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सिटी बस यूनियन की चेतावनी, डग्गामार वाहनों पर नहीं हुई कार्रवाई तो जाएंगे कोर्ट - Operation of CT bus in Dehradun

महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने सोमवार को आरटीओ को ज्ञापन सौंपा. जिसमें उन्होंने विक्रम, ई-रिक्शा और डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई की मांग की है.

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सिटी बस यूनियन महासंघ ने आरटीओ को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 20, 2020, 8:39 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 8:48 PM IST

देहरादून: राजधानी दून में सिटी बसों को दोगुना किराया वसूलने के साथ संचालन की अनुमति तो मिल गई है. लेकिन टेपो, विक्रम और ई-रिक्शा के चलने की वजह से उनकी हालत बदतर हो गई है. ऐसे में उन्हें लॉकडाउन के चलते हुए घाटे से उभरने का मौका तक नहीं मिल पा रहा है. जिसे लेकर महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने सोमवार को आरटीओ को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें कहा गया है कि सिटी बस यूनियन अपनी पूरी गाड़ियां 23 जुलाई को परमिट के साथ सरेंडर कर देंगे. उन्होंने विभाग पर आरोप लगाया कि टेंपो, विक्रम और ई-रिक्शा नियम के खिलाफ संचालन कर रहे है, जिसपर रोक नहीं लगाई जा रही है.

बता दें कि, लॉकडाउन के दौरान देहरादून शहर में सार्वजनिक बस सेवा पूरी तरह से प्रतिबंधित थी. जिसके बाद अनलॉक-1 में राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर 50 फीसदी सवारी के हिसाब से सिटी बसों के संचालन की अनुमति दी. लेकिन, सिटी बस यूनियन ने बस संचालित करने से मना कर दिया था. जबकि, ऑटो और विक्रम 50 फीसदी सवारी की गाइडलाइन के अनुरूप संचालित रहे. बीते 18 जून को कैबिनेट बैठक में सिटी बसों को दोगुना किराए के साथ संचालित करने की अनुमति मिली थी.

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जिसके बाद यूनियन ने बसों का संचालन शुरू कर दिया था. लेकिन, विक्रम और ऑटो कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए फुटकर सवारियों को बैठने का काम कर रहे हैं. जिस कारण सिटी बसों को सवारी नहीं मिल पा रही है. जिससे उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है. जबकि हाईकोर्ट ने बीते 27 मई 2014 में टेंपो और विक्रम को फुटकर सवारियों के बैठाने पर रोक लगाई थी.

महानगर सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने बताया कि आज आरटीओ को ज्ञापन दिया गया. जिसमें कहा गया कि हम अपनी पूरी गाड़ियां 23 जुलाई को परमिट के साथ सरेंडर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब परिवहन विभाग टेंपो, विक्रम और ई-रिक्शा पर पूरी तरह रोकथाम लगा देगा, उस दिन बसों का संचालन टर्मिनल से शुरू कर देंगे.

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अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने कहा कि गाड़ी सरेंडर होने पर काफी लोग बेरोजगार और उनके परिवार भुखमरी की कगार पर आ जाएगा. ऐसे में आरटीओ के यहां ड्राइवर, कंडक्टर और मोटर मालिक परिवहन कार्यालय में भीख मांगेगे और विभाग से कहेंगे कि आप हमें या तो रोजगार दें या फिर डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगाए. इसके साथ महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट और नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग की है. मांग नहीं माने जाने पर कोर्ट जाने की बात कही है.

देहरादून: राजधानी दून में सिटी बसों को दोगुना किराया वसूलने के साथ संचालन की अनुमति तो मिल गई है. लेकिन टेपो, विक्रम और ई-रिक्शा के चलने की वजह से उनकी हालत बदतर हो गई है. ऐसे में उन्हें लॉकडाउन के चलते हुए घाटे से उभरने का मौका तक नहीं मिल पा रहा है. जिसे लेकर महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने सोमवार को आरटीओ को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें कहा गया है कि सिटी बस यूनियन अपनी पूरी गाड़ियां 23 जुलाई को परमिट के साथ सरेंडर कर देंगे. उन्होंने विभाग पर आरोप लगाया कि टेंपो, विक्रम और ई-रिक्शा नियम के खिलाफ संचालन कर रहे है, जिसपर रोक नहीं लगाई जा रही है.

बता दें कि, लॉकडाउन के दौरान देहरादून शहर में सार्वजनिक बस सेवा पूरी तरह से प्रतिबंधित थी. जिसके बाद अनलॉक-1 में राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर 50 फीसदी सवारी के हिसाब से सिटी बसों के संचालन की अनुमति दी. लेकिन, सिटी बस यूनियन ने बस संचालित करने से मना कर दिया था. जबकि, ऑटो और विक्रम 50 फीसदी सवारी की गाइडलाइन के अनुरूप संचालित रहे. बीते 18 जून को कैबिनेट बैठक में सिटी बसों को दोगुना किराए के साथ संचालित करने की अनुमति मिली थी.

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जिसके बाद यूनियन ने बसों का संचालन शुरू कर दिया था. लेकिन, विक्रम और ऑटो कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए फुटकर सवारियों को बैठने का काम कर रहे हैं. जिस कारण सिटी बसों को सवारी नहीं मिल पा रही है. जिससे उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है. जबकि हाईकोर्ट ने बीते 27 मई 2014 में टेंपो और विक्रम को फुटकर सवारियों के बैठाने पर रोक लगाई थी.

महानगर सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने बताया कि आज आरटीओ को ज्ञापन दिया गया. जिसमें कहा गया कि हम अपनी पूरी गाड़ियां 23 जुलाई को परमिट के साथ सरेंडर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब परिवहन विभाग टेंपो, विक्रम और ई-रिक्शा पर पूरी तरह रोकथाम लगा देगा, उस दिन बसों का संचालन टर्मिनल से शुरू कर देंगे.

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अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने कहा कि गाड़ी सरेंडर होने पर काफी लोग बेरोजगार और उनके परिवार भुखमरी की कगार पर आ जाएगा. ऐसे में आरटीओ के यहां ड्राइवर, कंडक्टर और मोटर मालिक परिवहन कार्यालय में भीख मांगेगे और विभाग से कहेंगे कि आप हमें या तो रोजगार दें या फिर डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगाए. इसके साथ महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट और नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग की है. मांग नहीं माने जाने पर कोर्ट जाने की बात कही है.

Last Updated : Jul 20, 2020, 8:48 PM IST
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