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सड़क निर्माण की धीमी गति से मुख्य सचिव नाराज, अधिकारियों को क्वालिटी पर ध्यान देने के निर्देश

सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक ली. बैठक में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बन रही सड़कों की प्रगति रिपोर्ट सामने रखी.

उत्पल कुमार मुख्य सचिव उत्तराखंड.
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Published : Jul 16, 2019, 11:01 AM IST

Updated : Jul 16, 2019, 11:11 AM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय समिति की बैठक में पीएमजीएसवाई-2 परियोजना को स्वीकृति मिल गई है. बीते साल 2017-18 में ग्रामीण सड़क योजना के तहत उत्तराखंड सड़क निर्माण करने में अव्वल साबित हुआ था. जिसके तहत 172 की जगह 207 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया, लेकिन मौजूदा साल में पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों का निर्माण कार्य बीते साल की तुलना में काफी सुस्त चाल से हो रहा है. इसी वजह से बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार को अधिकारियों को सख्त निर्देश देने पड़े.

गौर हो कि विगत वर्ष पीएमजीएसवाई के तहत बेहतरीन कार्य करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उत्तराखंड को सम्मानित भी किया था. उत्तराखंड में साल 2017-18 में पीएमजीएसवाई के तहत 1500 किमी के लक्ष्य के बावजूद भी 1839 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया. सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक ली. बैठक में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बन रही सड़कों की प्रगति रिपोर्ट सामने रखी.

PMGSY कार्य की सुस्त चाल पर मुख्य सचिव सख्त.

वहीं मामले में मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने नाराजगी जाहिर करते हुए सड़क निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कार्यों की प्रगति को लेकर प्रत्येक माह मॉनिटरिंग की जाए. साथ ही मुख्य सचिव स्तर से योजना की समीक्षा के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. इसके लिए स्टेट लेवल स्टैंडिंग कमेटी की बैठक प्रत्येक छह माह में आयोजित करने के निर्देश दिए.

पढ़ें-ITBP ने तैयार की 14 महिला पर्वतारोही, देश-विदेश में मनवाएंगी लोहा

मुख्य सचिव ने कड़े शब्दों में कहा कि इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि सभी बसावट एक कोर नेटवर्क में शामिल हो जाएं. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कहा कि अपना फोकस काम की रफ्तार से ज्यादा क्वालिटी कंट्रोल मैकेनिज्म पर भी रखें. उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत होने वाले मेंटेनेंस कार्यों में क्वालिटी कंट्रोल में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

देहरादून: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय समिति की बैठक में पीएमजीएसवाई-2 परियोजना को स्वीकृति मिल गई है. बीते साल 2017-18 में ग्रामीण सड़क योजना के तहत उत्तराखंड सड़क निर्माण करने में अव्वल साबित हुआ था. जिसके तहत 172 की जगह 207 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया, लेकिन मौजूदा साल में पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों का निर्माण कार्य बीते साल की तुलना में काफी सुस्त चाल से हो रहा है. इसी वजह से बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार को अधिकारियों को सख्त निर्देश देने पड़े.

गौर हो कि विगत वर्ष पीएमजीएसवाई के तहत बेहतरीन कार्य करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उत्तराखंड को सम्मानित भी किया था. उत्तराखंड में साल 2017-18 में पीएमजीएसवाई के तहत 1500 किमी के लक्ष्य के बावजूद भी 1839 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया. सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक ली. बैठक में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बन रही सड़कों की प्रगति रिपोर्ट सामने रखी.

PMGSY कार्य की सुस्त चाल पर मुख्य सचिव सख्त.

वहीं मामले में मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने नाराजगी जाहिर करते हुए सड़क निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कार्यों की प्रगति को लेकर प्रत्येक माह मॉनिटरिंग की जाए. साथ ही मुख्य सचिव स्तर से योजना की समीक्षा के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. इसके लिए स्टेट लेवल स्टैंडिंग कमेटी की बैठक प्रत्येक छह माह में आयोजित करने के निर्देश दिए.

पढ़ें-ITBP ने तैयार की 14 महिला पर्वतारोही, देश-विदेश में मनवाएंगी लोहा

मुख्य सचिव ने कड़े शब्दों में कहा कि इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि सभी बसावट एक कोर नेटवर्क में शामिल हो जाएं. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कहा कि अपना फोकस काम की रफ्तार से ज्यादा क्वालिटी कंट्रोल मैकेनिज्म पर भी रखें. उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत होने वाले मेंटेनेंस कार्यों में क्वालिटी कंट्रोल में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

Intro:summary- पीएमजीएसवाई में हो रही लापरवाही पर मुख्य सचिव की सख्ती।


एंकर- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय समिति की बैठक में पीएमजीएसवाई-2 परियोजना को आज स्वीकृति मिल गई है। आपको बता दें कि बीते साल 2017-18 में ग्रामीण सड़क योजना के तहत उत्तराखंड सड़क निर्माण करने में अव्वल साबित हुआ था। उत्तराखंड में साल 2017-18 में पीएमजीएसवाई के तहत 1500 के लक्ष्य के बावजूद भी 1839 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया, जिसके जरिए 172 बसावटों की जगह 207 बसावटों को सड़क से जोड़ दिया गया और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बेहतरीन कार्य करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उत्तराखंड को सम्मानित भी किया था। लेकिन अफसोस कि मौजूदा साल में पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों का निर्माण कार्य बीते साल की तुलना में काफी सुस्त चाल से हो रहा है और यही वजह है कि आज मुख्य सचिव को बड़े सख्त लहजे में अधिकारियों से पेश आना पड़ा।


Body:वीओ- सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक ली। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पर्वतीय राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड राज्य को वर्ष 2017-18 में 1500 किलोमीटर लंबाई के लक्ष्य के सापेक्ष राज्य में 1839 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किए जाने पर देश में प्रथम और 172 बसावटों के संयोजन के लक्ष्य के सापेक्ष 207 बसों को संयोजित किए जाने पर देश में द्वित्तीय स्थान प्राप्त करने पर ग्रामीण विकास मंत्रालय सरकार द्वारा भारत सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार दिया गया था साथ ही केंद्र द्वारा प्रखंड कि इस मामले में सराहना की गई।

लेकिन दूसरी ओर अगर इस वर्ष के परफॉर्मेंस पर नजर डालें तो पीएमजीएसवाई के अंतर्गत बनने वाली सड़कों की धीमी गति पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क निर्माण में तेजी लाई जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कार्यों की प्रगति को लेकर प्रत्येक माह मोनेटरिंग की जाए साथ ही निर्देश दिए कि मुख्य सचिव स्तर से योजना की समीक्षा की जा सके इसके लिए स्टेट लेवल स्टैंडिंग कमिटी की बैठक प्रत्येक छह माह में आयोजित की जाए। सीएस ने कड़ें शब्दों में कहा कि इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि सभी बसावट एक कोर नेटवर्क में शामिल हो जाएं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कहा कि अपना फोकस काम की रफ्तार से ज्यादा क्वालिटी कंट्रोल मैकेनिज्म पर भी रखें और कहा कि इस योजना के अंतर्गत होने वाले मेंटेनेंस कार्यों में क्वालिटी कंट्रोल में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।


Conclusion:
Last Updated : Jul 16, 2019, 11:11 AM IST
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