देहरादून: देशभर में आज स्वतंत्रता दिवस का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने भी आज सचिवालय में उच्चस्थ अधीनस्थ कार्मिकों और अन्य नागरिकों की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया. इस दौरान उन्होंने सभी को 75वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी.
सचिवालय में स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर मुख्य सचिव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बलिदानियों ने जिस मकसद से आजादी के लिए असहनीय कष्ट सहे, हमें उस संघर्ष को नहीं भूलना चाहिए. शहीदों ने जिस भारत की परिकल्पना की थी हमें उसे पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा नागरिक संपूर्ण देश का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए हमें ऐसे राष्ट्रीय पर्व को मात्र औपचारिकता के तौर पर न देखकर देश सेवा अर्थात अपने नागरिकों के जीवन को ऊंचा उठाने के बारे में सोचना चाहिए.
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मुख्य सचिव ने कहा सचिवालय शीर्ष कार्यालय होता है जहां देश-प्रदेश की नीतियां बनती हैं, यहां पर भी फाइल को डील करते समय 2 विकल्प होते हैं. पहला आसान विकल्प- रूकावट डालने वाला. एक व्यक्ति ने नीचे से टिप्पणी लिख दी और ऊपर के सब उसी अनुसार चलते गये कि ये काम नहीं हो सकता. इस कार्यप्रणाली से फाइलों का बोझ कम होता जरूर दिखता है, लेकिन नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने वाला मकसद अधूरा रह जाता है.
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दूसरा विकल्प कठिन होता है जिसमें फाइल को डील करते समय थोड़ा चिन्तन मनन की जरूरत होती है. इसमें इस भावना से काम किया जाता है कि यदि प्रस्ताव अच्छा है और नियम आड़े आ रहे हैं, तो नियमों को परिवर्तित भी कराया जा सकता है. उन्होंने कहा आजकल बहुत लोग सोशल मीडिया पर बहुत देशभक्ति दिखाते हैं किन्तु व्यावहारिक जीवन में वे उस पर खरे नहीं उतरते.
हमें समाधान का हिस्सा बनना है, समस्या का नहीं. उन्होंने कहा ऐसा नहीं कि देश में अच्छे लोग नहीं हैं, देश में बहुत से अच्छे लोग भी हैं जिनके चलते ये देश मजबूती से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है. इस दौरान मुख्य सचिव ने सचिवालय में कोविड-19 के दौरान टीकाकरण में उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे कार्मिकों को सम्मानित भी किया.