देहरादून: उत्तराखंड में डेंगू का कहर जारी है. ऐसे में देहरादून में इलाज के नाम पर लूटखसोट की जा रही है. कुछ निजी अस्पतालों के बिचौलिए मरीजों को ट्रैप करके अपने अस्पताल लाते हैं. ताजा मामले में एक डेंगू के मरीज के तीमारदारों ने अस्पताल पर धोखाधड़ी कर ज्यादा बिल थमाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना मिलते ही डिप्टी सीएमओ मौके पर पहुंचे. जिसके बाद तीमारदारों ने पुलिस और सीएमओ देहरादून से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है.
देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गुप्ता ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलने पर रिस्पना पुल स्थित ट्रामा सेंटर में डिप्टी सीएमओ को छानबीन के लिए भेजा गया था. मौके से मरीज से संबंधित सभी सभी डाक्यूमेंट्स विभाग ने अपने कब्जे में लिए हैं. उन कागजातों की स्टडी की जाएगी. अगर कोई लापरवाही अस्पताल की तरफ से पाई जाती है. तो उस अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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क्या था मामला ?
रिस्पना पुल स्थित जगदम्बा अस्पताल में एक डेंगू के मरीज को पिछले 6 दिनों से आईसीयू में भर्ती किया गया है. बावजूद उसकी हालत में कोई सुधर नहीं हुआ. मरीज के तीमारदारों और उसके पति का आरोप है महंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज से मरीज को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था, लेकिन जिस एम्बुलेंस से मरीज को ले जाया जा रहा था, उस एंम्बुलेंस चालक ने जगदम्बा अस्पताल की तारीफ में कशीदे पढ़ते हुए मरीज को इस अस्पताल में भर्ती करवा दिया.
मरीज के परिजनों ने बताया कि भर्ती के समय अस्पताल प्रशासन ने 3 हजार प्रतिदिन का खर्च बताया था. लेकिन छठे दिन ही एक लाख से ऊपर का बिल थमा दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ पैसा जमा भी कर दिया है, लेकिन अस्पताल पूरे भुगतान के बाद ही डिस्चार्ज करने की बात कह रहा है. साथ ही मरीज से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है.