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सिटी बस सेवा महासंघ ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को भेजा पत्र, उत्पीड़न का लगाया है आरोप

महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने पुलिस पर वाहन व्यवसायियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र भेजा है. जिसमें पुलिस विभाग को मोटर वाहन अधिनियम में शामिल अपराधों के ही अधिकार दिये जाने की मांग की है.

पुलिस पर वाहन व्यवसाईयों का उत्पीड़न करने का लगा आरोप.
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Published : Sep 17, 2019, 11:50 PM IST

देहरादून: महानगर सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र सौंपा है. जिसमें उन्होंने पुलिस पर वाहन व्यवसायियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए पुलिस विभाग को मोटर वाहन अधिनियम में शामिल अपराधों के ही अधिकार दिये जाने की मांग की है.

सिटी बस सेवा महासंघ ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को भेजा पत्र.

महासंघ अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया की मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन कर जुर्माने का प्रावधान अधिक रखा गया है. वहीं अब पुलिस कमर्शियल गाड़ियों को रोककर चालान कर रही है. जो गलता है. उन्होंने बताया कि बीते रोज चीता पुलिस ने सिटी बस को चेकिंग के लिए रोका, लेकिन चीता पुलिस को इस तरह का कोई अधिकार नहीं है.

ये भी पढ़े: भीमताल में छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, कॉलेज प्रशासन में मचा हड़कंप

उन्होंने कहा कि पुलिस अभी से कानून का उल्लंघन कर रही है. जिसे लेकर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र भेजा गया है. उन्होंने बताया कि पत्र में उन्होंने पुलिस को यातायात से संबंधित अधिकार दिए जाने की मांग की है. पुलिस को सीमित ही चालान का अधिकार मिलना चाहिए. ताकि यातायात चालान में पारदर्शिता रहे. उन्होंने कहा यदि ऐसा नहीं होता है तो पुलिसकर्मी अपनी वर्दी का दुरुपयोग करेंगे जिससे कमर्शियल वाहन स्वामी परेशान होगा.

देहरादून: महानगर सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र सौंपा है. जिसमें उन्होंने पुलिस पर वाहन व्यवसायियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए पुलिस विभाग को मोटर वाहन अधिनियम में शामिल अपराधों के ही अधिकार दिये जाने की मांग की है.

सिटी बस सेवा महासंघ ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को भेजा पत्र.

महासंघ अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया की मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन कर जुर्माने का प्रावधान अधिक रखा गया है. वहीं अब पुलिस कमर्शियल गाड़ियों को रोककर चालान कर रही है. जो गलता है. उन्होंने बताया कि बीते रोज चीता पुलिस ने सिटी बस को चेकिंग के लिए रोका, लेकिन चीता पुलिस को इस तरह का कोई अधिकार नहीं है.

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उन्होंने कहा कि पुलिस अभी से कानून का उल्लंघन कर रही है. जिसे लेकर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र भेजा गया है. उन्होंने बताया कि पत्र में उन्होंने पुलिस को यातायात से संबंधित अधिकार दिए जाने की मांग की है. पुलिस को सीमित ही चालान का अधिकार मिलना चाहिए. ताकि यातायात चालान में पारदर्शिता रहे. उन्होंने कहा यदि ऐसा नहीं होता है तो पुलिसकर्मी अपनी वर्दी का दुरुपयोग करेंगे जिससे कमर्शियल वाहन स्वामी परेशान होगा.

Intro:महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने आरोप लगाया है कि पुलिस वाहन व्यवसाईयों का उत्पीड़नकर रही है।जबकि शासन द्वारा प्राइवेट व्हीकल मोटर वाहन व्यवसायियों को राहत प्रदान की जाती है ।मोटरयान अधिनियम में पुलिस के लिये यातायात सम्बन्धी सुधार एवं अंकुश लगाने के लिए पुलिस कड़े कदम उठा सकती है।उन्होंने मांग की है कि भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए पुलिस विभाग को मोटर वाहन अधिनियम में जो अपराध शामिल है वह ही अधिकार दिये जाए । इसमें पैनिक बटन वाले अपराध को भी पुलिस में शामिल किया जाए ।अधिकारों तक की यदि पुलिस को सीमित किया जाये तो कार्माशियल मोटर वाहन व्यवसाईयों को गैर वाजिब पलिस के चालान काटने के शोषण से निजात मिल जाएगी ।Body:महासंघ अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र सौंपा और कहा कि पुलिस को इतने अधिकारों के अतिरिक्त मोटरयान अधिनियम में जितनी जुर्माने की धाराए हैं उसे पुलिस क्यों लेना चाहती है जबकि दी गई चालानी धाराओं में पुलिस के अतिरिक्त परिवहन विभाग का भी अपना प्रर्वतन दल है तो वह फिर परिवहन विभाग का परिवर्तन दल जिसमें सैकड़ो की संख्या में सिपाही है वह क्या कार्य करेगा।सभी  चालानिंग धाराओं में चालान काटने पर दो विभागों को कार्य करने में समस्या ही आयेगी और जिससें प्रर्वतन दल के सिपाही एवं अधिकारी भी खाली समय व्यतीत करेंगे ।जबकि परिवहन विभाग का प्रवर्तन दल शहर के हर भाग में चालान काटने को मुस्तैद रहता है तो फिर परिवहन विभाग को जैसे चैन स्नैचिंग , दुर्घटना करके भागना , चौरी की गाड़ी लेकर भागना और इसके अतिरिक्त और अन्य अपराध जो स्ट्रीट क्राइम से सम्बन्धित है वह दिये जा सकते है ।जिससे अपराधों में रोकथाम लग सकती है।पुलिस द्वारा अच्छे ढंग से निभाए  जा सकते है यह अधिकार दिए जाए सकते है की नो पार्किंग में वाहन खड़ा करना,रेड लाईट जम्प, विपरीत दिशा में वाहनों को ले जाना,नो ऐन्ट्री में बड़े वाहनों को ले जाना,ओवर स्पीड,हेलमेट न पहनना,टू व्हीलर में ट्रीपल राईडिंग,सीट वेल्ट न लगाना,शराब पीकर वाहन चलाना और मोबाइल पर बात करना!Conclusion:महासंघ अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया की  जिस तरीके मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन हुआ है और जिस तरह से जुर्माने का प्रावधान अधिक रखा गया है उसका हमने विरोध भी किया था।उसके बाद पुलिसकर्मी में कितनी जल्दबाजी दिखाई जा रही है और कॉमर्सियल गाड़ियों को रोककर चालान किया जा रहा है।कल ही सिटी बस को चीता पुलिस ने चेकिंग के लिए रोका लेकिन चीता पुलिस को किसी भी तरह का अधिकार नही है।पुलिस द्वारा अभी से कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।जिसमे हमने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र भी भेजा है।पत्र में कहा गया है कि पुलिस को वो अधिकार दिए जाएं जो यातायात से सम्बंधित हो और पुलिस कार्य कर सके।पुलिस को सीमित ही चालान का अधिकार मिलना चाहिए जिससे यातायात में पारदर्शिता रहेगी।ओर अगर ऐसा नही होता है तो पुलिसकर्मी अपनी वर्दी का दुरुपयोग करते हुए कॉमर्सियल वाहन स्वामी पीड़ित होगा।

बाइट-विजय वर्धन डंडरियाल(अध्यक्ष,सिटी बस )
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