देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने खाद्य पदार्थों में मिलावट के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ठोस योजना तैयार की जाए. उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों को एहसास कराना आवश्यक है कि आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
मिलावटखोरों पर लगाम कसने के लिए वैसे तो कई नियम बनाए गए हैं लेकिन समय से इन पर कार्रवाई न होने के चलते कई बार लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. उधर जनता की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोरों को भी कड़ी कार्रवाई न होने से प्रोत्साहन मिलता है. इन चीजों को देखते हुए मुख्य सचिव एसएस संधू ने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया. उन्होंने टेस्टिंग लैब निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही, खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाए जाएं. यह अभियान सिर्फ त्योहारी सीजन को देखते हुए न हो, बल्कि इसे नियमित आधार पर चलाया जाए.
मुख्य सचिव ने कहा कि फूड एडल्ट्रेशन को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए. जब तक इसके प्रति आमजन जागरूक नहीं होंगे तब तक फूड एडल्ट्रेशन को रोकना आसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों की जानकारी देने वालों को रिवॉर्ड भी दिया जाना चाहिए. ताकि लोग जानकारी देने को प्रोत्साहित हों.
मुख्य सचिव ने मिलावट से संबंधित मामलों की जनपदवार रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह भी बताया जाए कि किस जनपद में कितने मामले कब से पेंडिंग हैं. उन्होंने मिलावट से संबंधित सभी मामलों को फास्ट ट्रैक पर निपटाने के निर्देश दिए. मिलावट के गंभीर मामलों को प्राथमिकता के साथ शीघ्र से शीघ्र फैसला किया जाए.
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मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई से ही खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोका जा सकता है. उन्होंने इसके लिए ठोस एक्शन प्लान के साथ ही इसके कार्यान्वयन की टाइम लाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए है.