देहरादून: राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से हाल ही में शासन को प्रदेश में चाइल्ड डाटा बैंक तैयार किए जाने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है. ऐसे में यदि शासन से प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो उत्तराखंड बच्चों का चाइल्ड डाटा बैंक तैयार करने वाला देश का पहला राज्य होगा.
बता दें कि चाइल्ड डाटा बैंक तैयार करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रदेश में जन्म लेने वाले हर बच्चे का डाटा रखा जा सके. इसके तहत बच्चे को जन्म के दौरान एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा. आगे चलकर जब बच्चा स्कूल, कॉलेज में पढ़ाई करेगा या फिर नौकरी करेगा तब इस रजिस्ट्रेशन नंबर के माध्यम से बच्चे की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि इस कार्य को करने के लिए शुरुआत में डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा. जिससे कि इस बात का पता लगाया जा सके कि प्रदेश में कितने बच्चे हैं. इन बच्चों में से कितने बच्चे स्कूल जा रहे हैं या फिर नौकरी कर रहे हैं.
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शासन से अनुमति मिलने पर सर्वे का काम निजी सर्वे एजेंसियों के माध्यम से कराया जाएगा. जिसके लिए लगभग एक करोड़ रुपए से ज्यादा के फंड की जरूरत होगी. ऐसे में आयोग चाहता है कि सरकार सर्वे के कार्य के लिए आयोग को फंड दे.