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बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के नाम पर ठगी, पुलिस कर रही लोगों को जागरूक - Uttarakhand cyber fraud case

उत्तराखंड में बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के नाम पर ठगी करने की कोशिश का मामला सामने आया है. मामले में देहरादून पुलिस आम जनता को साइबर ठगी से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है.

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बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के नाम पर ठगी
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Published : Jan 15, 2022, 6:06 PM IST

देहरादून: साइबर ठग लोगों से ठगी करने के लिए आये दिन नए-नए तरीके आजमा रहे हैं. इसी कड़ी में अब साइबर ठगों ने कोरोना की बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के नाम पर ठगी करनी शुरू कर दी है. बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के लिए अगर आपके पास फोन या मैसेज आ रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. ऐसा ना हो कि साइबर ठग बूस्टर प्रिकॉशन डोज रजिस्ट्रेशन के नाम पर आपके खाते को ही खाली कर दें.

इस तरह से ठगी की कोशिश के 3 मामले सामने आए हैं. जिसमें दो देहरादून और एक मामला हल्द्वानी से है. हालांकि, तीनों व्यक्ति अपनी समझदारी के कारण साइबर ठगी के चंगुल से फंसने से बच गए. जिसके बाद पुलिस की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पर आम जनता को साइबर ठगी से बचाने को एडवाइजरी जारी की गई है.

बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के नाम पर ठगी

साइबर पुलिस की मानें तो कोविड वैक्सीनेशन और प्रिकॉशन डोज लगवाने के लिए फोन करने जैसी कोई व्यवस्था नहीं है. अगर कोई फोन या मैसेज भेज कर लिंक क्लिक करने को कहे तो सावधान हो जाएं. किसी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड ओटीपी आदि की जानकारी ना दें.

बता दें कि वर्तमान में प्रिकॉशन डोज केवल फ्रंटलाइन वर्कर, स्वास्थ्य कर्मचारी और 60 साल से ऊपर के व्यक्ति को ही लगाई जा रही है. यदि किसी को प्रिकॉशन डोज संबंधित जानकारी हासिल करनी है तो वह कोविड पोर्टल पर जाकर अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें. वहां से मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा, जिसे दर्ज करने के बाद पता चल जाएगा कि प्रिकॉशन डोज कब लगनी है.

ये भी पढ़ें: शर्मसार हुआ देहरादून का विकासनगर, सौतेली मां की दुष्कर्म के बाद हत्या

एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने बताया कि देहरादून पुलिस फेसबुक पेज के साथ अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों को जागरूक कर रही है. कई बार साइबर ठग ओटीपी पूछने के नाम पर या फिर बूस्टर डोज लगने के नाम पर फोन करते हैं. वहीं, बूस्टर डोज लगाने के एवज में ओटीपी की जानकारी हासिल करते हैं और अकाउंट का लिंक लेने के बाद अकाउंट से रुपए निकाल लेते हैं.

बुस्टर डोज के नाम पर ठगी की कोशिश के मामले कुछ सामने आए हैं. उसके बाद से ही देहरादून पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है. जितने भी सोशल मीडिया में है, उन्हें साइबर ठगों से सावधानों रहने की अपील की जा रही है. हालांकि जो मामले सामने आए थे, उनमें बचाव हो चुका है. देहरादून पुलिस की अपील है कि अपना ओटीपी किसी से शेयर न करें.

देहरादून: साइबर ठग लोगों से ठगी करने के लिए आये दिन नए-नए तरीके आजमा रहे हैं. इसी कड़ी में अब साइबर ठगों ने कोरोना की बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के नाम पर ठगी करनी शुरू कर दी है. बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के लिए अगर आपके पास फोन या मैसेज आ रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. ऐसा ना हो कि साइबर ठग बूस्टर प्रिकॉशन डोज रजिस्ट्रेशन के नाम पर आपके खाते को ही खाली कर दें.

इस तरह से ठगी की कोशिश के 3 मामले सामने आए हैं. जिसमें दो देहरादून और एक मामला हल्द्वानी से है. हालांकि, तीनों व्यक्ति अपनी समझदारी के कारण साइबर ठगी के चंगुल से फंसने से बच गए. जिसके बाद पुलिस की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पर आम जनता को साइबर ठगी से बचाने को एडवाइजरी जारी की गई है.

बूस्टर प्रिकॉशन डोज लगवाने के नाम पर ठगी

साइबर पुलिस की मानें तो कोविड वैक्सीनेशन और प्रिकॉशन डोज लगवाने के लिए फोन करने जैसी कोई व्यवस्था नहीं है. अगर कोई फोन या मैसेज भेज कर लिंक क्लिक करने को कहे तो सावधान हो जाएं. किसी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड ओटीपी आदि की जानकारी ना दें.

बता दें कि वर्तमान में प्रिकॉशन डोज केवल फ्रंटलाइन वर्कर, स्वास्थ्य कर्मचारी और 60 साल से ऊपर के व्यक्ति को ही लगाई जा रही है. यदि किसी को प्रिकॉशन डोज संबंधित जानकारी हासिल करनी है तो वह कोविड पोर्टल पर जाकर अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें. वहां से मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा, जिसे दर्ज करने के बाद पता चल जाएगा कि प्रिकॉशन डोज कब लगनी है.

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एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने बताया कि देहरादून पुलिस फेसबुक पेज के साथ अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों को जागरूक कर रही है. कई बार साइबर ठग ओटीपी पूछने के नाम पर या फिर बूस्टर डोज लगने के नाम पर फोन करते हैं. वहीं, बूस्टर डोज लगाने के एवज में ओटीपी की जानकारी हासिल करते हैं और अकाउंट का लिंक लेने के बाद अकाउंट से रुपए निकाल लेते हैं.

बुस्टर डोज के नाम पर ठगी की कोशिश के मामले कुछ सामने आए हैं. उसके बाद से ही देहरादून पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है. जितने भी सोशल मीडिया में है, उन्हें साइबर ठगों से सावधानों रहने की अपील की जा रही है. हालांकि जो मामले सामने आए थे, उनमें बचाव हो चुका है. देहरादून पुलिस की अपील है कि अपना ओटीपी किसी से शेयर न करें.

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