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किडनी कांड: CBI के हत्थे चढ़ी 'बुलबुल', देहरादून से किया गिरफ्तार

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Published : Jun 10, 2019, 6:20 PM IST

Updated : Jun 11, 2019, 5:46 PM IST

मामला साल 2017 का है. अमित राउत और उसकी पत्नी बुलबुल कटारिया पर किडनी की अवैध खरीद के खिलाफ कई शहरों में मुकदमे दर्ज हुए थे. जिनमें से एक मुकदमा चंडीगढ़ सीबीआई की स्पेशल ब्रांच ने दर्ज किया था और इस मामले में 7 मई को चंडीगढ़ कोर्ट में सुनवाई थी. लेकिन इस मामले में बुलबुल ने कोर्ट में पेश न होकर अपना मेडिकल सर्टिफिकेट कोर्ट में भेज था. न्यायालय ने जब सर्टिफिकेट की जांच की तो वह फर्जी पाया गया.

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देहरादून: साल 2017 में देहरादून के एक निजी अस्पताल में अवैध रूप से किडनी प्रत्यारोपण मामले में सीबीआई की टीम ने सरगना अमित राउत की पत्नी बुलबुल कटारिया को गिरफ्तार किया है. बता दें कि बुलबुल कटारिया पर कोर्ट में झूठे प्रमाणपत्र दाखिल करने के आरोप था. कोर्ट ने सात मई को बुलबुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. जिसके बाद चंडीगढ़ से आई सीबीआई टीम ने देहरादून में दबिश देकर बुलबुल को गिरफ्तार कर लिया.

मामला साल 2017 का है. अमित राउत और उसकी पत्नी बुलबुल कटारिया पर किडनी की अवैध खरीद के खिलाफ कई शहरों में मुकदमे दर्ज हुए थे. एक मुकदमा चंडीगढ़ सीबीआई की स्पेशल ब्रांच ने दर्ज किया था और इस मामले में 7 मई को चंडीगढ़ कोर्ट में सुनवाई थी. लेकिन इस मामले में बुलबुल ने कोर्ट में पेश न होकर अपना मेडिकल सर्टिफिकेट कोर्ट में भेजा था. न्यायालय ने जब सर्टिफिकेट की जांच की तो वो फर्जी पाया गया, जिसके बाद बुलबुल को कई बार कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा गया. न्यायालय में पेश न होने चलते कोर्ट ने बुलबुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.

गौर हो कि साल 2017 में देहरादून के लालतप्पड़ स्थित एक अस्पताल में अवैध रूप से किडनी प्रत्यारोपण करने के मामले में पुलिस ने अमित, उसके साथियों और एजेंटों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में लगभग सभी की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन मुख्य आरोपियों में से एक अमित का बेटा अक्षय राउत अभी भी फरार चल रहा है. अमित की पत्नी की गिरफ्तारी के लिए भी सीबीआई ने कई बार देहरादून में दबिश दी लेकिन हर बार बुलबुल फरार हो जाती थी. हालांकि, इस बार बुलबुल सीबीआई के हत्थे चढ़ ही गई. उसे गिरफ्तार कर सीबीआई अपने साथ चंडीगढ़ ले गई.

देहरादून: साल 2017 में देहरादून के एक निजी अस्पताल में अवैध रूप से किडनी प्रत्यारोपण मामले में सीबीआई की टीम ने सरगना अमित राउत की पत्नी बुलबुल कटारिया को गिरफ्तार किया है. बता दें कि बुलबुल कटारिया पर कोर्ट में झूठे प्रमाणपत्र दाखिल करने के आरोप था. कोर्ट ने सात मई को बुलबुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. जिसके बाद चंडीगढ़ से आई सीबीआई टीम ने देहरादून में दबिश देकर बुलबुल को गिरफ्तार कर लिया.

मामला साल 2017 का है. अमित राउत और उसकी पत्नी बुलबुल कटारिया पर किडनी की अवैध खरीद के खिलाफ कई शहरों में मुकदमे दर्ज हुए थे. एक मुकदमा चंडीगढ़ सीबीआई की स्पेशल ब्रांच ने दर्ज किया था और इस मामले में 7 मई को चंडीगढ़ कोर्ट में सुनवाई थी. लेकिन इस मामले में बुलबुल ने कोर्ट में पेश न होकर अपना मेडिकल सर्टिफिकेट कोर्ट में भेजा था. न्यायालय ने जब सर्टिफिकेट की जांच की तो वो फर्जी पाया गया, जिसके बाद बुलबुल को कई बार कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा गया. न्यायालय में पेश न होने चलते कोर्ट ने बुलबुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.

गौर हो कि साल 2017 में देहरादून के लालतप्पड़ स्थित एक अस्पताल में अवैध रूप से किडनी प्रत्यारोपण करने के मामले में पुलिस ने अमित, उसके साथियों और एजेंटों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में लगभग सभी की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन मुख्य आरोपियों में से एक अमित का बेटा अक्षय राउत अभी भी फरार चल रहा है. अमित की पत्नी की गिरफ्तारी के लिए भी सीबीआई ने कई बार देहरादून में दबिश दी लेकिन हर बार बुलबुल फरार हो जाती थी. हालांकि, इस बार बुलबुल सीबीआई के हत्थे चढ़ ही गई. उसे गिरफ्तार कर सीबीआई अपने साथ चंडीगढ़ ले गई.

Intro:किडनी सरगना अमित राउत की पत्नी बुलबुल कटारिया पर कोर्ट में झूठे प्रमाणपत्र दाखिल करने के आरोप में कल देहरादून से चंडीगढ़ सीबीआई की टीम ने ग्रिफ्तार कर चंडीगढ़ ले गई।झूठे प्रमाणपत्र देने के आरोप में बुलबुल पर न्यायालय ने इसके खिलाफ सात मई को को गैर जमानती वारंट जारी किए थे।जिसके बाद बुलबुल देहरादून में ही रह रही थी।


Body:मामला 2017 में अमित राउत के साथ जीवन राउत ओर पत्नी बुलबुल कटारिया पर किडनी की अवैध खरीद के खिलाफ कई शहरों में मुकदमे दर्ज हुए थे।और एक मुकदमा चंडीगढ़ सीबीआई की स्पेशल ब्रांच ने दर्ज किया था।इस मामले में 7 मई को चंडीगढ़ कोर्ट में सुनवाई थी लेकिन बुलबुल ने देहरादून में बना अपना मेडिकल सर्टिफिकेट कोर्ट में भेज था कि कोहनी में चोट है लिहाजा डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए बोला है।लेकिन कोहनी का सर्टिफिकेट होने के बाद जांच में पाया गया कि बुलबुल ने घुटने का प्लास्टर लगवाया है।और न्यायालय ने जब सर्टिफिकेट की जांच कराई तो वह फर्जी पाया गया। बुलबुल कोर्ट में कई तारीख में न्यायालय में पेश नहीं हुई जिसके चलते न्यायालय ने बुलबुल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए।

2017 में देहरादून के लालथप्पड़ स्थित एक अस्पताल में किडनी के अवैध रूप से प्रत्यारोपण करने के मामले में पुलिस ने अमित और उसके साथियों के साथ एजेंटों को गिरफ्तार किया था इस मामले में लगभग सभी की गिरफ्तारी हो चुकी थी लेकिन मुख्य आरोपियों में से एक अमित का बेटा अक्षय राउत अभी भी फरार चल रहा है।


Conclusion:सीबीआई ने कई बार बुलबुल राउत की ग्रिफ्तारी के लिए देहरादून में दबिश दी लेकिन हर बार बुलबुल राउत को भनक लग जाने के कारण फरार हो जाती थी लेकिन इस बार बुलबुल सीबीआई के कब्जे में आ गई और सीबीआई ने बुलबुल को ग्रिफ्तार कर चंडीगढ़ ले गई।
Last Updated : Jun 11, 2019, 5:46 PM IST
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