देहरादून: 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' सिर्फ बोलने से नहीं करने से सिद्ध होगा. जिसके लिये जमीनी आधार पर काम करने की जरूरत है. इसी का उदाहरण देहरादून में देखने को मिला. दरअसल जिलाधिकारी सोनिका के जनता दरबार में स्कूल ड्रेस पहने 8 साल की एक बच्ची पहुंची. बच्ची ने डीएम सोनिका को बताया कि उसको स्कूल में पढ़ाई करने के लिये किताबों की जरूरत है. उसके घर में सिर्फ उसके पिता हैं जो आर्थिक तौर पर अधिक सम्पन्न नहीं हैं. बच्ची की पढ़ाई में इतनी लगन देखकर जिलाधिकारी सोनिका ने तुरंत ही बच्ची को जरूरत का सामान और किताबें दिलाने के निर्देश दिये. बच्ची ने बताया कि वो अभी कक्षा 4 की स्टूडेंट है और डीएम से मिलकर उसे बहुत खुशी हुई.
जरूरतमंद बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिये मुहिम: बता दें कि जन सुनवाई में डांडीपुर मच्छी बाजार निवासी हर्षिता ने जिलाधिकारी से कक्षा 4 की किताबें दिलवाने का अनुरोध किया. जिसके लिये जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बालिका को किताबें उपलब्ध कराई जाएं. पहले भी बालिका का दाखिला जिलाधिकारी के निर्देशों पर स्थानीय निजी स्कूल में किया गया था. जनपद में जिलाधिकारी की पहल से जिला प्रशासन देहरादून द्वारा जरूरतमंद बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जाने के लिए स्मार्ट सिटी के सहयोग से मुहिम चलाई जा रही है. जिसमें अनावश्यक किताबें कलेक्शन सेन्टरों और स्मार्ट सिटी की बसों पर बनाए गए बॉक्स में जमा किया जा सकती हैं. जिससे जरूरतमंद बच्चों को आसानी से किताबें उपलब्ध कराई जा सकें.
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वहीं जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि बच्ची पहले भी एडमिशन के लिए उनके पास आ चुकी है. अब उसे पढ़ाई के लिए जो जरूरत है, वो चीजें उसको तुरंत ही दिलवाई जा रही हैं. साथ ही पहले ही जिले में जरूरतमंदों को किताबें देने की सुविधा चालू है. हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है और उसके लिए हम हर संभव मदद करेंगे.