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चारधाम यात्रा: दूसरे राज्यों से एयरलिफ्ट होंगे मुख्य पुजारी? पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट

ETV BHARAT आपको बताने जा रहा है कि आखिर चारधाम में व्यवस्थाओं का स्वरूप क्या होगा और क्यों पुजारियों को एयरलिफ्ट किया जाएगा.

Chardham Yatra 2020
चारधामा यात्रा पर स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Apr 13, 2020, 7:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की लाइफलाइन और विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. लेकिन लॉकडाउन के चलते चारधाम के कपाट खोलने और व्यवस्थाओं को पूरी करना राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. जिसे देखते हुए सरकार जल्द ही कर्नाटक और केरल से पुजारियों को एयरलिफ्ट करा सकती है.

मंदिरों के कपाट तो मुहूर्त के अनुसार तय तिथियों पर खोल दिए जाएंगे. लेकिन भगवान के दर्शन के लिए भक्त कब उनके धाम पर पहुंचेंगे, अभी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे. इसके साथ ही 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ और 30 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट पूरे विधि विधान से खोले जाएंगे.

पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार जिला प्रशासन की अपील, अस्थि विसर्जन के लिए ना आएं धर्मनगरी

उत्तराखंड के चारधामों में गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट सेमवाल और उनियाल समुदाय के पुजारी खोलते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा-पाठ करते हैं. लेकिन केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की परंपरा कुछ अलग है. केदारनाथ धाम के कपाट कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के पुजारी खोलते हैं.

लेकिन बदरीनाथ धाम के कपाट केरल के नंबूदरी समुदाय के पुजारी खोलते हैं. लॉकडाउन के चलते इन दोनों धामों के पुजारी कर्नाटक और केरल में फंसे हुए हैं. लिहाजा राज्य सरकार केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के पुजारियों को उत्तराखंड लाने की रणनीति तैयार कर रही है.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में लोगों का सहारा बना देहरादून का 'रोटी बैंक'

राज्यमंत्री धन सिंह रावत के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चारधाम यात्रा और व्यवस्थाओं को लेकर जल्द निर्णय लेंगे. सीएम चारधाम यात्रा से पहले एक अहम बैठक करने जा रहे हैं. बैठक में चारधाम की व्यवस्थाओं और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए पूजन के तरीकों पर चर्चा की जाएगी. वहीं, धन सिंह रावत ने कहा कि वे खुद सीएम रावत से तय समय पर चारधाम के कपाट खोलने का आग्रह करेंगे.

पुजारी आशुतोष डिमरी बताते हैं कि 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे. दोनों धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं और सेमवाल और उनियाल पुजारी भी उत्तरकाशी में ही रहते हैं. ऐसे में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अपने तय समय पर खोले जाएंगे.

देहरादून: उत्तराखंड की लाइफलाइन और विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. लेकिन लॉकडाउन के चलते चारधाम के कपाट खोलने और व्यवस्थाओं को पूरी करना राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. जिसे देखते हुए सरकार जल्द ही कर्नाटक और केरल से पुजारियों को एयरलिफ्ट करा सकती है.

मंदिरों के कपाट तो मुहूर्त के अनुसार तय तिथियों पर खोल दिए जाएंगे. लेकिन भगवान के दर्शन के लिए भक्त कब उनके धाम पर पहुंचेंगे, अभी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे. इसके साथ ही 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ और 30 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट पूरे विधि विधान से खोले जाएंगे.

पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट.

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उत्तराखंड के चारधामों में गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट सेमवाल और उनियाल समुदाय के पुजारी खोलते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा-पाठ करते हैं. लेकिन केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की परंपरा कुछ अलग है. केदारनाथ धाम के कपाट कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के पुजारी खोलते हैं.

लेकिन बदरीनाथ धाम के कपाट केरल के नंबूदरी समुदाय के पुजारी खोलते हैं. लॉकडाउन के चलते इन दोनों धामों के पुजारी कर्नाटक और केरल में फंसे हुए हैं. लिहाजा राज्य सरकार केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के पुजारियों को उत्तराखंड लाने की रणनीति तैयार कर रही है.

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राज्यमंत्री धन सिंह रावत के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चारधाम यात्रा और व्यवस्थाओं को लेकर जल्द निर्णय लेंगे. सीएम चारधाम यात्रा से पहले एक अहम बैठक करने जा रहे हैं. बैठक में चारधाम की व्यवस्थाओं और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए पूजन के तरीकों पर चर्चा की जाएगी. वहीं, धन सिंह रावत ने कहा कि वे खुद सीएम रावत से तय समय पर चारधाम के कपाट खोलने का आग्रह करेंगे.

पुजारी आशुतोष डिमरी बताते हैं कि 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे. दोनों धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं और सेमवाल और उनियाल पुजारी भी उत्तरकाशी में ही रहते हैं. ऐसे में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अपने तय समय पर खोले जाएंगे.

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