विकासनगरः चकराता जौनसार का केंद्र बिंदु है. रोजाना आसपास गांव के ग्रामीण बड़ी संख्या में अपना इलाज कराने सीएचसी चकराता पहुंचते हैं. चकराता सीएचसी में 8 पदों के सापेक्ष मात्र दो एमबीबीएस डॉक्टर तैनात हैं. इनमें से कोई भी महिला चिकित्सक नहीं है. जबकि पूर्व में तैनात 4 डॉक्टर पीजी कोर्स करने के लिए चले गए हैं. अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात ना होने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीन भी बजट के अभाव में 1 साल से धूल फांक रही है.
वरिष्ठ पत्रकार राहुल चौहान का कहना है कि सीएचसी चकराता में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते कई बार एक्सीडेंटल केस अस्पताल पहुंचते हैं. लेकिन प्राथमिक उपचार के बाद के मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. यहां महिला चिकित्सक के ना होने से महिलाओं को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.
वहीं, कुणा गांव के बीडीसी मेंबर विक्रम पंवार का कहना है कि जौनसार बावर में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल हैं. चकराता सीएचसी की बात करें तो यहां पर ना तो अल्ट्रासाउंड है ना ही अन्य सुविधा. महिला डॉक्टर नहीं होने से काफी परेशानियां मरीजों को झेलनी पड़ती हैं. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को भी कई बार अवगत करवा चुके हैं. बावजूद इसके विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चकराता के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विपिन तोमर ने बताया कि 3 पद विशेषज्ञ डॉक्टरों के स्वीकृत हैं. लेकिन कोई विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त नहीं हैं. कुछ डॉक्टर पीजी डिप्लोमा कोर्स करने के लिए गए हैं. जबकि अस्पताल में मात्र दो ही डॉक्टर तैनात हैं जो इमरजेंसी सहित मरीजों को देखते हैं. प्रतिदिन करीब 60 से 70 ओपीडी होती है. इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है.