देहरादूनः डोईवाला के रिहायशी इलाके में घुसे गुलदार को वन विभाग की टीम ने बमुश्किल रेस्क्यू तो कर लिया, लेकिन इस पूरे रेस्क्यू अभियान को लेकर विभाग पर कई सवाल भी खड़े हो गए. इतना ही नहीं रेस्क्यू के दौरान लोगों ने गुलदार पर लाठी-डंडे बरसाए थे. इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख वन संरक्षक ने रिपोर्ट तलब कर ली है.
यूं तो वन विभाग अक्सर वन्यजीवों के रेस्क्यू में पर्याप्त उपकरण नहीं होने या रेस्क्यू के दौरान लापरवाही बरतने को लेकर चर्चाओं में रहता है, लेकिन इस बार मामला डोईवाला के सपेरा बस्ती में गुलदार के रेस्क्यू से जुड़ा है. जहां पर रेस्क्यू टीम गुलदार (Leopard) को पकड़ने तो गई लेकिन लाठी-डंडों से उसे अधमरा कर गुलदार का रेस्क्यू किया गया.
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खास बात यह है कि इस रेस्क्यू के दौरान स्थानीय लोगों समेत रेस्क्यू टीम के करीब 8 लोग गुलदार के हमले में घायल हो गए. जिसमें सभासद ईश्वर रौथाण भी शामिल थे. वायरल हुए वीडियो में दिखाई दे रहा है कि रेस्क्यू टीम गुलदार को लाठी-डंडों से पिटती रही. जिसके बाद गुलदार अधमरा होकर वहां से भाग गया. हालांकि, इसके बाद देर रात गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया जा सका.
राजीव भरतरी ने वन संरक्षक शिवालिक से तलब की रिपोर्ट
उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी (Principal Chief Conservator of Forests Rajiv Bhartari) ने बताया कि कई मैदानी क्षेत्रों और रिहायशी इलाकों में गुलदार घुस जाते हैं. ऐसे में वन विभाग की स्पेशल टीम गठित की गई है. साथ ही उन्हें उचित उपकरण भी दिए गए हैं.
इसके बावजूद भी गुलदार को ट्रेंकुलाइज किया गया और कई कर्मचारी घायल हुए हैं. ऐसे में गुलदार पर हमले की भी कुछ वीडियो सामने आई है. जिसे लेकर वन संरक्षक शिवालिक से इस मामले की रिपोर्ट तलब की गई है.