मसूरीः उत्तराखंड राज्य युवा कल्याण परिषद एवं उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र जुगरान ने मसूरी शिवपुर कोर्ट से बेघर हुए 84 परिवारों को विस्थापित करने एवं स्थायी आवास की व्यवस्था करने को लेकर मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार शासन को ज्ञापन भेजा था. जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने सचिव पर्यटन को 29 सितंबर तक पूरे मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
रविंद्र जुगरान ने बताया कि 24 अगस्त को भारी पुलिस बल और प्रशासन की टीम द्वारा कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करते हुए शिफन कोर्ट में रह रहे करीब 84 परिवारों को मसूरी पुरुकुल रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर घर से बेघर कर दिया गया है. वहीं, बेघर हुए लोगों में वृद्ध दूधमुह बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी हैं, जो खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि सभी लोग एक छत के नीचे एक दूसरे के साथ रह रहे हैं. ऐसे में अगर कोरोना संक्रमण फैलता है तो इसके दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि मसूरी पुरुकुल रोपवे योजना पूर्व से ही प्रस्तावित था, ऐसे में मानवीय आधार को देखते हुए शासन और सरकार को पहले 84 परिवारों को विस्थापित करना था, तब जाकर इनको हटाया जाना चाहिए था.