देहरादून: आखिरकार जिस बात की चर्चा 2 दिनों से हो रही थी, वैसा ही हुआ. कैंट बोर्ड के चुनाव फिलहाल रक्षा मंत्रालय ने स्थगित कर दिए हैं. इसके लिए बाकायदा रक्षा मंत्रालय के द्वारा एक अधिसूचना भी जारी की गई है. अब देशभर के साथ-साथ उत्तराखंड के कैंट बोर्ड के चुनाव कब होंगे ? इसकी तारीख कुछ दिनों बाद सामने आ पाएगी, लेकिन इतना जरूर है कि प्रदेश की 9 कैंटों के प्रत्याशी इस खबर से झटका जरूर लगा है.
पिछले 1 महीने से भी अधिक समय से छावनियों में चुनाव की तैयारियां हो रही थी. मतदाता सूची लगभग पूरी तैयार है और उम्मीदवार भी अपने समर्थन में जगह-जगह पहुंच रहे थे, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने एक झटके से सब की तैयारियों धरी की धरी रह गईं. उत्तराखंड में मौजूदा समय में 9 छावनी है, जिसमें 30 अप्रैल को चुनाव होने थे, लेकिन सभी पुरानी अधिसूचना को फिलहाल रद्द कर दिया है.
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छावनी परिषद कैंट के सीईओ अभिनव सिंह कहते हैं कि रक्षा मंत्रालय द्वारा उनको अधिसूचना प्राप्त हुई है, जिसमें चुनाव कैंसिल की जानकारी दी गई है. फिलहाल यह सब क्यों हुआ है और किस वजह से हुआ है? इसकी जानकारी फिलहाल हमारे पास नहीं है. हालांकि लंबे समय से जो चर्चा थी. वह यह थी कि कई कैंट के मतदाता सूची में गड़बड़ी की सूचनाएं अलग-अलग कैंट बोर्ड को प्राप्त हो रही थी. इसके साथ ही कई कैंट बोर्ड की जमीनों पर अतिक्रमण करके अतिक्रमणकारियों को भी मतदाता सूची में दर्शाया जा रहा था.
बता दें कि देशभर में 56 कैंट बोर्ड हैं. जबकि अकेले उत्तराखंड में ही 9 कैंट बोर्ड हैं. जिसमें अल्मोड़ा छावनी, रानीखेत छावनी, देहरादून छावनी, चकराता छावनी, लंढौर छावनी, लैंसडाउन छावनी, रुड़की छावनी और नैनीताल छावनी शामिल है. इसके साथ ही भारतीय सैन्य अकादमी यानी आईएमए में छावनी भी मौजूद है.