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16 फरवरी से तय किये जाएंगे चारधाम के कपाट खुलने की तिथियां

चारधाम के कपाट खुलने की तिथि का कार्यक्रम 16 फरवरी को तय किया जाएगा.

Chardham doors opening will be decided from February 16
16 फरवरी से तय किये जाएंगे चारधाम के कपाट खुलने की तिथियां
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Published : Feb 4, 2021, 9:09 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चारों धाम के कपाट खोले जाने की तिथि के कार्यक्रम 16 फरवरी से तय किये जाएंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी 16 फरवरी को पंचाग गणना के पश्चात विधि-विधान से नरेन्द्रनगर स्थित राजदरबार में तय होगी. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में 11 मार्च को शिवरात्रि के अवसर पर तय की जाएगी.

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं. तीर्थ पुरोहितों द्वारा नव संवत्सर के दिन शीतकालीन प्रवास मुखबा में गंगोत्री धाम तथा शीतकालीन प्रवास खरसाली में यमुना जयंती पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय किया जाता है.

पढ़ें- हरिद्वार: चलती कार में युवक ने की हर्ष फायरिंग, वीडियो वायरल
इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने के लिए नरेंद्रनगर राजदरबार में सुबह 9.30 बजे से कार्यक्रम शुरू हो जायेगा. गाडू घड़ा (तेल कलश) श्री नृसिंह मंदिर, जोशीमठ और योग ध्यान बदरी, पांडुकेश्वर में पूजा अर्चना के बाद 15 फरवरी की शाम को देवस्थानम बोर्ड के चंद्रभागा स्थित धर्मशाला में पहुंचेगा. फिर 16 फरवरी को सुबह राज दरबार के सुपुर्द किया जायेगा. इसी पवित्र घड़े में बाद में समारोह पूर्वक तिलों का तेल भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए बदरीनाथ धाम पहुंचाया जायेगा. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निश्चित होते ही चारधाम यात्रा की तैयारियां व्यापक तौर से शुरू की जायेगी.

देहरादून: उत्तराखंड के चारों धाम के कपाट खोले जाने की तिथि के कार्यक्रम 16 फरवरी से तय किये जाएंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी 16 फरवरी को पंचाग गणना के पश्चात विधि-विधान से नरेन्द्रनगर स्थित राजदरबार में तय होगी. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में 11 मार्च को शिवरात्रि के अवसर पर तय की जाएगी.

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं. तीर्थ पुरोहितों द्वारा नव संवत्सर के दिन शीतकालीन प्रवास मुखबा में गंगोत्री धाम तथा शीतकालीन प्रवास खरसाली में यमुना जयंती पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय किया जाता है.

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इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने के लिए नरेंद्रनगर राजदरबार में सुबह 9.30 बजे से कार्यक्रम शुरू हो जायेगा. गाडू घड़ा (तेल कलश) श्री नृसिंह मंदिर, जोशीमठ और योग ध्यान बदरी, पांडुकेश्वर में पूजा अर्चना के बाद 15 फरवरी की शाम को देवस्थानम बोर्ड के चंद्रभागा स्थित धर्मशाला में पहुंचेगा. फिर 16 फरवरी को सुबह राज दरबार के सुपुर्द किया जायेगा. इसी पवित्र घड़े में बाद में समारोह पूर्वक तिलों का तेल भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए बदरीनाथ धाम पहुंचाया जायेगा. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निश्चित होते ही चारधाम यात्रा की तैयारियां व्यापक तौर से शुरू की जायेगी.

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