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आय से अधिक संपति मामले में घिरे IAS रामविलास यादव, मुकदमा दर्ज

आय से अधिक संपति मामले में आईएएस अधिकारी रामविलास यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जांच में विजिलेंस ने आरोपों को सही पाया है. अब आईएएस अधिकारी रामविलास यादव के खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज (Case against IAS officer Ram Vilas Yadav) कर लिया गया है.

Case filed against IAS officer Ram Vilas Yadav in disproportionate assets case
आय से अधिक संपति मामले में घिरे IAS रामविलास यादव
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Published : May 30, 2022, 3:23 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड शासन की मंजूरी के बाद आखिरकार प्रदेश के आईएएस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामला आय से अधिक संपत्ति का है, लिहाजा इस मामले में विजिलेंस ने जांच करते हुए शासन से मंजूरी लेकर कार्रवाई की है. बता दें लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव वर्तमान में उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव हैं.

उत्तर प्रदेश में आय से अधिक मामले को लेकर लगातार कार्रवाई हो रही है. ऐसे ही एक पुराने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड को एक आईएएस अधिकारी से जुड़े दस्तावेज सौंपे थे, जिसके बाद विजिलेंस ने मामले में शासन से अनुमति मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद अब मामले में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है. माना जाता है कि तत्कालीन सपा सरकार में रामविलास यादव काफी करीबी अधिकारी थे.

पढ़ें- 'भारत को 3 साल में बनाना है हिंदू राष्ट्र, देवभूमि में वर्जित हो गैर हिंदुओं का प्रवेश'

बताया जा रहा है कि विजिलेंस की तरफ से इस आईएएस अधिकारी से पक्ष जानने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन विजिलेंस टीम की तरफ से बुलाए जाने के बावजूद भी अधिकारी विजिलेंस कार्यालय नहीं जा रहे थे. जाहिर है कि ये मामला आईएएस अधिकारी से जुड़ा है. ऐसे में शासन से अनुमति लेना जरूरी था. विजिलेंस ने प्रक्रिया को पूरा करते हुए इस मामले में मामला दर्ज किया है.

पढ़ें- सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर बॉलीवुड में शोक की लहर, रणवीर सिंह से कपिल शर्मा तक ने जताया दुख

विजिलेंस टीम ने जांच करने पर अनियमितताओं और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को सही पाया. बताया गया है कि विजिलेंस द्वारा की जा रही जांच में रामविलास यादव ने सहयोग नहीं किया. जिसके बाद अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड शासन की मंजूरी के बाद आखिरकार प्रदेश के आईएएस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामला आय से अधिक संपत्ति का है, लिहाजा इस मामले में विजिलेंस ने जांच करते हुए शासन से मंजूरी लेकर कार्रवाई की है. बता दें लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव वर्तमान में उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव हैं.

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बताया जा रहा है कि विजिलेंस की तरफ से इस आईएएस अधिकारी से पक्ष जानने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन विजिलेंस टीम की तरफ से बुलाए जाने के बावजूद भी अधिकारी विजिलेंस कार्यालय नहीं जा रहे थे. जाहिर है कि ये मामला आईएएस अधिकारी से जुड़ा है. ऐसे में शासन से अनुमति लेना जरूरी था. विजिलेंस ने प्रक्रिया को पूरा करते हुए इस मामले में मामला दर्ज किया है.

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विजिलेंस टीम ने जांच करने पर अनियमितताओं और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को सही पाया. बताया गया है कि विजिलेंस द्वारा की जा रही जांच में रामविलास यादव ने सहयोग नहीं किया. जिसके बाद अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

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