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Uttarakhand Education: मुख्य सचिव बोले- शिक्षा की गुणवत्ता में नहीं होगी धन की कमी, नए प्लान बनाने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की लिए बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी.

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Published : Feb 10, 2023, 7:43 AM IST

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देहरादून: प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लगाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जा सके. इसी कड़ी में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाए जाने के लिए विभिन्न स्तरों में कार्य किए जाने की आवश्यकता है. मुख्य सचिव ने कहा कि सर्वप्रथम मूलभूत सुविधाओं के विकास की दिशा में कार्य किया जाए.

उत्तराखंड में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए मुख्य सचिव एसएस संधू ने अधिकारियों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने नए प्लान तैयार करने के लिए कहा. विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं को जुटाने के लिए बजट की किसी भी तरह की कोई चिंता न करते हुए इसके लिए बजट की व्यवस्था किए जाने की बात कही. मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में आवश्यकता के अनुरूप कक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
पढ़ें-Stone Pelting on Police: देहरादून में छात्रों की पुलिस के साथ जबरदस्त झड़प-पत्‍थरबाजी, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

साथ ही स्कूलों में स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, खेल मैदान और कंप्यूटर आदि भी उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से ऐसे स्कूलों को विकसित किए जाने हेतु साइट स्पेसिफिक प्लान बनाया जाए. मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए बजट की चिंता न की जाए. एक अच्छे प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार से बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी. बता दें कि प्रदेश में कई स्कूली में टीचरों की कमी जगजाहिर है, जिससे बच्चे प्राइवेट स्कलों में दाखिले के लिए मजबूर हो जाते हैं. इससे अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है. कई दुर्गम स्कूल ऐसे हैं जहां टीचर जाना ही नहीं चाहते और अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से जुगत लगाकर सुगम में जाने प्रयासरत दिखते हैं. जिससे उस क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाती है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन धरातल पर नहीं उतर पाती हैं.

देहरादून: प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लगाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जा सके. इसी कड़ी में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाए जाने के लिए विभिन्न स्तरों में कार्य किए जाने की आवश्यकता है. मुख्य सचिव ने कहा कि सर्वप्रथम मूलभूत सुविधाओं के विकास की दिशा में कार्य किया जाए.

उत्तराखंड में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए मुख्य सचिव एसएस संधू ने अधिकारियों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने नए प्लान तैयार करने के लिए कहा. विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं को जुटाने के लिए बजट की किसी भी तरह की कोई चिंता न करते हुए इसके लिए बजट की व्यवस्था किए जाने की बात कही. मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में आवश्यकता के अनुरूप कक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
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साथ ही स्कूलों में स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, खेल मैदान और कंप्यूटर आदि भी उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से ऐसे स्कूलों को विकसित किए जाने हेतु साइट स्पेसिफिक प्लान बनाया जाए. मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए बजट की चिंता न की जाए. एक अच्छे प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार से बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी. बता दें कि प्रदेश में कई स्कूली में टीचरों की कमी जगजाहिर है, जिससे बच्चे प्राइवेट स्कलों में दाखिले के लिए मजबूर हो जाते हैं. इससे अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है. कई दुर्गम स्कूल ऐसे हैं जहां टीचर जाना ही नहीं चाहते और अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से जुगत लगाकर सुगम में जाने प्रयासरत दिखते हैं. जिससे उस क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाती है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन धरातल पर नहीं उतर पाती हैं.

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