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Joshimath Crisis: पुनर्वास को लेकर आए 5 विकल्प, DM ने आपदा सचिव को भेजी रिपोर्ट

उत्तराखंड के जोशीमठ नगर दरार से कराह रहा है. अब सरकार के सामने बड़ी चुनौती प्रभावितों का पुनर्वास करना है. ताकि, किसी अनहोनी से पहले उन्हें सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जा सके. लिहाजा, जोशीमठ के प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर डीएम हिमांशु खुराना ने 5 विकल्प से जुड़ी रिपोर्ट आपदा सचिव को भेजी है. जिसका अध्य्यन किया जा रहा है. वहीं, जोशीमठ में मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड बनकर तैयार हो गए हैं.

Cracks in Joshimath
जोशीमठ में दरार
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Published : Jan 25, 2023, 5:00 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 7:32 PM IST

जोशीमठ प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर आए 5 विकल्प.

देहरादूनः जोशीमठ में दरार और भू-धंसाव से उपजे हालात के बाद प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर चिंतन चल रहा है. इस कड़ी में चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने एक रिपोर्ट आपदा सचिव को भेजी है. जिसमें पुनर्वास को लेकर 5 विकल्प दिए गए हैं.

सरकार के लिए जोशीमठ में प्रभावित लोगों को निर्वासित करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. इसके लिए स्थानीय लोगों से भी बात की जा रही है और उनकी ओर से की जा रही मांगों पर भी विचार किया जा रहा है. ताकि, उनकी मांगों और सुझावों के आधार पर आगे की रणनीति पर तेजी से कार्रवाई की जा सके.

एक तरफ सरकार की ओर से उन्हें दूसरी जगह पर बसाने को लेकर बात चल रही है तो वहीं लोगों को राहत राशि देकर खुद ही पुनर्वास होने पर भी चिंतन चल रहा है. हालांकि, इन दोनों ही विकल्प पर अभी बात नहीं बन पाई है. ऐसे में चमोली डीएम की तरफ से लोगों को पुनर्वास देने के लिए अलग-अलग विकल्प तलाशे गए हैं.

चमोली डीएम हिमांशु खुराना की तरफ से फिलहाल विकल्प देते हुए आपदा सचिव को रिपोर्ट भेज दी गई है. हालांकि, पांच विकल्प कौन-कौन से होंगे? इसकी जानकारी नहीं दी गई है. वहीं, मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि अभी रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद मुख्य सचिव के सामने रिपोर्ट को रखकर वार्ता की जाएगी. मुख्य सचिव से वार्ता के बाद ही विकल्प पर कोई निर्णय लिया जा सकता है.
ये भी पढ़ेंः Joshimath Sinking: पुनर्वास के लिए पीपलकोटी भी नहीं सुरक्षित!, जानिये क्या कहते हैं भूवैज्ञानिक

जोशीमठ में 863 घरों में दरारेंः जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण अभी तक 863 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिनमें दरारें मिली है. इसमें से 181 भवन असुरक्षित जोन में है. जबकि, आपदा प्रभावित 282 परिवारों के 947 सदस्यों को राहत शिविरों में रुकवाया गया है.

राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा आदि की मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही है. सार्वजनिक स्थानों, चौराहों और राहत शिविरों के आसपास 20 स्थानों पर नियमित रूप से अलाव की व्यवस्था की गई है. प्रभावित परिवारों के तीक्ष्ण एवं पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों, विशेष पुनर्वास पैकेज की अग्रिम धनराशि, सामान ढुलाई और तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए एकमुश्त विशेष ग्रांट के रूप में धनराशि दी जा रही है.

अभी तक 388.27 लाख की राहत राशि की जा चुकी वितरितः चमोली जिला प्रशासन की मानें तो घरेलू सामग्री की खरीदारी के लिए भी राशि वितरित की जा चुकी है. अभी तक 585 प्रभावितों को 388.27 लाख की राहत धनराशि वितरित की जा चुकी है.

Prefabricated cattle shed ready for cattles.
मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड तैयार.

मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड तैयारः वहीं, जोशीमठ नगर पालिका के अंतर्गत सुनील में प्रभावित पशुओं के लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड बनकर तैयार हो गया है. आपदा प्रभावित पशुपालकों को पशु चारे के लिए 150 कॉम्पैक्ट फीड ब्लॉक वितरण के साथ ही 84 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.
ये भी पढ़ेंः Joshimath Sinking: IIT रुड़की की रिपोर्ट पर टिका हेलंग बाईपास का भविष्य, पीपलकोटी में विस्थापन का प्लान HOLD

जोशीमठ प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर आए 5 विकल्प.

देहरादूनः जोशीमठ में दरार और भू-धंसाव से उपजे हालात के बाद प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर चिंतन चल रहा है. इस कड़ी में चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने एक रिपोर्ट आपदा सचिव को भेजी है. जिसमें पुनर्वास को लेकर 5 विकल्प दिए गए हैं.

सरकार के लिए जोशीमठ में प्रभावित लोगों को निर्वासित करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. इसके लिए स्थानीय लोगों से भी बात की जा रही है और उनकी ओर से की जा रही मांगों पर भी विचार किया जा रहा है. ताकि, उनकी मांगों और सुझावों के आधार पर आगे की रणनीति पर तेजी से कार्रवाई की जा सके.

एक तरफ सरकार की ओर से उन्हें दूसरी जगह पर बसाने को लेकर बात चल रही है तो वहीं लोगों को राहत राशि देकर खुद ही पुनर्वास होने पर भी चिंतन चल रहा है. हालांकि, इन दोनों ही विकल्प पर अभी बात नहीं बन पाई है. ऐसे में चमोली डीएम की तरफ से लोगों को पुनर्वास देने के लिए अलग-अलग विकल्प तलाशे गए हैं.

चमोली डीएम हिमांशु खुराना की तरफ से फिलहाल विकल्प देते हुए आपदा सचिव को रिपोर्ट भेज दी गई है. हालांकि, पांच विकल्प कौन-कौन से होंगे? इसकी जानकारी नहीं दी गई है. वहीं, मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि अभी रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद मुख्य सचिव के सामने रिपोर्ट को रखकर वार्ता की जाएगी. मुख्य सचिव से वार्ता के बाद ही विकल्प पर कोई निर्णय लिया जा सकता है.
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जोशीमठ में 863 घरों में दरारेंः जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण अभी तक 863 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिनमें दरारें मिली है. इसमें से 181 भवन असुरक्षित जोन में है. जबकि, आपदा प्रभावित 282 परिवारों के 947 सदस्यों को राहत शिविरों में रुकवाया गया है.

राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा आदि की मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही है. सार्वजनिक स्थानों, चौराहों और राहत शिविरों के आसपास 20 स्थानों पर नियमित रूप से अलाव की व्यवस्था की गई है. प्रभावित परिवारों के तीक्ष्ण एवं पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों, विशेष पुनर्वास पैकेज की अग्रिम धनराशि, सामान ढुलाई और तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए एकमुश्त विशेष ग्रांट के रूप में धनराशि दी जा रही है.

अभी तक 388.27 लाख की राहत राशि की जा चुकी वितरितः चमोली जिला प्रशासन की मानें तो घरेलू सामग्री की खरीदारी के लिए भी राशि वितरित की जा चुकी है. अभी तक 585 प्रभावितों को 388.27 लाख की राहत धनराशि वितरित की जा चुकी है.

Prefabricated cattle shed ready for cattles.
मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड तैयार.

मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड तैयारः वहीं, जोशीमठ नगर पालिका के अंतर्गत सुनील में प्रभावित पशुओं के लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड बनकर तैयार हो गया है. आपदा प्रभावित पशुपालकों को पशु चारे के लिए 150 कॉम्पैक्ट फीड ब्लॉक वितरण के साथ ही 84 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.
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Last Updated : Jan 25, 2023, 7:32 PM IST
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