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उत्तराखंड: अर्बन रिफॉर्म के लिए 100 करोड़ रुपए का अनुदान देगी केंद्र सरकार

केंद्र सरकार शहरी सुधार के लिए उत्तराखंड को 100 करोड़ रुपये का अनुदान देगी. केंद्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट ऑफ कैपिटल इन्वेस्टमेंट योजना के तहत उत्तराखंड का चयन हुआ है. वहीं, अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स शहरी गरीबों के लिए प्रदेश में 600 से अधिक आवासों को चयनित किया गया है.

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Published : Jan 1, 2023, 5:21 PM IST

देहरादूनः भारत सरकार की 'स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट ऑफ कैपिटल इन्वेस्टमेंट' योजना के तहत उत्तराखंड राज्य का चयन किया गया है. इस योजना के तहत अर्बन रिफॉर्म के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार को 100 करोड़ रुपए का अनुदान देगी. दरअसल, राज्य की ओर से इस योजना के तहत 6 घटकों की अनुपालन आख्या का प्रस्तुतीकरण भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया. जिसके बाद ही राज्य सरकार को अनुदान के लिया चुना गया है.

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य में स्वच्छ भारत मिशन शहरी के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मद में 91 निकायों के लिए 64 परियोजनाएं भारत सरकार से स्वीकृत करा ली गई है. इनमें से 89 निकायों के लिए 62 परियोजनाओं की धनराशि 71.63 करोड़ रुपए (35 प्रतिशत) वीजीएफ के रूप में प्राप्त की गई है. बाकी शेष 65 प्रतिशत 221.31 करोड़ रुपए राज्य सरकार व स्थानीय निकायों द्वारा वहन की जाएगी. बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में 1535.50 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट प्रति दिन उत्पन्न होता है.

जिसमें से 1062.07 मीट्रिक टन यानी 69 प्रतिशत का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) प्रतिदिन किया जाता है. इसके लिए 38 मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी केंद्र, 60 अपशिष्ट कॉम्पेक्टर तथा 855 कम्पोस्ट पिट निकायों में संचालित है. दरअसल, प्रदेश के दूरस्थ पालिका जोशीमठ में 1200 टन अजैविक कूड़े का विक्रय कर लगभग 79 लाख की आय अर्जित की गई है. लीगेसी वेस्ट निस्तारण के लिए 7 नगर निगमों की 80 करोड़ रुपए की परियोजनाएं भारत सरकार ने स्वीकृत की है. साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 29 करोड़ रुपए राज्य को अवमुक्त किया गया है.
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उन्होंने बताया कि शहरी विकास विभाग के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि मंडल द्वारा जर्मनी में रीसाइक्लिंग एवं वेस्ट टू एनर्जी, ईपीआर आदि के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों का एक सप्ताह का अध्ययन किया गया. साथ ही जीआईजेड के तकनीकि सहयोग से इन नवाचारों को राज्यों में क्रियान्वित किए जाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना अंतर्गत 2993 महिला स्वयं सहायता समूह एवं 73 क्षेत्र स्तरीय संघ का गठन किया गया. विपणन हेतु नगर पालिका परिषद चंपावत, टनकपुर तथा नगर निगम रुद्रपुर में नगर आजीविका केंद्रों (सीएलसी) को स्वीकृत किया गया है.

20,870 फेरी व्यवसायियों को सर्वेक्षण कर पेंडिंग सर्टिफिकेट एवं पहचान पत्र उपलब्ध कराया गया है. निकायों में फेरी व्यवसायियों को सुव्यवचित करने के लिए कुल 333 वेंडिंग जोनों का चिन्हिकरण किया गया है. महिला फेरी व्यवसायियों हेतु नगर निगम हरिद्वार में पिंक वेंडिंग जोन तथा नगर निगम देहरादून में स्मार्ट वेंडिंग जोन की स्थापना की गई है. 7422 शहरी गरीबों को स्वरोजगार के लिए बैकों के माध्यम से 103 करोड़ का ऋण की स्वीकृति और 448 करोड़ रुपए का व्याज सब्सिडी अनुदान निर्गत किया गया है.

उन्होंने कहा कि डेएनयूएलएम योजना के अंतर्गत शहरी बेघरों के लिए आश्रय (एसयूएच) के अंतर्गत 801 आश्रितों की क्षमता के 14 रैन बसेरों का संचालन निराश्रित बेघरों हेतु किया जा रहा है. अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) अंतर्गत 151 स्वीकृत परियोजनाओं में से वर्तमान तक 339.45 करोड़ रुपए की 117 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं. 34 योजनाएं 253.52 करोड़ रुपए की गतिमान है, जिन्हें मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है. योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 593.02 करोड़ रुपए के सापेक्ष 591.02 करोड़ रुपए (केंद्रांश व राज्यांश को जोड़कर) अवमुक्त किये जा चुके हैं.

इसके साथ ही 66203 उपभोक्ताओं को 'पेयजल कनेक्शन' तथा 67219 सीवरेज कनेक्शन उपभोगक्ताओं को दिया गया है. निकाय अंतर्गत 82337 सोडियम लाईटों को एलईडी लाईट में परिवर्तित किया गया. उन्होंने बताया कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन 2.0 के अंतर्गत पूर्व चयनित 7 अमृत नगरों में सीवर/सेप्टेज निस्तारण तथा प्रदेश के सभी नगरों में जल संयोजन दिया जाना निर्धारित है.111 शहरों (102 स्थानीय निकाय तथा 09 कंटेनमेंट बोर्ड) के लिए केंद्रांश 582.00 करोड़ तथा राज्यांश 64.66 करोड़, कुल 646.66 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई है.

प्रथम चरण के लिए किस्त 233.74 करोड़, केंद्रांश तथा राज्यांश 25.97, कुल 259.71 करोड़ के सापेक्ष केंद्रांश (20%) धनराशि 42. 08 अवमुक्त कर दी गई है. योजना के अंतर्गत कुल 65915 जल संयोजन दिया जाना प्रस्तावित है. शास्त्रीनगर वार्ड (देहरादून) को 24X7 किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वित्तीय सुदृढीकरण- राज्य में म्युनिसिपल एकाउंटिंग मैनुअल, 2021 तैयार कर लागू कर दिया गया है. एवं संबंधित अधिनियमों में संशोधन कर दिया गया है. सिंगल एंट्री सिस्टम से डबल एंट्री एकाउंटिंग सिस्टम सभी नगर निकायों में लागू किया जा रहा है.
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म्युनिसिपल एकाउंटिंग मैनुअल को लागू करने के लिए म्युनिसिपल एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. म्युनिसिपल एकाउंटिंग ऑडिट रूल्स तैयार किए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त 8 नगर निगमों में सेल्फ एस्सेमेन्ट लागू है एवं 68 निकायों के सम्पत्ति रजिस्टर को डिजिटाइज किया जा चुका है. 7 अमृत शहरों के लिए क्रेडिट रेटिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी आधारित निर्माण घटक अंतर्गत 22175 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है, जिनमें में 6175 आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है तथा 8 हजार आवासों से अधिक पर कार्य प्रगति पर हैं.

अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स शहरी गरीबों के लिए प्रदेश में 600 से अधिक आवासों को चयनित किया गया. लालकूआं में 100 आवास व देहरादून में 70 आवास आवंटित किया गया. भागीदारी में किफायती आवास घटक अंतर्गत 13 आवासीय कालोनियों में 14500 आवासों का शिलान्यास व वर्तमान में कार्य प्रगति पर है. प्रधानमंत्री आवास योजना के एएचपी घटक में भारत सरकार से 21 योजनाओं (17304 आवास) की स्वीकृति कराकर 464 आवासों का कब्जा लाभार्थियों को दिया जा चुका है. शेष समस्त आवास साल 2024 तक पूर्ण कर कब्जा दिया जाना प्रस्तावित है.

लाभार्थियों के आवास की बुकिंग आवंटन एवं लॉटरी के लिए ऑनलाईन पोर्टल शुरू किया गया है तथा राज्य के सभी CSC के माध्यम से आवास की बुकिंग सुविधा प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य अवस्थापना निधि में राज्य सेक्टर के अंतर्गत समस्त निकायों में ओपन जिम पार्क निर्माण हेतु नगर निगमों को 3 लाख, नगर पालिका परिषद को 2 लाख तथा नगर पंचायतों को 1.50 लाख अवमुक्त किए गए.

देहरादूनः भारत सरकार की 'स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट ऑफ कैपिटल इन्वेस्टमेंट' योजना के तहत उत्तराखंड राज्य का चयन किया गया है. इस योजना के तहत अर्बन रिफॉर्म के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार को 100 करोड़ रुपए का अनुदान देगी. दरअसल, राज्य की ओर से इस योजना के तहत 6 घटकों की अनुपालन आख्या का प्रस्तुतीकरण भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया. जिसके बाद ही राज्य सरकार को अनुदान के लिया चुना गया है.

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य में स्वच्छ भारत मिशन शहरी के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मद में 91 निकायों के लिए 64 परियोजनाएं भारत सरकार से स्वीकृत करा ली गई है. इनमें से 89 निकायों के लिए 62 परियोजनाओं की धनराशि 71.63 करोड़ रुपए (35 प्रतिशत) वीजीएफ के रूप में प्राप्त की गई है. बाकी शेष 65 प्रतिशत 221.31 करोड़ रुपए राज्य सरकार व स्थानीय निकायों द्वारा वहन की जाएगी. बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में 1535.50 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट प्रति दिन उत्पन्न होता है.

जिसमें से 1062.07 मीट्रिक टन यानी 69 प्रतिशत का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) प्रतिदिन किया जाता है. इसके लिए 38 मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी केंद्र, 60 अपशिष्ट कॉम्पेक्टर तथा 855 कम्पोस्ट पिट निकायों में संचालित है. दरअसल, प्रदेश के दूरस्थ पालिका जोशीमठ में 1200 टन अजैविक कूड़े का विक्रय कर लगभग 79 लाख की आय अर्जित की गई है. लीगेसी वेस्ट निस्तारण के लिए 7 नगर निगमों की 80 करोड़ रुपए की परियोजनाएं भारत सरकार ने स्वीकृत की है. साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 29 करोड़ रुपए राज्य को अवमुक्त किया गया है.
ये भी पढ़ेंः ऋषभ पंत की जान बचाने वाले ड्राइवर और कंडक्टर को सम्मानित करेगी उत्तराखंड सरकार, CM ने किया ऐलान

उन्होंने बताया कि शहरी विकास विभाग के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि मंडल द्वारा जर्मनी में रीसाइक्लिंग एवं वेस्ट टू एनर्जी, ईपीआर आदि के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों का एक सप्ताह का अध्ययन किया गया. साथ ही जीआईजेड के तकनीकि सहयोग से इन नवाचारों को राज्यों में क्रियान्वित किए जाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना अंतर्गत 2993 महिला स्वयं सहायता समूह एवं 73 क्षेत्र स्तरीय संघ का गठन किया गया. विपणन हेतु नगर पालिका परिषद चंपावत, टनकपुर तथा नगर निगम रुद्रपुर में नगर आजीविका केंद्रों (सीएलसी) को स्वीकृत किया गया है.

20,870 फेरी व्यवसायियों को सर्वेक्षण कर पेंडिंग सर्टिफिकेट एवं पहचान पत्र उपलब्ध कराया गया है. निकायों में फेरी व्यवसायियों को सुव्यवचित करने के लिए कुल 333 वेंडिंग जोनों का चिन्हिकरण किया गया है. महिला फेरी व्यवसायियों हेतु नगर निगम हरिद्वार में पिंक वेंडिंग जोन तथा नगर निगम देहरादून में स्मार्ट वेंडिंग जोन की स्थापना की गई है. 7422 शहरी गरीबों को स्वरोजगार के लिए बैकों के माध्यम से 103 करोड़ का ऋण की स्वीकृति और 448 करोड़ रुपए का व्याज सब्सिडी अनुदान निर्गत किया गया है.

उन्होंने कहा कि डेएनयूएलएम योजना के अंतर्गत शहरी बेघरों के लिए आश्रय (एसयूएच) के अंतर्गत 801 आश्रितों की क्षमता के 14 रैन बसेरों का संचालन निराश्रित बेघरों हेतु किया जा रहा है. अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) अंतर्गत 151 स्वीकृत परियोजनाओं में से वर्तमान तक 339.45 करोड़ रुपए की 117 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं. 34 योजनाएं 253.52 करोड़ रुपए की गतिमान है, जिन्हें मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है. योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 593.02 करोड़ रुपए के सापेक्ष 591.02 करोड़ रुपए (केंद्रांश व राज्यांश को जोड़कर) अवमुक्त किये जा चुके हैं.

इसके साथ ही 66203 उपभोक्ताओं को 'पेयजल कनेक्शन' तथा 67219 सीवरेज कनेक्शन उपभोगक्ताओं को दिया गया है. निकाय अंतर्गत 82337 सोडियम लाईटों को एलईडी लाईट में परिवर्तित किया गया. उन्होंने बताया कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन 2.0 के अंतर्गत पूर्व चयनित 7 अमृत नगरों में सीवर/सेप्टेज निस्तारण तथा प्रदेश के सभी नगरों में जल संयोजन दिया जाना निर्धारित है.111 शहरों (102 स्थानीय निकाय तथा 09 कंटेनमेंट बोर्ड) के लिए केंद्रांश 582.00 करोड़ तथा राज्यांश 64.66 करोड़, कुल 646.66 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई है.

प्रथम चरण के लिए किस्त 233.74 करोड़, केंद्रांश तथा राज्यांश 25.97, कुल 259.71 करोड़ के सापेक्ष केंद्रांश (20%) धनराशि 42. 08 अवमुक्त कर दी गई है. योजना के अंतर्गत कुल 65915 जल संयोजन दिया जाना प्रस्तावित है. शास्त्रीनगर वार्ड (देहरादून) को 24X7 किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वित्तीय सुदृढीकरण- राज्य में म्युनिसिपल एकाउंटिंग मैनुअल, 2021 तैयार कर लागू कर दिया गया है. एवं संबंधित अधिनियमों में संशोधन कर दिया गया है. सिंगल एंट्री सिस्टम से डबल एंट्री एकाउंटिंग सिस्टम सभी नगर निकायों में लागू किया जा रहा है.
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म्युनिसिपल एकाउंटिंग मैनुअल को लागू करने के लिए म्युनिसिपल एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. म्युनिसिपल एकाउंटिंग ऑडिट रूल्स तैयार किए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त 8 नगर निगमों में सेल्फ एस्सेमेन्ट लागू है एवं 68 निकायों के सम्पत्ति रजिस्टर को डिजिटाइज किया जा चुका है. 7 अमृत शहरों के लिए क्रेडिट रेटिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी आधारित निर्माण घटक अंतर्गत 22175 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है, जिनमें में 6175 आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है तथा 8 हजार आवासों से अधिक पर कार्य प्रगति पर हैं.

अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स शहरी गरीबों के लिए प्रदेश में 600 से अधिक आवासों को चयनित किया गया. लालकूआं में 100 आवास व देहरादून में 70 आवास आवंटित किया गया. भागीदारी में किफायती आवास घटक अंतर्गत 13 आवासीय कालोनियों में 14500 आवासों का शिलान्यास व वर्तमान में कार्य प्रगति पर है. प्रधानमंत्री आवास योजना के एएचपी घटक में भारत सरकार से 21 योजनाओं (17304 आवास) की स्वीकृति कराकर 464 आवासों का कब्जा लाभार्थियों को दिया जा चुका है. शेष समस्त आवास साल 2024 तक पूर्ण कर कब्जा दिया जाना प्रस्तावित है.

लाभार्थियों के आवास की बुकिंग आवंटन एवं लॉटरी के लिए ऑनलाईन पोर्टल शुरू किया गया है तथा राज्य के सभी CSC के माध्यम से आवास की बुकिंग सुविधा प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य अवस्थापना निधि में राज्य सेक्टर के अंतर्गत समस्त निकायों में ओपन जिम पार्क निर्माण हेतु नगर निगमों को 3 लाख, नगर पालिका परिषद को 2 लाख तथा नगर पंचायतों को 1.50 लाख अवमुक्त किए गए.

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