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'ऑपरेशन मुक्ति' भी नहीं दिला पाया भिक्षावृत्ति से मुक्ति, आखिर कहां से आए हैं ये बच्चे? - देहरादून न्यूज

भिक्षावृत्ति के दलदल से बच्चों को बचाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने देहरादून में ऑपरेशन मुक्ति के नाम से एक अभियान चलाया था. जिसका शुरू में असर देखने को मिला, लेकिन बाद में स्थिति पहले जैसी ही हो गई.

भिक्षावृत्ति
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Published : Oct 12, 2019, 9:02 PM IST

देहरादून: भिक्षावृत्ति पर लगाम लगाना उत्तराखंड पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. भिक्षावृत्ति के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन मुक्ति के नाम से एक मुहिम भी शुरू की थी. जिसका असर भी देखने को मिला था. देहरादून पुलिस ने ऑपरेशन मुक्ति के तहत 292 बच्चों का सत्यापन कराया था. जिसमें से 68 बच्चों का स्कूल में दाखिला भी कराया गया था. बावजूद उसके अभी भी बड़ी संख्या में बच्चे सड़कों पर भिक्षावृत्ति करते हुए नजर आ रहे हैं.

शुरू में पुलिस ने जोर-शोर के साथ भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों का बचपन लौटाने के लिये ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया था, लेकिन धीरे-धीरे वक्त के साथ पुलिस की रफ्तार भी धीमी पड़ती चली गई. यही कारण है कि पुलिस की इस मुहिम के बावजूद बच्चे सड़कों पर भिक्षावृत्ति करते हुए नजर आ रहे हैं.

पढ़ें- त्योहारों के सीजन में घटतोली से सावधान, बाट माप विभाग ने रखेगा पैनी नजर

जब इस बारे में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर आशोक कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पहले प्रयास में कई बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया था. कई बच्चों का स्कूल में दाखिला भी कराया गया था. अभी हरिद्वार में ऑपरेशन मुक्ति का काम चल रहा है. जल्द ही ऋषिकेश, हल्द्वानी और देहरादून में दोबार इस अभियान का शुरुआत की जाएगी.

देहरादून: भिक्षावृत्ति पर लगाम लगाना उत्तराखंड पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. भिक्षावृत्ति के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन मुक्ति के नाम से एक मुहिम भी शुरू की थी. जिसका असर भी देखने को मिला था. देहरादून पुलिस ने ऑपरेशन मुक्ति के तहत 292 बच्चों का सत्यापन कराया था. जिसमें से 68 बच्चों का स्कूल में दाखिला भी कराया गया था. बावजूद उसके अभी भी बड़ी संख्या में बच्चे सड़कों पर भिक्षावृत्ति करते हुए नजर आ रहे हैं.

शुरू में पुलिस ने जोर-शोर के साथ भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों का बचपन लौटाने के लिये ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया था, लेकिन धीरे-धीरे वक्त के साथ पुलिस की रफ्तार भी धीमी पड़ती चली गई. यही कारण है कि पुलिस की इस मुहिम के बावजूद बच्चे सड़कों पर भिक्षावृत्ति करते हुए नजर आ रहे हैं.

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जब इस बारे में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर आशोक कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पहले प्रयास में कई बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया था. कई बच्चों का स्कूल में दाखिला भी कराया गया था. अभी हरिद्वार में ऑपरेशन मुक्ति का काम चल रहा है. जल्द ही ऋषिकेश, हल्द्वानी और देहरादून में दोबार इस अभियान का शुरुआत की जाएगी.

Intro:भिक्षावृत्ति एक ऐसा अभिशाप है जिसको रोक पाना असंभव है भिक्षा के माध्यम से उसके परिवार के लोग छोटे-छोटे बच्चों को सड़कों पर भिक्षा मांगने के लिए भेज देते हैं जिससे उन बच्चों के भविष्य अंधकार में होने के साथ-साथ उनकी प्रवृत्ति आगे कोई काम करने की नहीं रह जाती है!इससे परिवार के लोगों को घर बैठे ही 10 हज़ार से 20 हज़ार प्रतिमाह मिल जाता है और वह लोग भी कोई काम करने के बारे में सोचते भी नहीं है!हालांकि उत्तराखंड राज्य में पुलिस मुख्यालय ने ऑपरेशन मुक्ति के नाम से भिक्षावृत्ति करने वाले छोटे बच्चों को पकड़ कर उनके मां-बाप के हवाले करते हुए उनको शिक्षा की ओर प्रोत्साहित किया परंतु ऑपरेशन कुछ समय तक ही चल पाने के कारण आज भी सड़कों पर बच्चे भीख मांगते दिखाई दे रहे हैं! Body:वो नन्हें हाथ जो किताबों के लिए उठने चाहिए थे, जिनके हाथों में पेंसिल, कॉपी, किताब और कंधे पर स्कूल बैग लटकना चाहिए था. वो हाथ आज उम्मीदों का कटोरा लेकर चंद पैसों के लिए भीख मांगने को मजबूर हैं!केंद्र व प्रदेश सरकार के साथ-साथ उत्तराखंड पुलिस भी तमाम छोटे बच्चों को उनका बचपन लौटाने के लिए अनेक मुहिम चला चुकी है,बावजूद आज तक सड़कों पर कई ऐसे बच्चे भीख मांगते दिखाई देते हैं जो कि सरकार और मित्र पुलिस के दावों की पोल खोलते हैं,उत्तराखंड पुलिस भी इन तमाम बच्चों का बचपन लौटाने के लिये 'ऑपरेशन मुक्ति' चलाया था. जिसके तहत एक मई से 30 जून तक भीख मांगने वाले बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया!इस अभियान के तहत राजधानी देहरादून में 292 बच्चों का ऑपरेशन मुक्ति के जरिए सत्यापन करवा कर 68 बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया।लेकिन फिर से सड़कों पर आप छोटे बच्चो को भीख मांगते हुए देख सकते है!  
Conclusion:वही पुलिस महामिदेशक अपराध एव कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि हम लोगों ने पहले भी प्रयास किए थे और काफी संख्या में बच्चों को मुक्त करा कर उनको शिक्षा दिलवाने का काम किया है!अभी हाल में हरिद्वार में यह ऑपरेशन मुक्ति का काम चल रहा है और शीघ्र ही ऋषिकेश,हल्द्वानी और देहरादून में भी टीमें इस पर काम करना शुरू कर देंगे!

बाइट-अशोक कुमार(पुलिस महानिदेशक,अपराध एव कानून व्यवस्था)
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