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नतीजों से पहले BJP में घमासान, भीतरघातियों ने कैलाश गहतोड़ी की भी उड़ाई नींद

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे, लेकिन इससे पहले ही बीजेपी प्रत्याशियों को हार का डर सताने लगा है. कई प्रत्याशियों ने अपने ही नेताओं पर चुनाव में पार्टी विरोध काम करने का आरोप लगाया है, जिससे बीजेपी के साथ-साथ प्रत्याशियों की रातों की नींद उड़ी हुई है.

champawat
कैलाश गहतोड़ी
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Published : Feb 16, 2022, 3:31 PM IST

Updated : Feb 16, 2022, 4:42 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव खत्म होते ही बीजेपी के अंदर से खटपट की खबरें आने लगी हैं. बीजेपी के कई प्रत्याशियों को अपनी हार का डर सता रहा है. बीजेपी के कई प्रत्याशियों और विधायकों ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर चुनाव में भीतरघात का आरोप लगाया है. प्रत्याशियों के इन आरोपों से पार्टी भी असहज दिख रही है.

दरअसल, सबसे पहले लक्सर से बीजेपी विधायक और प्रत्याशी संजय गुप्ता ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को गद्दार बताया था. उन्होंने कहा था कि मदन कौशिक ने चुनाव में उनके खिलाफ काम किया है और दूसरी पार्टी की प्रत्याशी को जिताने की कोशिश की है. इसके अलावा काशीपुर से बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कुछ नेताओं पर इस तरह के आरोप लगाए हैं. काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा ने चुनाव लड़ा है. उन्होंने पार्टी से गद्दारों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं तीसरे नंबर पर चंपावत से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने इसी तरह का आरोप लगाया है. उन्होंने कुछ नेताओं पर भीतरघात का आरोप लगाया है.

भीतरघातियों ने कैलाश गहतोड़ी की भी उड़ाई नींद

पढ़ें- हरीश रावत का सीधा ऐलान, उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनूंगा नहीं तो घर बैठूंगा

हालांकि लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने जो आरोप बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर लगाए हैं, उनको लेकर जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सवाल किया गया तो उन्होंने सिर्फ इनता ही कहा था कि इस मामले की जांच कराई जाएगी. इसके ज्यादा उन्होंने कुछ नहीं कहा है.

बीजेपी प्रत्याशी के इन सभी आरोपों को लेकर जब पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों के की गई बयानबाजी का कोई आधार नहीं है. अगर किसी भी नेता और कार्यकर्ता को अपनी बात कहनी है तो उसे लिखित में प्रमाण सहित अपनी शिकायत सही फोरम पर देनी चाहिए. इस तरह का सार्वजनिक तौर पर बयान देना सही नहीं है.

देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव खत्म होते ही बीजेपी के अंदर से खटपट की खबरें आने लगी हैं. बीजेपी के कई प्रत्याशियों को अपनी हार का डर सता रहा है. बीजेपी के कई प्रत्याशियों और विधायकों ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर चुनाव में भीतरघात का आरोप लगाया है. प्रत्याशियों के इन आरोपों से पार्टी भी असहज दिख रही है.

दरअसल, सबसे पहले लक्सर से बीजेपी विधायक और प्रत्याशी संजय गुप्ता ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को गद्दार बताया था. उन्होंने कहा था कि मदन कौशिक ने चुनाव में उनके खिलाफ काम किया है और दूसरी पार्टी की प्रत्याशी को जिताने की कोशिश की है. इसके अलावा काशीपुर से बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कुछ नेताओं पर इस तरह के आरोप लगाए हैं. काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा ने चुनाव लड़ा है. उन्होंने पार्टी से गद्दारों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं तीसरे नंबर पर चंपावत से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने इसी तरह का आरोप लगाया है. उन्होंने कुछ नेताओं पर भीतरघात का आरोप लगाया है.

भीतरघातियों ने कैलाश गहतोड़ी की भी उड़ाई नींद

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हालांकि लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने जो आरोप बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर लगाए हैं, उनको लेकर जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सवाल किया गया तो उन्होंने सिर्फ इनता ही कहा था कि इस मामले की जांच कराई जाएगी. इसके ज्यादा उन्होंने कुछ नहीं कहा है.

बीजेपी प्रत्याशी के इन सभी आरोपों को लेकर जब पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों के की गई बयानबाजी का कोई आधार नहीं है. अगर किसी भी नेता और कार्यकर्ता को अपनी बात कहनी है तो उसे लिखित में प्रमाण सहित अपनी शिकायत सही फोरम पर देनी चाहिए. इस तरह का सार्वजनिक तौर पर बयान देना सही नहीं है.

Last Updated : Feb 16, 2022, 4:42 PM IST
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