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अब जेल से नहीं चलेगा अपराधियों का 'खेल', CCTV कैमरों होगी कड़ी निगरानी

उत्तराखंड में जेल के अंदर से अपराधिक नेटवर्क चलाने वाले अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी हो रही है. अब सभी जेलों में सीसीटीवी और बॉडी वॉर्न कैमरा लगाया जाएगा. जिससे जेल की हर गतिविधि पर पैनी नजर रहेगी.

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अब जेल से नहीं चलेगा अपराधियों का खेल
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Published : Oct 6, 2020, 6:01 PM IST

Updated : Oct 7, 2020, 7:56 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, उधम सिंह नगर, नैनीताल जैसे अन्य जेलों में लंबे समय से मोबाइल एवं अन्य उपकरणों की मदद से कैदियों द्वारा आपराधिक नेटवर्क चलाने वाले पर अब शिकंजा कसा जा सकेगा. जी हां जेल से चलने वाली अपराधिक गतिविधियों पर अब 24 घंटे नजर बनाए रखने के लिए राज्य के सभी जेलों को पूर्ण रूप से सीसीटीवी से लैस किया जा रहा है. इतना ही नहीं राज्य के मुख्यतः 5 जेलों को अतिरिक्त सुरक्षा के घेरे में लेते हुए 50 से अधिक बॉडी वॉर्न कैमरा (Body worn camera) की व्यवस्था भी तेजी से की जा रही है. इन सब व्यवस्थाओं के लिए जेल विभाग द्वारा कारागारों को तीन करोड़ रुपए का बजट मुहैया कराया गया है. जल्द ही दोनों तरह के अत्याधुनिक उपकरणों को लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.

अब जेल से नहीं चलेगा अपराधियों का खेल

सीसीटीवी मॉनिटरिंग और समय-समय पर समीक्षा

अक्सर हरिद्वार, रुड़की, उधम सिंह नगर, देहरादून, नैनीताल जैसे अन्य जेलों से समय-समय पर अंदरूनी मिलीभगत के चलते अपराधिक नेटवर्क चलने की खबरें सामने आती रहती है. ऐसे में राज्य की जेलों को पूर्ण रूप से सीसीटीवी और बॉडी वॉर्न कैमरा से लैस करने के साथ ही समय-समय पर जेल अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग कर समीक्षा की जाएगी. सीसीटीवी मॉनिटरिंग के दौरान कैदियों के साथ जेल परिसर में कार्यरत सभी कर्मचारियों की गतिविधि पर नजर रखना आसान होगा. किसी स्तर पर कोई भी कोताही और मिलीभगत सामने आने पर तत्काल आरोपित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कोताही बरतने वालों पर तीसरी आंख की होगी नजर

इस मामले में जेल आईजी एपी अंशुमान का भी मानना है कि उत्तराखंड की कुछ जेलों से अपराधिक गतिविधियां व अन्य तरह के गंभीर मामले आना बेहद चिंता का विषय है. हालांकि, जेल आईजी ने कहा कि अगर जेल में कार्यरत सिपाही एवं कर्मचारी पूरी तत्परता के साथ अपनी ड्यूटी निभाए तो किसी तरह की घटना होना संभव नहीं है, लेकिन इसी तरह की गंभीर खामियों को देखते हुए सभी जेलों को सीसीटीवी और बॉडी वॉर्न कैमरा से लैस किया जा रहा हैं. ताकि इन उपकरणों की मदद से भविष्य में जेलों में किसी तरह की होने वाली अवैध गतिविधि पर लगाम लगाए जा सके.

देहरादून: उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, उधम सिंह नगर, नैनीताल जैसे अन्य जेलों में लंबे समय से मोबाइल एवं अन्य उपकरणों की मदद से कैदियों द्वारा आपराधिक नेटवर्क चलाने वाले पर अब शिकंजा कसा जा सकेगा. जी हां जेल से चलने वाली अपराधिक गतिविधियों पर अब 24 घंटे नजर बनाए रखने के लिए राज्य के सभी जेलों को पूर्ण रूप से सीसीटीवी से लैस किया जा रहा है. इतना ही नहीं राज्य के मुख्यतः 5 जेलों को अतिरिक्त सुरक्षा के घेरे में लेते हुए 50 से अधिक बॉडी वॉर्न कैमरा (Body worn camera) की व्यवस्था भी तेजी से की जा रही है. इन सब व्यवस्थाओं के लिए जेल विभाग द्वारा कारागारों को तीन करोड़ रुपए का बजट मुहैया कराया गया है. जल्द ही दोनों तरह के अत्याधुनिक उपकरणों को लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.

अब जेल से नहीं चलेगा अपराधियों का खेल

सीसीटीवी मॉनिटरिंग और समय-समय पर समीक्षा

अक्सर हरिद्वार, रुड़की, उधम सिंह नगर, देहरादून, नैनीताल जैसे अन्य जेलों से समय-समय पर अंदरूनी मिलीभगत के चलते अपराधिक नेटवर्क चलने की खबरें सामने आती रहती है. ऐसे में राज्य की जेलों को पूर्ण रूप से सीसीटीवी और बॉडी वॉर्न कैमरा से लैस करने के साथ ही समय-समय पर जेल अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग कर समीक्षा की जाएगी. सीसीटीवी मॉनिटरिंग के दौरान कैदियों के साथ जेल परिसर में कार्यरत सभी कर्मचारियों की गतिविधि पर नजर रखना आसान होगा. किसी स्तर पर कोई भी कोताही और मिलीभगत सामने आने पर तत्काल आरोपित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कोताही बरतने वालों पर तीसरी आंख की होगी नजर

इस मामले में जेल आईजी एपी अंशुमान का भी मानना है कि उत्तराखंड की कुछ जेलों से अपराधिक गतिविधियां व अन्य तरह के गंभीर मामले आना बेहद चिंता का विषय है. हालांकि, जेल आईजी ने कहा कि अगर जेल में कार्यरत सिपाही एवं कर्मचारी पूरी तत्परता के साथ अपनी ड्यूटी निभाए तो किसी तरह की घटना होना संभव नहीं है, लेकिन इसी तरह की गंभीर खामियों को देखते हुए सभी जेलों को सीसीटीवी और बॉडी वॉर्न कैमरा से लैस किया जा रहा हैं. ताकि इन उपकरणों की मदद से भविष्य में जेलों में किसी तरह की होने वाली अवैध गतिविधि पर लगाम लगाए जा सके.

Last Updated : Oct 7, 2020, 7:56 AM IST
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