देहरादून: उत्तराखंड में विशेष सहायता योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की मुख्य सचिव ने समीक्षा की. इस दौरान विभिन्न विभागों को आगामी 50 सालों की जरूरत के लिहाज से मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा विभागीय सचिवों को भी हफ्ते में दो बार समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं.
उत्तराखंड में अब तमाम विभाग आगामी 50 सालों की जरूरत की लिहाज से अपना मास्टर प्लान तैयार करेंगे, दरअसल विभिन्न विभागों के पास मौजूद जमीनों का उपयोग कैसे बेहतर तरीके से हो सकता है, इसके लिए विभाग अपना प्लान देंगे ताकि भूमि का उचित उपयोग किया जा सके और भविष्य की आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सके.
दरअसल, सचिवालय में बुधवार 6 दिसंबर को मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू ने विशेष सहायता योजना के तहत किये जा रहे कामों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं के लिए सचिव स्तर पर हफ्ते में दो बार बैठक कर समीक्षा करने के निर्देश दिए. इस दौरान मुख्य सचिव ने विभिन्न प्रस्तावों को तेजी से आगे बढ़ाए जाने और इसके लिए डेडीकेटेड टीम लगाए जाने के भी निर्देश दिए.
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बैठक के दौरान पुस्तकालयों के निर्माण को लेकर भी बात की गई, जिसमें मुख्य सचिव ने स्कूलों में पुस्तकालय को मजबूत करने के लिए कहा. इस दौरान विभिन्न विद्यालयों में नए पुस्तकालयों के निर्माण की भी बात कही गई. साथ ही इन पुस्तकालयों की एंट्री विद्यालय से बाहर से किए जाने के भी निर्देश दिए गए, ताकि आम लोग भी इन पुस्तकालय्यों का लाभ उठा सके.
योजनाओं को लेकर हो रही चर्चा के बीच मुख्य सचिव ने उपयोगिता प्रमाण पत्र को समय से उपलब्ध कराए जाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि योजना के तहत जो काम किया जा रहे हैं, उनके विभागों के स्तर पर उपयोगिता प्रमाण पत्र समय से शासन को उपलब्ध कराया जाए और इससे पहले विभागों द्वारा विभिन्न योजनाओं के कामों को भी तेजी से आगे बढ़ाया जाए ताकि समय से योजनाएं पूरी हो सके.