ऋषिकेश: केदार सिंह भंडारी मिसिंग मामले (Kedar Bhandari Missing Case) में कोर्ट के आदेश पर लक्ष्मण झूला के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह (Police Station Inspector Santosh Singh) और तपोवन चौकी प्रभारी आशीष कुमार (Tapovan outpost in charge Ashish Kumar) के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. मामले में पुलिस ने विवेचना भी शुरू कर दी है.
बता दें कि केदार सिंह भंडारी मामले की जांच फिलहाल डीआइजी गढ़वाल रेंज कर रहे हैं. इससे पहले जनपद पौड़ी गढ़वाल के एडिशनल एसपी भी इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज चुके हैं, मगर केदार सिंह के माता-पिता जांच से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए उन्होंने जनपद पौड़ी की कोर्ट में पुलिस अधिकारियों पर कई आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है.
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वहीं, इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक और तपोवन चौकी प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. आदेश मिलने के बाद पुलिस ने दोनों ही अधिकारियों पर धारा 342 और धारा 365 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. पौड़ी एसएसपी श्वेता चौबे ने बताया कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
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क्या है केदार सिंह भंडारी मिसिंग मामला: पुलिस के मुताबिक, 22 अगस्त को चुनेर गांव का केदार भंडारी अग्निवीर भर्ती के लिए कोटद्वार आया था. वापसी में वह तपोवन के होटल में रुका. जहां उस पर परमार्थ निकेतन में चोरी करने का आरोप लगा. मामले में मुनिकी रेती थाना पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर लक्ष्मण झूला थाना पुलिस के हवाले कर दिया. परमार्थ निकेतन की ओर से आरोपी के पकड़े जाने तक कोई तहरीर नहीं मिली. इसलिए पुलिस ने केदार सिंह को बैरक में एक पीआरडी जवान की निगरानी में बैठा दिया.
पुलिस का दावा है कि इस दौरान केदार भंडारी पीआरडी के जवान को धक्का देकर थाने से बाहर भाग गया. जिसका पुलिस ने काफी दूर तक पीछा किया, मगर केदार भंडारी लक्ष्मण झूला पुल पर चढ़कर गंगा में कूद गया. यह सारी घटना स्थानीय लोगों ने भी देखी. वहीं, सीसीटीवी कैमरे में भी पूरी वारदात कैद हुई. तभी से लगातार केदार के परिजन पुलिस पर उत्पीड़न करने और लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं.