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Recognition of Schools: शैक्षिक सत्र से पहले 4 स्कूलों की मान्यता रद्द, बाल आयोग ने विभाग को लिखा पत्र

प्रदेश में मनमानी करने वालों स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग चार स्कूलों की मान्यता रद्द करने जा रहा है. उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग का कहना है कि ये सभी स्कूली आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है. साथ ही इस संबंध में विभाग के अधिकारियों को पत्र से जानकारी दे दी गई है.

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Published : Jan 31, 2023, 11:36 AM IST

शैक्षिक सत्र से पहले 4 स्कूलों की मान्यता रद्द

देहरादून: राजधानी देहरादून में चार स्कूलों की मान्यता रद्द होगी. ये सभी स्कूल बार-बार निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं. जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि इस संदर्भ में विभाग को भी अवगत करा दिया गया है.

उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के पास आने वाली शिकायतों में से 60 फीसदी शिकायतें स्कूलों से जुड़ी हुई हैं. जिसको देखते हुए उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग अब प्रदेश के निजी स्कूलों की निगरानी के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाने जा रहा है. ताकि निजी स्कूलों की मनमानी के साथ ही बच्चों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें देहरादून के चार स्कूलों की मान्यता रद्द करने की बात कही है.
पढ़ें-Universities Academic Calendar: शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के प्रयास, जल्द विश्वविद्यालयों में लागू होगा समान शैक्षणिक कैलेंडर

हालांकि, एक मामले में विधिक राय के लिए हाईकोर्ट को पत्र लिखा है. आयोग की अध्यक्ष ने कहा आयोग ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि आरटीई की अनदेखी करने वाले इन स्कूलों के बाहर बोर्ड लगाया जाए कि इन स्कूलों की मान्यता का मामला चल रहा है. ताकि नए शिक्षा सत्र में बच्चे परेशान न हों. साथ ही कहा कि शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की ठीक से निगरानी नहीं कर पा रहा है. लिहाजा, इसकी निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया जाए. जो आयोग के साथ मिलकर काम कर सके. आयोग की अध्यक्ष ने 70 बाल विधायकों के चयन और इनके माध्यम से किए गए कार्यों की भी जानकारी दी.
पढ़ें-बिना स्वीकृति के शिक्षकों को अवकाश देना प्रधानाचार्य को पड़ा भारी, वेतन पर लगी रोक

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि राजा राम मोहन राय देहरादून, रहमानिया भगवानपुर, डीपीएसजी देहरादून और यूसेंट स्कूल देहरादून ये वह स्कूल हैं, जो बार-बार निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं. लिहाजा शिक्षा विभाग को इस बाबत पत्र लिखा गया है कि इन स्कूलों की गहन जांच करा कर इनकी मान्यता रद्द की जाए. लिहाजा पूर्व सूचना देते हुए आगामी शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बच्चों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ ना हो सके.

शैक्षिक सत्र से पहले 4 स्कूलों की मान्यता रद्द

देहरादून: राजधानी देहरादून में चार स्कूलों की मान्यता रद्द होगी. ये सभी स्कूल बार-बार निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं. जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि इस संदर्भ में विभाग को भी अवगत करा दिया गया है.

उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के पास आने वाली शिकायतों में से 60 फीसदी शिकायतें स्कूलों से जुड़ी हुई हैं. जिसको देखते हुए उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग अब प्रदेश के निजी स्कूलों की निगरानी के लिए मॉनिटरिंग कमेटी बनाने जा रहा है. ताकि निजी स्कूलों की मनमानी के साथ ही बच्चों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें देहरादून के चार स्कूलों की मान्यता रद्द करने की बात कही है.
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हालांकि, एक मामले में विधिक राय के लिए हाईकोर्ट को पत्र लिखा है. आयोग की अध्यक्ष ने कहा आयोग ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि आरटीई की अनदेखी करने वाले इन स्कूलों के बाहर बोर्ड लगाया जाए कि इन स्कूलों की मान्यता का मामला चल रहा है. ताकि नए शिक्षा सत्र में बच्चे परेशान न हों. साथ ही कहा कि शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की ठीक से निगरानी नहीं कर पा रहा है. लिहाजा, इसकी निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया जाए. जो आयोग के साथ मिलकर काम कर सके. आयोग की अध्यक्ष ने 70 बाल विधायकों के चयन और इनके माध्यम से किए गए कार्यों की भी जानकारी दी.
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उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि राजा राम मोहन राय देहरादून, रहमानिया भगवानपुर, डीपीएसजी देहरादून और यूसेंट स्कूल देहरादून ये वह स्कूल हैं, जो बार-बार निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं. लिहाजा शिक्षा विभाग को इस बाबत पत्र लिखा गया है कि इन स्कूलों की गहन जांच करा कर इनकी मान्यता रद्द की जाए. लिहाजा पूर्व सूचना देते हुए आगामी शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बच्चों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ ना हो सके.

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