देहरादून: गुरुवार को दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर निधि उनियाल द्वारा स्वास्थ्य सचिव की पत्नी पर बदतमीजी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने का मामला तूल पकड़ गया है. इसकी धमक मुख्यमंत्री कार्यालय तक सुनाई दे रही है. सीएम धामी ने मामले में सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने तत्काल प्रभाव से डॉक्टर निधि उनियाल के स्थानांतरण को स्थगित करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही प्रकरण की जांच हेतु कमेटी बनाने के भी निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री से उनके आवास में मिलकर प्रकरण से अवगत कराया था. वहीं आनन-फानन में निधि उनियाल का स्थानांतरण अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना हॉस्पिटल में कर दिया गया था.
अपर मुख्य सचिव करेंगी जांच: उत्तराखंड में वरिष्ठ महिला चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार के मामले पर मुख्यमंत्री के सख्त रुख दिखाने के बाद इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है. दरअसल, मामले को लेकर पहले ही चिकित्सक की तरफ से इस्तीफा दे दिया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद न केवल चिकित्सक के ट्रांसफर आदेश को रद्द किया गया है, बल्कि मामले में जांच के भी आदेश दिए गए. इसी प्रक्रिया में मुख्य सचिव ने अब अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को इसकी जांच की लिए नामित किया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार मामले पर संज्ञान लेते हुए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉक्टर निधि उनियाल के अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में अटैचमेंट को रद्द करने का आदेश दिया था. इसके बाद इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के भी निर्देश मुख्य सचिव को दिए गए थे. इसी कड़ी में जहां एक तरफ मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे से बात की है तो वहीं इस मामले की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को नामित किया गया है. मामले में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने निर्देश देते हुए मनीषा पंवार को इस मामले की तथ्यात्मक जांच करते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
शुक्रवार को एक कार्यक्रम के बाद जब मुख्यमंत्री से इस संबंध में प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले पर संज्ञान लिया है. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत से भी इस संबंध में बातचीत की है और इस मामले की पूरी तरह से निगरानी की जा रही है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डॉ. निधि उनियाल के मामले में एक जांच कमेटी को पूरे मामले की तहकीकात करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसे खुद स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत देख रहे हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जन भावनाओं के अनुरूप इस मामले पर पूरी पारदर्शिता से कार्रवाई की जाएगी और जो भी जांच में दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह था मामला: शिकायतकर्ता डॉ. निधि उनियाल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्होंने बताया गुरुवार को वह अस्पताल में अपनी ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं. इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी की तबीयत जांचने उनके घर जाने के लिए कहा. मरीजों की भीड़ देखते हुए एक बार डॉ. निधि ने असमर्थता भी जताई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वहां जाना जरूरी है. इस पर डॉ. निधि अपने दो मेडिकल स्टाफ के साथ उनके घर पहुंची.
सचिव की पत्नी की जांच करने के बाद डॉक्टर ने जरूरी परामर्श दिया. उसके बाद डॉ. निधि ने ब्लड प्रेशर जांचने की भी बात कही. डॉ. निधि ने बताया कि बीपी इंस्ट्रूमेंट बाहर कार में छूट गया था, जिसे लेने उन्होंने स्टाफ को भेजा.
आरोप है कि इस पर सचिव की पत्नी नाराज हो गईं और मोबाइल फोन पर बात करते हुए डॉक्टर के बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई. डॉ. निधि उनियाल इस पर आपत्ति जताते हुए अपने स्टाफ के साथ अस्पताल लौट गईं. डॉ. निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा. डॉ. निधि ने कहा उनकी कोई गलती नहीं है तो वह क्यों माफी मांगें. इसके बाद डॉ. निधि मेडिकल कॉलेज में क्लास में पढ़ाने चली गईं.
इस्तीफे में डॉ. निधि उनियाल ने कहा कि वह एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं. वे देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में रह चुकी हैं. पहले तो सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है. इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं. डॉ. निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध करने पर उनका तबादला किया गया है.