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बाल न्यायालयों में नहीं विशेष लोक अभियोजक, आयोग ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजा पत्र - देहरादून लेटेस्ट न्यूज

बाल न्यायालयों में लोक अभियोजकों की नियुक्ति की स्थिति जानने के लिए बाल संरक्षण आयोग ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र भेजा है.

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बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी
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Published : Jan 4, 2021, 7:26 PM IST

देहरादूनः प्रदेश के बाल न्यायालयों में लोक अभियोजकों की नियुक्ति की स्थिति जानने के लिए हाल ही में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष को पत्र भेजा है.

बाल आयोग की ओर से भेजे गए पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा-26 के तहत यह स्पष्ट प्रावधान है कि राज्य सरकार प्रत्येक बालक न्यायालय के लिए अधिसूचना द्वारा एक लोक अभियोजक नियुक्त करेगी, या किसी ऐसे अधिवक्ता को जिसने कम से कम 7 वर्ष तक विधि सेवा में कार्य किया हो. उसे न्यायालय में मामलों के संचालन और प्रयोजन के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया जाएगा.

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पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि जब प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के सभी जनपदों के जिला एवं सत्र न्यायालय को बाल न्यायालय घोषित कर दिया गया है, ऐसे में बाल न्यायालयों में अभी तक विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति न होना, इस बात को दर्शाता है कि प्रदेश न्यायालयों में बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में आवश्यक कार्रवाई नहीं हो पा रही है.

देहरादूनः प्रदेश के बाल न्यायालयों में लोक अभियोजकों की नियुक्ति की स्थिति जानने के लिए हाल ही में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष को पत्र भेजा है.

बाल आयोग की ओर से भेजे गए पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा-26 के तहत यह स्पष्ट प्रावधान है कि राज्य सरकार प्रत्येक बालक न्यायालय के लिए अधिसूचना द्वारा एक लोक अभियोजक नियुक्त करेगी, या किसी ऐसे अधिवक्ता को जिसने कम से कम 7 वर्ष तक विधि सेवा में कार्य किया हो. उसे न्यायालय में मामलों के संचालन और प्रयोजन के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया जाएगा.

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पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि जब प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के सभी जनपदों के जिला एवं सत्र न्यायालय को बाल न्यायालय घोषित कर दिया गया है, ऐसे में बाल न्यायालयों में अभी तक विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति न होना, इस बात को दर्शाता है कि प्रदेश न्यायालयों में बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में आवश्यक कार्रवाई नहीं हो पा रही है.

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