देहरादून: मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू ने शुक्रवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की. मुख्य सचिव ने कहा कि अगला यात्रा सीजन शुरू होने से पहले जिन कार्यों को पूर्ण होना है, उन कार्यों को अभी से कार्य योजना बनाते हुए निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाए. मुख्य सचिव ने कहा कि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण करने हेतु नाइट शिफ्ट की संख्या बढ़ाई जाए. जिन सामग्रियों की आवश्यकता पड़ेगी, उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
मुख्य सचिव ने की केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा: मुख्य सचिव ने कहा कि श्रद्धालुओं की पंक्ति के लिए जो शेल्टर बनाए जाने हैं, यात्रा शुरू होने से पहले तैयार कर लिए जाएं. साथ ही यादगार वस्तुओं की दुकानों (Souvenir Shops) का निर्माण कार्य पूर्ण करने के प्रयास किए जाएं. मुख्य सचिव ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को अगले यात्रा सीजन की तैयारियां अभी से शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि घोड़े खच्चरों के स्वास्थ्य की जांच एवं देखभाल हेतु भी पशुपालन विभाग से लगातार सम्पर्क में रहते हुए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को चारधाम यात्रा कार्यालय के कार्य को समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण किए जाने की भी बात कही.
शिक्षा में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर: उत्तराखंड में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने और छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा को देने के लिए मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने अधिकारियों को शिक्षा में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा ऐसे छात्रों के लिए स्कॉलरशिप स्कीम शुरू करने के लिए भी कहा गया है जो छात्र मेधावी हैं और पारिवारिक परिस्थितियों के कारण स्कूल छोड़ने को मजबूर हैं. मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू ने शुक्रवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ भी बैठक की. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराए जाने हेतु आधुनिक तकनीक की सहायता ली जाए.
विश्व स्तरीय शिक्षकों के व्याख्यान बच्चों को पढ़ाए जाएं: मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न विषयों के विश्व स्तरीय शिक्षकों के व्याख्यान और पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाए जाने हेतु प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि इससे छात्र छात्राओं को विश्वस्तरीय ज्ञान भी प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि हमें पूरे प्रदेश में ऐसे स्कूल विकसित किए जाने की आवश्यकता है, जहां छात्रों को एकल शिक्षक के भरोसे न रहना पड़े.
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मॉडल स्कूल की तर्ज पर विकसित हों विद्यालय: मुख्य सचिव ने कहा कि मॉडल स्कूल की तर्ज पर ऐसे स्कूल विकसित किए जाएं, जहां सभी विषयों के शिक्षक, लैब, लाइब्रेरी आदि उपलब्ध हों, ताकि बच्चों का समग्र विकास हो सके. गरीब बच्चों को कई बार पारिवारिक परिस्थितियों के कारण स्कूल छोड़ना पड़ जाता है. इसके लिए गरीब मेधावी छात्र छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप स्कीम शुरू की जाए.