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डेंगू मरीज से लूटखसोट मामले पर बोले CMS, अस्पताल के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

राजधानी में लगातार कुछ प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों के साथ मिलीभगत करके कुछ निजी अस्पताल अपना स्वार्थ साध रहे हैं. जिसके चलते देहरादून में एक डेंगू मरीज को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देहरादून
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Published : Sep 12, 2019, 9:18 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में डेंगू का कहर जारी है. ऐसे में देहरादून में इलाज के नाम पर लूटखसोट की जा रही है. कुछ निजी अस्पतालों के बिचौलिए मरीजों को ट्रैप करके अपने अस्पताल लाते हैं. ताजा मामले में एक डेंगू के मरीज के तीमारदारों ने अस्पताल पर धोखाधड़ी कर ज्यादा बिल थमाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना मिलते ही डिप्टी सीएमओ मौके पर पहुंचे. जिसके बाद तीमारदारों ने पुलिस और सीएमओ देहरादून से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है.

लापरवाही पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई.

देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गुप्ता ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलने पर रिस्पना पुल स्थित ट्रामा सेंटर में डिप्टी सीएमओ को छानबीन के लिए भेजा गया था. मौके से मरीज से संबंधित सभी सभी डाक्यूमेंट्स विभाग ने अपने कब्जे में लिए हैं. उन कागजातों की स्टडी की जाएगी. अगर कोई लापरवाही अस्पताल की तरफ से पाई जाती है. तो उस अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- अस्पताल ने थमाया लाखों का बिल, परिजनों ने पुलिस और सीएमओ से लगाई मदद की गुहार

क्या था मामला ?
रिस्पना पुल स्थित जगदम्बा अस्पताल में एक डेंगू के मरीज को पिछले 6 दिनों से आईसीयू में भर्ती किया गया है. बावजूद उसकी हालत में कोई सुधर नहीं हुआ. मरीज के तीमारदारों और उसके पति का आरोप है महंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज से मरीज को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था, लेकिन जिस एम्बुलेंस से मरीज को ले जाया जा रहा था, उस एंम्बुलेंस चालक ने जगदम्बा अस्पताल की तारीफ में कशीदे पढ़ते हुए मरीज को इस अस्पताल में भर्ती करवा दिया.

मरीज के परिजनों ने बताया कि भर्ती के समय अस्पताल प्रशासन ने 3 हजार प्रतिदिन का खर्च बताया था. लेकिन छठे दिन ही एक लाख से ऊपर का बिल थमा दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ पैसा जमा भी कर दिया है, लेकिन अस्पताल पूरे भुगतान के बाद ही डिस्चार्ज करने की बात कह रहा है. साथ ही मरीज से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड में डेंगू का कहर जारी है. ऐसे में देहरादून में इलाज के नाम पर लूटखसोट की जा रही है. कुछ निजी अस्पतालों के बिचौलिए मरीजों को ट्रैप करके अपने अस्पताल लाते हैं. ताजा मामले में एक डेंगू के मरीज के तीमारदारों ने अस्पताल पर धोखाधड़ी कर ज्यादा बिल थमाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना मिलते ही डिप्टी सीएमओ मौके पर पहुंचे. जिसके बाद तीमारदारों ने पुलिस और सीएमओ देहरादून से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है.

लापरवाही पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई.

देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गुप्ता ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलने पर रिस्पना पुल स्थित ट्रामा सेंटर में डिप्टी सीएमओ को छानबीन के लिए भेजा गया था. मौके से मरीज से संबंधित सभी सभी डाक्यूमेंट्स विभाग ने अपने कब्जे में लिए हैं. उन कागजातों की स्टडी की जाएगी. अगर कोई लापरवाही अस्पताल की तरफ से पाई जाती है. तो उस अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- अस्पताल ने थमाया लाखों का बिल, परिजनों ने पुलिस और सीएमओ से लगाई मदद की गुहार

क्या था मामला ?
रिस्पना पुल स्थित जगदम्बा अस्पताल में एक डेंगू के मरीज को पिछले 6 दिनों से आईसीयू में भर्ती किया गया है. बावजूद उसकी हालत में कोई सुधर नहीं हुआ. मरीज के तीमारदारों और उसके पति का आरोप है महंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज से मरीज को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था, लेकिन जिस एम्बुलेंस से मरीज को ले जाया जा रहा था, उस एंम्बुलेंस चालक ने जगदम्बा अस्पताल की तारीफ में कशीदे पढ़ते हुए मरीज को इस अस्पताल में भर्ती करवा दिया.

मरीज के परिजनों ने बताया कि भर्ती के समय अस्पताल प्रशासन ने 3 हजार प्रतिदिन का खर्च बताया था. लेकिन छठे दिन ही एक लाख से ऊपर का बिल थमा दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ पैसा जमा भी कर दिया है, लेकिन अस्पताल पूरे भुगतान के बाद ही डिस्चार्ज करने की बात कह रहा है. साथ ही मरीज से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है.

Intro:राजधानी देहरादून में इलाज के नाम पर लूटखसोट जारी है, कुछ निजी अस्पतालों के बिचौलिए मरीजों को ट्रैप करके अपने अस्पताल लाते हैं, उसके बाद उनके परिजनों के सामने इलाज के नाम पर लंबा चौड़ा बिल पकड़ा देते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ रिस्पना पुल स्थित एक निजी अस्पताल में, यहां एक डेंगू के मरीज को बीते 6 दिनों से आईसीयू में भर्ती किया गया है लेकिन हालत में अभी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसे में मरीज के तीमारदारों ने अस्पताल पर आरोप लगाया है कि महंत इंद्रेश अस्पताल से मरीज को ऋषिकेश स्थित एम्स रेफर किया गया था, लेकिन इंद्रेश अस्पताल से निकलते ही एंबुलेंस चालक ने उन्हे अपनी बातों मे फांसकर सस्ते इलाज का लालच देकर मरीज को रिस्पना पुल स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि भर्ती के दौरान तीन हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च बताया था, लेकिन वार बुधवार तक 6 दिन बीतने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के इलाज के नाम पर उनको एक लाख रुपए का भारी-भरकम बिल थमा दिया।


Body: हालांकि परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इलाज की कुछ रकम अस्पताल को अदा कर दी है, लेकिन अस्पताल पूरा भुगतान करने की जिद के चलते उनके मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं कर रहा है। वही इस बात से नाराज मरीज के परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए इंसाफ की मांग की जिसके बाद अस्पताल में हंगामे की सूचना मिलने पर देहरादून के डिप्टी सीएमओ मौके पर पहुंचे और मरीज के इलाज संबंधित सभी कागजात प्राप्त कर लिए।
वही देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गुप्ता ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलने पर रिस्पना पुल स्थित ट्रामा सेंटर में डिप्टी सीएमओ को छानबीन के लिए भेजा गया था। मौके से बढ़ती बरी से संबंधित सभी डाक्यूमेंट्स विभाग ने प्राप्त कर लिए हैं । उन कागजातों की डिटेल स्टडी करने के बाद यदि कोई लापरवाही अस्पताल की तरफ से पाई जाती है तो उस अस्पताल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बाईट-डॉ एसके गुप्ता, मुख्य चिकित्साअधिकारी, देहरादून


Conclusion: दरअसल प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों के साथ मिलीभगत करके कुछ निजी अस्पताल अपना स्वार्थ साध रहे हैं। उत्तराखंड के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज में भी बिचौलिए अक्सर परिसर में स्थित इमरजेंसी से मरीजों को ट्रैप करके और उन्हें सस्ते इलाज का लालच देकर इसी अस्पताल मे जाते हैं। इसके बदले में अस्पताल द्वारा बिचौलियों को मोटा कमीशन बतौर इनाम स्वरूप दिया जाता है। दून मेडिकल कॉलेज में बिचौलिए के बढ़ते जाल को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने इसकी शिकायत बाकायदा पुलिस प्रशासन से भी की है। इससे पूर्व भी रिस्पना पुल स्थित ये निजी अस्पताल अक्सर विवादों में रहने की वजह से सुर्खियां बटोर चुका है।

नोट- कृपया हंगामा कर रहे परिजनों के विजुअल मेल से उठाने का कष्ट करें
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