ने प्रचार किया था. जिनमें से 8 वार्डों में ही भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. दिल्ली नगर निगम के चुनाव के बहाने विपक्षी दल उत्तराखंड में भी राजनीति करने से नहीं चूक रही है.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरादास जोशी ने कहा दिल्ली में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रचार कर रहा था यही नहीं उत्तराखंड में विधानसभा सत्र पर ध्यान देने के बजाय मुख्यमंत्री धामी दिल्ली एमसीडी चुनाव पर ध्यान लगाए हुए थे, लेकिन यह सब भी भाजपा के काम नहीं आया. भाजपा की वहां शर्मनाक हार हुई है. मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि इस हार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता पर भी सवाल खड़ा होता है.

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विपक्षी दल हमलावर हैं तो भाजपा संगठन इस मामले में अपनी सरकार के मुख्यमंत्री का बचाव कर रहे हैं. भाजपा नेता कहते हैं कि भले ही भाजपा बहुमत हासिल न कर पाई हो, लेकिन जिस तरह लोग भाजपा के बेहद खराब स्थिति में रहने की बात कह रहे थे. उसके उलट भाजपा ने दिल्ली में 100 का आंकड़ा पार कर अच्छा प्रदर्शन किया है. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के नेताओं का भी दिल्ली एमसीडी परिणामों में अच्छा प्रदर्शन बताया.

Last Updated : Dec 8, 2022, 1:20 PM IST
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