देहरादून: राजधानी के राजपुर थाना क्षेत्र के एक बौद्ध मठ में पढ़ रहे नेपाली बच्चों के साथ की गई मारपीट और 7 छात्रों के मठ से फरार होने का मामले ने तूल पकड़ लिया है. आज मामले संज्ञान में आने के बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी अचानक बौद्ध मठ पहुंचीं, जहां उन्होंने बच्चों के साथ मठ में किए गये अमानवीय व्यवहार को लेकर मठ प्रबंधन को कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
गौर हो कि इस पूरे मामले में मठ के रह रहे नेपाल मूल के छात्रों के साथ बेरहमी से मारपीट करने का आरोप है. मामला सामने आने के बाद छात्रों के परिजनों ने नेपाल मानव अधिकार आयोग के पास मदद की गुहार लगाई. जब मामला उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संज्ञान में आया तो आज खुद बाल आयोग के अध्यक्ष ऊषा नेगी बौद्ध मठ पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने बच्चों से हालचाल जाना. 47 छात्रों ने उन्हें नेपाल उनके घर वापस भेजने के लिए आग्रह किया.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि छात्रों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. क्योंकि इस पूरे मामले में मठ में रह रहे नेपाल मूल के 47 छात्रों ने खुद घर जाने की इच्छा जाहिर की है ऐसे में मठ प्रबंधन को अगले एक-दो दिन में बच्चों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था करने के सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि आज बाल आयोग के निरीक्षण के दौरान यह बात भी सामने आई कि मठ में नेपाल मूल के बच्चों का गैरकानूनी तरह से आधार कार्ड बनाया जा रहा था. ऐसे में आयोग के अध्यक्ष की ओर से गृह मंत्रालय को इसकी शिकायत की जाएगी कि आखिर किस आधार में नेपाल मूल्य के बच्चों के आधार कार्ड बन रहे हैं.