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मुश्किलों में उत्तराखंड मूल के उद्योगपति मोहन काला, CBI ने दर्ज की FIR

सीबीआई ने बैंक फ्रॉड के मामले में एक मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें उत्तराखंड के उद्योगपति मोहन काला का नाम भी शामिल है. काला पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है.

मोहन काला
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Published : Nov 12, 2019, 8:13 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 8:25 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड मूल के जाने-माने उद्योगपति मोहन काला के खिलाफ बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. मुंबई स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर सीबीआई ने ये कार्रवाई की है. काला पर करोड़ों की हेरा-फेरी का आरोप है.

जानकारी के मुताबिक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 'शेरोन बायो मेडिसिन लिमिटेड कंपनी' के डॉयरेक्टर और प्रमोटर्स रहने वाले मोहन काला और उनके सहयोगियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जीवाड़ा कर बैंक को लगभग सवा सौ करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप लगाया है. इस मामले में बीते 14 जून 2019 को शिकायत की गई थी, जिसमें संबंधित आरोपियों के खिलाफ बैंक से बड़ी धोखाधड़ी करने के मामले में कानूनी कार्रवाई की दरख्वास्त की गई थी.

इस मामले को लेकर मोहन काला ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका संबंधित कंपनी से कोई लेना देना नहीं है. वह पहले ही कंपनी को इस्तीफा दे चुके हैं. काला ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है.

कांग्रेस के समर्थन से लड़ा था चुनाव

मोहन काला एक बड़े उद्योगपति होने के साथ-साथ 2017 में श्रीनगर विधानसभा से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस के समर्थन के बावजूद भी वो हार गए थे.

देहरादून: उत्तराखंड मूल के जाने-माने उद्योगपति मोहन काला के खिलाफ बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. मुंबई स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर सीबीआई ने ये कार्रवाई की है. काला पर करोड़ों की हेरा-फेरी का आरोप है.

जानकारी के मुताबिक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 'शेरोन बायो मेडिसिन लिमिटेड कंपनी' के डॉयरेक्टर और प्रमोटर्स रहने वाले मोहन काला और उनके सहयोगियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जीवाड़ा कर बैंक को लगभग सवा सौ करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप लगाया है. इस मामले में बीते 14 जून 2019 को शिकायत की गई थी, जिसमें संबंधित आरोपियों के खिलाफ बैंक से बड़ी धोखाधड़ी करने के मामले में कानूनी कार्रवाई की दरख्वास्त की गई थी.

इस मामले को लेकर मोहन काला ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका संबंधित कंपनी से कोई लेना देना नहीं है. वह पहले ही कंपनी को इस्तीफा दे चुके हैं. काला ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है.

कांग्रेस के समर्थन से लड़ा था चुनाव

मोहन काला एक बड़े उद्योगपति होने के साथ-साथ 2017 में श्रीनगर विधानसभा से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस के समर्थन के बावजूद भी वो हार गए थे.

Intro:summary-उत्तराखंड के उद्योगपति मोहन काला के खिलाफ सीबीआई ने बैंक फ्रॉड मामलें पर दर्ज किया मुंबई में मुकदमा।


उत्तराखंड मूल के रहने वाले जाने-माने उद्योगपति मोहन काला के खिलाफ बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई ने मुंबई में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। लगभग 130 करोड़ की बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में मुंबई स्थित यूनियन बैंक इंडिया की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर सीबीआई ने मुंबई कानूनी कार्रवाई शुरू की है। मुंबई स्थित एक यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर "शेरोन बायो मेडिसन लिमिटेड कंपनी" को पूर्व में संचालित करने वाले उत्तराखंड मूल के मोहन काला व उनके अन्य सहयोगियों के खिलाफ करोडों की बैंक धोखाधड़ी के चलते अपना शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। हालांकि अपने ऊपर लगे मोहन काला ने आरोपों को खारिज किया है।


Body:जानकारी के मुताबिक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने "शेरोन बायो मेडिसिन लिमिटेड कंपनी" के डायरेक्टर व प्रमोटर्स रहने वाले मोहन काला व उनके सहयोगियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जीवाड़ा कर बैंक को लगभग सवा सौ करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप लगाया है। इस मामले में बीते 14 जून 2019 को बैंक मुंबई सीबीआई शाखा को शिकायत दी थी जिसमें संबंधित आरोपियों के खिलाफ बैंक से बड़ी धोखाधड़ी करने मामले में कानूनी कार्रवाई की दरख्वास्त की गई थी।




उधर सीबीआई द्वारा बैंक फ्रॉड मामले में अपने ऊपर दर्ज हुए मुकदमे के संबंध में मोहन काला अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका संबंधित कंपनी से कोई लेना देना नहीं है, वह पहले ही कंपनी को इस्तीफा दे चुके हैं। काला ने इस कार्रवाई को राजनीति से संबंधित बताया है।


जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड मूल मोहन काला एक बड़े उद्योगपति होने के साथ-साथ 2017 में श्रीनगर विधानसभा से कांग्रेस के समर्थित होने के बावजूद निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उनको इस चुनाव में जीत नहीं मिल सकी। इतना ही नहीं बीते लोकसभा चुनाव के दौरान वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे लेकिन पार्टी के कई नेताओं के विरोध के चलते उन्हें पार्टी से बाहर होना पड़ा।


Conclusion:
Last Updated : Nov 12, 2019, 8:25 PM IST
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