देहरादून: महानगर सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने परिवहन आयुक्त सुधांशु गर्ग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को उन्होंने एक प्रेसवार्ता की. जिसमें उन्होंने उप परिवहन आयुक्त सुधांशु गर्ग के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर सरकार से कार्रवाई की मांग की है. विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि उनकी ओर से परिवहन मुख्यालय में आरटीआई के माध्यम से उप परिवहन आयुक्त सुधांशु गर्ग के विषय में जानकारी मांगी गई. जिसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं.
जानकारी में कुल छह बिंदु सामने आए हैं. जिसमें पहले मामले में सुधांशु गर्ग ने हरिद्वार में एआरटीओ के पद पर रहते हुए एक ट्रक को फिटनेस पत्र जारी किया, जबकि ट्रक थाने में खड़ा था. वहीं, 1998 में ट्रक मालिक को ट्रक फिटनेस के मामले में परेशान करने, वर्ष 2017 में एक ही नंबर के दो ट्रकों के पकड़े जाने के बाद भी ट्रक मालिक को मात्र चालान की कार्रवाई कर छोड़ दिये जाने समेत उन पर कई आरोप हैं. बावजूद इसके उनपर कार्रवाई नहीं हुई है. विजय वर्धन डंडरियाल ने इस बात की जानकारी पीएमओ कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भी दी है.
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महानगर सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि 2002 में एक बस बदरीनाथ जाते हुए रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसमें 26 लोग मारे गये थे. उस गाड़ी की फिटनेस भी ऋषिकेश में एआरटीओ रहते हुए सुधांशु गर्ग ने ही दी थी. जबकि शासन द्वारा इस गाड़ी में तकनीकी खामियां पाई गई थी. साथ ही देहरादून में आरटीओ विभाग में पेनॉल्टी घोटाला हुआ था. जिसमें लेखाकार एवं आशुलिपिक को निलंबित किया गया था. जबकि सुधांशु गर्ग के लॉगिन से भी यह कृत्य किया गया था, मगर तब भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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इसके आलावा एक फर्जी लेटर पर स्थानांतरण का मामला सामने आया था. जिसमें सुधांशु गर्ग उप परिवहन आयुक्त से रिवर्ट होकर आरटीओ देहरादून का पद संभालना था, जबकि वह फर्जी लेटर सुधांशु गर्ग द्वारा आरटीओ देहरादून में प्रशासनिक अधिकारी को अपने व्हाट्सएप के जरिए भेजा गया था. मगर इस मामले में उन्हें जांच से बचाया गया.
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महानगर सिटी बस यूनियन के अध्यक्षविजय वर्धन डंडरियाल ने आरोप लगाया की यदि राज्य सरकार किसी बाहरी एजेंसी से जांच कराए तो सुधांशु गर्ग के और भी कई भ्रष्टाचार के मामले खुल जाएंगे.