देहरादून: चारधाम देवस्थानम बोर्ड विधेयक का तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी लगातार विरोध कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहित लगातार सरकार से बोर्ड खत्म करने की मांग की है. वहीं, चारों धामों के तीर्थ पुरोहित राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की शरण में पहुंच गए हैं और याचिका दायर करने के लिए कहा है.
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक (चारधाम श्राइन बोर्ड) को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी फिर से सड़कों पर उतर गए हैं. इस विधेयक को लेकर पहले से ही विरोध हो रहा था, लेकिन अब विधेयक पारित होने के बाद तीर्थ पुरोहित सुब्रमण्यम स्वामी के पास पहुंचे हैं. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट ने कर इसकी जानकारी दी है.
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The Uttarakhand Government has got a new law passed by the Assembly. On the face of it, one can say that it is unconstitutional. Many sadhus came to see me to ask me to file a PIL. Will consider.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 17, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 17, 2020
उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि उनके पास चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को लेकर कई साधु आए हैं और इस विरोध को असंवैधानिक करार दिया है. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि स्वामी से जनहित याचिका दायर करने के लिए कहा है. इससे पहले भी देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधेयक को रद्द करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि वे सदियों से चारों धामों की सेवा कर रहे हैं. लेकिन अब सरकार उनका हक छीनना चाहती है.
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तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से बोर्ड खत्म करने की मांग की है. तीर्थ पुरोहित आंदोलन समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि सरकार अगर 'देवस्थानम' प्रबन्धन बोर्ड को समाप्त नहीं करती है तो तीर्थ पुरोहित इसके लिए देशव्यापी आंदोलन करेंगे. जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.