देहरादूनः अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के दूसरे दिन भी आंतरिक सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान अत्याधुनिक उपकरण की प्रदर्शनी के साथ ही सोशल मीडिया की चुनौतियों पर भी बात हुई. कार्यक्रम के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की तरफ से भी सोशल मीडिया को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया गया और इसके बचाव के तरीके भी बताए गए.
देहरादून में हो रही 49वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस के दूसरे दिन भी विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों के बीच आंतरिक सुरक्षा पर चिंतन किया गया. इस दौरान अलगाववादियों की तरफ से सोशल मीडिया का उपयोग कर फैलाए जाने वाले दुष्प्रचार और इससे होने वाले नुकसान को लेकर चर्चा की गई. इसके अलावा अलगाववादियों के सोशल मीडिया को हथियार बनाने पर इससे बचाव को लेकर भी बात की गई. इस दौरान विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, इसमें खासतौर पर छठे सत्र के दौरान आंतरिक सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया के उपयोग के तरीकों पर भी बातचीत हुई.
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कार्यक्रम के दूसरे दिन राज्यपाल महामहिम रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह भी यहां पहुंचे. इस दौरान यहां विभिन्न राज्यों के पुलिस अफसर के साथ ही केंद्रीय एजेंसियों के अफसर भी मौजूद रहे. इस दौरान स्पेशल डायरेक्टर इन की तरफ से सोशल मीडिया की चुनौतियों से पार पाने के लिए चार बिंदुओं को भी बताया गया. इसमें सोशल मीडिया के माध्यम से सकारात्मक संदेशों का प्रसारण, पुलिस के स्तर पर फैक्ट चेकिंग यूनिट्स की स्थापना, सोशल मीडिया ग्रुपों में सतर्क दृष्टि रखते हुए सक्रिय रहना और सोशल मीडिया पर सामाजिक तत्वों पर ब्लॉकिंग रूल का पालन करना जिसके लिए आईटी एक्ट प्रावधानों के तहत नोएडा अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए.
इस दौरान पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी डेलिगेट्स के साथ पुलिस टेक एग्जीबिशन का भी भ्रमण किया. उन्होंने मेक इन इंडिया योजना के तहत उच्च व स्वदेशी तकनीक से निर्मित स्मार्ट वेपंस और दूसरे उपकरणों को पुलिस आधुनिक कारण में शामिल करने पर जोर दिया. इस एग्जीबिशन में फॉरेंसिक साइंस, ड्रोन, रोबोटिक, स्मार्ट वेपंस, आईपी कैमरे, टेलीस्कोप, वायरलेस और साइबर सुरक्षा से जुड़े उपकरणों के स्टाल लगाए गए.