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कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर त्रिवेंद्र सरकार चिंतित, टेस्टिंग पर जोर - उत्तराखंड न्यूज

कोरोना की चेन तोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के चार जिलों में संपूर्ण लॉकडाउन लगाया है. सरकार अभी कुछ ओर सख्त कदम उठाने पर विचार कर रही है.

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Published : Jul 18, 2020, 7:38 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर रखने पर जोर दिया और इसी को लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

उत्तराखंड में जिस तेजी के साथ कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. उधम सिंह नगर में हैरान करने वाले मामले सामने आ रहे हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सुविधाओं बेहतर करने पर जोर दे रहे हैं. ताकि कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके. शनिवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जाना और उन्हें निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 से लड़ रहे फ्रंट लाइन कर्मचारियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए. गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों पर जिलाधिकारी खुद नजर रखें. समय पर रिस्पॉस सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.

कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर त्रिवेंद्र सरकार चिंतित

पढ़ें- उत्तराखंड में अब सफर होगा आसान, 3000 करोड़ की सड़क परियोजना को मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को तत्काल इलाज उपलब्घ करवाना, जल्द से जल्द मरीज के संपर्क में आए लोगों की पहचान करना और उनकी टेस्टिंग करना सुनिश्चित किया जाए. इसमें किसी प्रकार की देरी नहीं की जा सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है. इसलिए प्रदेश के चार जिलों में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन किया गया है. आवश्यकता हुई तो आगे भी इस पर विचार किया जाएगा. पूर्व में देहरादून में दो दिन लॉकडाउन के अच्छे परिणाम मिले थे. इसे देखकर अन्य राज्यों ने भी अपने यहां लागू किया था. कोविड-19 को हराने के लिए आम जन का सहयोग बहुत जरूरी है. इसके लिए जिलाधिकारी, जनप्रतिनिधी, सामाजिक लोग और व्यापारिक संगठनों से लगातार सम्पर्क बनाए रखें. आक्सीजन सपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए.

बैठक में की गई जरूरी बातें

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले से काफी मजबूत हुआ है.
  • आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन स्पोर्ट, टेस्टिंग मशीन व लैब आदि की सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है.
  • जिलाधिकारी इन क्षमताओं की जांच कर ये सुनिश्चित कर लें कि इनके संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध है या नहीं.
  • ऑक्सीजन सपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए.
  • कोरोना संक्रमण के मामले आएंगे परंतु सही समय पर इलाज मिल जाना चाहिए.
  • मृत्यु दर को बढ़ने नहीं देना है.
  • बीमारी के प्रति संवदेनशील लोगों की सतत जानकारी रखी जाए.
  • सर्विलांस में जिलों ने अच्छा काम किया है.
  • सर्विलांस में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त रहने वालों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाए. फ्रंट लाइन वर्करों को लगातार प्रोत्साहित करें. उनको हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
  • आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए स्वीकृत की गई प्रोत्साहन राशि उनके खातें में गई या नहीं इसकी जानकारी रखे.

डेंगू को लेकर हो विशेष अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू पर भी सतर्क और सावधान रहना है. हर रविवार को विशेष अभियान चलया जाए. लोगों को प्रेरित किया जाए कि हर रविवार को केवल 15 मिनट का समय निकालें और अपने घर में या घर के आसपास इकट्ठा पानी को हटा दें और डेंगू को न पनपने दें

धार्मिक उत्सवों के अवसर पर भीड़ न जुटे

सीएम ने कहा कि समय-समय पर धार्मिक त्योहार, उत्सव और स्थानीय मेले होते हैं. इनमें लोगों की भीड़ न हो इसके लिए समाज के गणमान्य लोगों और धार्मिक गुरुओं का सहयोग लिया जाए. मेलों और उत्सवों के आयजकों को विश्वास में लेकर कोविड-19 के लिए निर्धारित प्रोटोकाल का पालन कराएं.

पढ़ें- कंटेनमेंट जोन में मारपीट का वीडियो वायरल, चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को राज्य में लौटे प्रवासियों का ग्राम पंचायत वार विवरण संकलन करने के निर्देश दिए. इससे इन लोगों के लिए योजनाएं बनाने में और आसानी होगी.

वासुकीताल से ट्रैकरों के लापता होने की घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैकरों का अनिवार्य पंजीकरण किया जाना चाहिए. ऐसा मैकेनिज्म बनाया जाए ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो.

राज्य में आने वाले पर्यटकों से हो नम्रतापूर्वक व्यवहार

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों से सहानुभूतिपूर्वक और विनम्रता के साथ व्यवहार किया जाए, जो भी जरूरी जांच हो उसे तत्काल किया जाए ताकि पर्यटकों को अनावश्यक इंतजार न करना पड़े. कोशिश करें कि पर्यटक यहां से अच्छी यादें लेकर जाएं.

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलों में फंड की कोई कमी नहीं है. फिर भी केाविड-19 के लिए यदि किसी मद से व्यय किया जाना सम्भव न हो तो शासन स्तर पर बताया जाए. मुख्यमंत्री राहत कोष का इसके लिए उपयोग किया जा सकता है. टेस्टिंग के लिए प्राईवेट लैब का भी उपयोग किया जाए ताकि हालत बेकाबू न हो.

पढ़ें- उत्तराखंड में 4,102 पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या, अब तक 51 की मौत

कोविड-19 के लिए सारे संसाधन उपलब्ध

सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के दृष्टिगत तैयारियों में कोई कमी नहीं है. सारे आवश्यक संसाधन जिलों को उपलब्ध करवाए गए हैं. जांच के लिए ट्रूनेट मशीनें दी गई हैं. जल्द ही इस प्रकार कुछ और मशीनें भी दी जाएगी. जिलाधिकारी इन मशीनों का उपयोग भी पूरी क्षमता के साथ करें. सभी जिलों को एंटीजन किट भी उपलब्ध करवाए गए हैं.

उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है. कोविड केयर सेंटर में मानकों के अनुरूप ऑक्सीजन स्पोर्ट की व्यवस्था कर ली जाए. कार्मिकों की आवश्यकता होने पर जिलाधिकारी अपने स्तर पर आउटसोर्स पर रख सकते हैं. कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए आरोग्य सेतु और एनआईसी के इतिहास एप का उपयोग भी किया जा सकता है.

देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर रखने पर जोर दिया और इसी को लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

उत्तराखंड में जिस तेजी के साथ कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. उधम सिंह नगर में हैरान करने वाले मामले सामने आ रहे हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सुविधाओं बेहतर करने पर जोर दे रहे हैं. ताकि कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके. शनिवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जाना और उन्हें निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 से लड़ रहे फ्रंट लाइन कर्मचारियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए. गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों पर जिलाधिकारी खुद नजर रखें. समय पर रिस्पॉस सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.

कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर त्रिवेंद्र सरकार चिंतित

पढ़ें- उत्तराखंड में अब सफर होगा आसान, 3000 करोड़ की सड़क परियोजना को मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को तत्काल इलाज उपलब्घ करवाना, जल्द से जल्द मरीज के संपर्क में आए लोगों की पहचान करना और उनकी टेस्टिंग करना सुनिश्चित किया जाए. इसमें किसी प्रकार की देरी नहीं की जा सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है. इसलिए प्रदेश के चार जिलों में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन किया गया है. आवश्यकता हुई तो आगे भी इस पर विचार किया जाएगा. पूर्व में देहरादून में दो दिन लॉकडाउन के अच्छे परिणाम मिले थे. इसे देखकर अन्य राज्यों ने भी अपने यहां लागू किया था. कोविड-19 को हराने के लिए आम जन का सहयोग बहुत जरूरी है. इसके लिए जिलाधिकारी, जनप्रतिनिधी, सामाजिक लोग और व्यापारिक संगठनों से लगातार सम्पर्क बनाए रखें. आक्सीजन सपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए.

बैठक में की गई जरूरी बातें

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले से काफी मजबूत हुआ है.
  • आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन स्पोर्ट, टेस्टिंग मशीन व लैब आदि की सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है.
  • जिलाधिकारी इन क्षमताओं की जांच कर ये सुनिश्चित कर लें कि इनके संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध है या नहीं.
  • ऑक्सीजन सपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए.
  • कोरोना संक्रमण के मामले आएंगे परंतु सही समय पर इलाज मिल जाना चाहिए.
  • मृत्यु दर को बढ़ने नहीं देना है.
  • बीमारी के प्रति संवदेनशील लोगों की सतत जानकारी रखी जाए.
  • सर्विलांस में जिलों ने अच्छा काम किया है.
  • सर्विलांस में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त रहने वालों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाए. फ्रंट लाइन वर्करों को लगातार प्रोत्साहित करें. उनको हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
  • आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए स्वीकृत की गई प्रोत्साहन राशि उनके खातें में गई या नहीं इसकी जानकारी रखे.

डेंगू को लेकर हो विशेष अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू पर भी सतर्क और सावधान रहना है. हर रविवार को विशेष अभियान चलया जाए. लोगों को प्रेरित किया जाए कि हर रविवार को केवल 15 मिनट का समय निकालें और अपने घर में या घर के आसपास इकट्ठा पानी को हटा दें और डेंगू को न पनपने दें

धार्मिक उत्सवों के अवसर पर भीड़ न जुटे

सीएम ने कहा कि समय-समय पर धार्मिक त्योहार, उत्सव और स्थानीय मेले होते हैं. इनमें लोगों की भीड़ न हो इसके लिए समाज के गणमान्य लोगों और धार्मिक गुरुओं का सहयोग लिया जाए. मेलों और उत्सवों के आयजकों को विश्वास में लेकर कोविड-19 के लिए निर्धारित प्रोटोकाल का पालन कराएं.

पढ़ें- कंटेनमेंट जोन में मारपीट का वीडियो वायरल, चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को राज्य में लौटे प्रवासियों का ग्राम पंचायत वार विवरण संकलन करने के निर्देश दिए. इससे इन लोगों के लिए योजनाएं बनाने में और आसानी होगी.

वासुकीताल से ट्रैकरों के लापता होने की घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैकरों का अनिवार्य पंजीकरण किया जाना चाहिए. ऐसा मैकेनिज्म बनाया जाए ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो.

राज्य में आने वाले पर्यटकों से हो नम्रतापूर्वक व्यवहार

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों से सहानुभूतिपूर्वक और विनम्रता के साथ व्यवहार किया जाए, जो भी जरूरी जांच हो उसे तत्काल किया जाए ताकि पर्यटकों को अनावश्यक इंतजार न करना पड़े. कोशिश करें कि पर्यटक यहां से अच्छी यादें लेकर जाएं.

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलों में फंड की कोई कमी नहीं है. फिर भी केाविड-19 के लिए यदि किसी मद से व्यय किया जाना सम्भव न हो तो शासन स्तर पर बताया जाए. मुख्यमंत्री राहत कोष का इसके लिए उपयोग किया जा सकता है. टेस्टिंग के लिए प्राईवेट लैब का भी उपयोग किया जाए ताकि हालत बेकाबू न हो.

पढ़ें- उत्तराखंड में 4,102 पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या, अब तक 51 की मौत

कोविड-19 के लिए सारे संसाधन उपलब्ध

सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के दृष्टिगत तैयारियों में कोई कमी नहीं है. सारे आवश्यक संसाधन जिलों को उपलब्ध करवाए गए हैं. जांच के लिए ट्रूनेट मशीनें दी गई हैं. जल्द ही इस प्रकार कुछ और मशीनें भी दी जाएगी. जिलाधिकारी इन मशीनों का उपयोग भी पूरी क्षमता के साथ करें. सभी जिलों को एंटीजन किट भी उपलब्ध करवाए गए हैं.

उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है. कोविड केयर सेंटर में मानकों के अनुरूप ऑक्सीजन स्पोर्ट की व्यवस्था कर ली जाए. कार्मिकों की आवश्यकता होने पर जिलाधिकारी अपने स्तर पर आउटसोर्स पर रख सकते हैं. कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए आरोग्य सेतु और एनआईसी के इतिहास एप का उपयोग भी किया जा सकता है.

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