जबलपुर। कोई भी इंसान जन्म से अपराधी पैदा नहीं होता है, उसको वक्त और हालात जुर्म करने पर मजबूर कर देते हैं, जिसके बाद वो सालों साल जेल में सजा काटते रहते हैं और कैदी कहलाते हैं, लेकिन जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में सजा काट रहे कैदियों को जेल प्रशासन ने मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक अनोखा कार्य किया है. जिसकी सराहना पूरे प्रदेशभर में की जा रही है. कैदियों को सजा काटने के दौरान शेफ बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे न केवल वह स्वरोजगार कर सकें, बल्कि कई कैदी बड़े से बड़े होटलों में भी काम करते नजर आएंगे.
दरअसल, केंद्रीय जेल में इन दिनों केंद्र सरकार की कौशल विकास योजना के तहत बंदियों को सजा काटने के दौरान शेफ की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे जब बंदी सजा काटकर जेल से बाहर निकले तो स्वरोजगार कर अपने पैरों पर खड़े हो सकें. इस योजना के तहत कैदियों को 6 महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी. इस दौरान कैदियों को बकायदा कुक और बेकरी से बने आइटम केक, पेस्ट्री, और बिस्किट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
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वहीं जब इस विषय की जानकारी जबलपुर कलेक्टर भरत यादव को लगी तो उन्होंने भी जेल प्रबंधन की जमकर तारीफ की. कलेक्टर ने कहा कि जेल प्रशासन का यह अच्छा कदम है और यदि इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन की जरूरत पड़ती है. तो हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
केंद्रीय जेल में चल रही इस ट्रेनिंग को सबसे पहले ईटीवी भारत ने आमजन से रूबरू करवाया था. यही वजह है कि अब पूरे प्रदेश में केंद्रीय जेल में ट्रेनिंग ले रहे बंदी सुर्खियों में हैं. वहीं कैदियों को दी जा रही यह ट्रैनिंग न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनायेगी, बल्कि उनकी जिंदगी में एक नया सवेरा लेकर आएगी.