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श्राइन बोर्ड नाम बदलकर हुआ चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक, विपक्ष ने किया वॉक आउट - श्राइन बोर्ड

विधानसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच मंगलवार को सदन की पटल पर चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक नाम से रखा गया संशोधन के बाद पास हो गया है. हालांकि, इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया.

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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से खास बातचीत.
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Published : Dec 10, 2019, 11:42 PM IST

देहरादून: विधानसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच मंगलवार को चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक जो कि सदन की पटल पर चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक नाम से रखा गया था वो नाम संशोधन के बाद पास हो गया है. हालांकि, इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया. उत्तराखंड के देवस्थानों से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिल के पास होने के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी भारत से खासबात चीत की.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से खास बातचीत.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि मंगलवार को सदन में श्राइन शब्द को बदलकर देवस्थानम करके चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पास कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर सभी में जिज्ञासा थी और आज जब सदन में इस पर चर्चा की गई तो काफी देर तक इस विधेयक को लेकर सभी ने अपने-अपने विचार रखे.

यह भी पढ़ें: गांव में हाथियों ने जमकर मचाया उत्पात, विद्युत पोल को किया क्षतिग्रस्त

सतपाल महाराज ने बताया कि सदन के एक सदस्य के संशोधन प्रसत्व के बाद इसका नाम बदला गया और आगे भी निरंतर आवश्यकता अनुसार सभी के सुझाव इस विधेयक में रखे जाएंगे. विपक्ष के विरोध पर बोलते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि कांग्रेस के पास विधेयक को लेकर कोई तथ्यात्मक बिंदु नहीं था. विपक्ष केवल उन लोगों को जिन्हें इस विधेयक के बारे में जानकारी नहीं है बरगलाने का काम कर रही है. सतपाल महाराज ने कहा कि इस बिल को लेकर लगातार मंदिरों में हक-हकूकधारियों के अधिकारों की बात हो रही है. जब बिल मंगलवार को सबके सामने आया तो उससे स्पष्ट हो गया है कि किसी के अधिकार और हक-हकूक के साथ छेड़खानी नहीं की गई है.

देहरादून: विधानसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच मंगलवार को चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक जो कि सदन की पटल पर चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक नाम से रखा गया था वो नाम संशोधन के बाद पास हो गया है. हालांकि, इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया. उत्तराखंड के देवस्थानों से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिल के पास होने के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी भारत से खासबात चीत की.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से खास बातचीत.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि मंगलवार को सदन में श्राइन शब्द को बदलकर देवस्थानम करके चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पास कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर सभी में जिज्ञासा थी और आज जब सदन में इस पर चर्चा की गई तो काफी देर तक इस विधेयक को लेकर सभी ने अपने-अपने विचार रखे.

यह भी पढ़ें: गांव में हाथियों ने जमकर मचाया उत्पात, विद्युत पोल को किया क्षतिग्रस्त

सतपाल महाराज ने बताया कि सदन के एक सदस्य के संशोधन प्रसत्व के बाद इसका नाम बदला गया और आगे भी निरंतर आवश्यकता अनुसार सभी के सुझाव इस विधेयक में रखे जाएंगे. विपक्ष के विरोध पर बोलते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि कांग्रेस के पास विधेयक को लेकर कोई तथ्यात्मक बिंदु नहीं था. विपक्ष केवल उन लोगों को जिन्हें इस विधेयक के बारे में जानकारी नहीं है बरगलाने का काम कर रही है. सतपाल महाराज ने कहा कि इस बिल को लेकर लगातार मंदिरों में हक-हकूकधारियों के अधिकारों की बात हो रही है. जब बिल मंगलवार को सबके सामने आया तो उससे स्पष्ट हो गया है कि किसी के अधिकार और हक-हकूक के साथ छेड़खानी नहीं की गई है.

Intro:Note- इन ख़बर में सतपाल महाराज का वन टू वन FTP से (satapal maharaj one to one) नाम से भेजा गया है।

एंकर- मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच आखिरकार चार धाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक जो कि सदन की पटल पर चार-धाम श्राइन प्रबंधन विधेयक नाम से रखा गया था वो नाम संशोधन के बाद पास हो गया। हालांकि इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया। देवभूमि उत्तराखंड के देवस्थानों से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिल के पास होने के बाद ईटीवी भारत से खास बात चीत की पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने।




Body:वीओ- ईटीवी संवाददाता से खास बातचीत करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि आज सदन में श्राइन शब्द को बदलकर देवस्थानम करके चार धाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पास कर दिया गया है।

सतपाल महाराज ने कहा कि इस विधेयक को लेकर सभी में जिज्ञासा थी और आज जब सदन में इस पर चर्चा की गई तो काफी देर तक इस विधेयक को लेकर सभी ने अपने अपने विचार रखें। सतपाल महाराज ने बताया कि सदन के एक सदस्य के संशोधन प्रसत्व के बाद इसका नाम बदला गया और आगे भी निरन्तर आवश्यकता अनुसार सभी के सुझाव इस विधेयक में रखे जाएंगे।

विपक्ष के विरोध पर बोलते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि कांग्रेस के पास विधेयक को लेकर कोई तथ्यात्मक बिंदु नहीं था। विपक्ष केवल उन लोगों को जिन्हें इस विधेयक के बारे में जानकारी नहीं है बरगलाने का काम कर रही है। सतपाल महाराज ने कहा कि इस बिल को लेकर लगातार मंदिरों में हक हकूक दारों के अधिकारों की बात हो रही है और जब बिल आज सबके सामने आया तो उससे स्पष्ट हो गया है कि किसी के अधिकार और हक हकूक के साथ छेड़खानी नहीं की गई है।

सतपाल महाराज खास बातचीत


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