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ऋशिकेश एम्स में हुई सफल रोबोटिक सर्जरी, महिला की आंत से निकाला कैंसर

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में रोबोटिक सर्जरी द्वारा महिला की आंत में हुए कैंसर को सफलतापूर्वक निकाला गया है.

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रोबोटिक सर्जरी
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Published : Jan 4, 2020, 1:46 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कैंसर सर्जरी विभाग ने एक 31 वर्षीया महिला की बड़ी आंत के कैंसर की सफलतापूर्वक रोबोटिक सर्जरी की है. इस जटिल ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति में काफी हद तक सुधार है. वहीं, इस सफल ऑपरेशन के बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है.

कैंसर सर्जरी विभाग के चिकित्सकों के मुताबिक, सहारनपुर निवासी महिला कैंसर की वजह से आंत की रुकावट आ गई थी. जिसके बाद लगातार खून बहने के कारण वो काफी कमजोर हो गई. ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति पहले से काफी बेहतर है और वह सामान्यतौर से उसका पाचन तंत्र काम कर रहा है.

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों की सुविधा के लिए रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत फरवरी- 2018 में की गई थी. जिसके तहत बीते लगभग दो सालों में 500 से अधिक विभिन्न रोगों से ग्रसित मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी से मरीज के पेट में बड़े निशान नहीं होते, जबकि सामान्य सर्जरी में टांके के निशान इसके मुकाबले अधिक बड़े होते हैं. वहीं, रोबोटिक सर्जरी से मरीज को सामान्य ऑपरेशन के मुकाबले अस्पताल से जल्दी छुट्टी दे दी जाती है और रिकवरी भी जल्दी होती है.

ये भी पढ़ें: 41 किलो भांग की तस्करी के आरोप में दो लोग गिरफ्तार

वहीं. निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि अस्पताल में लगातार अत्याधुनिक सुविधाएं जुटाई जा रही है. जिससे मरीजों को इसका लाभ मिल सके. इसके साथ ही संस्थान के कैंसर सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पंकज गर्ग ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में पेट में छोटे चीरे लगाकर रोबोट की मदद से महिला के पेट से बड़ी आंत के कैंसर को पूरी तरह से निकाला गया है और अब मरीज की स्थिति सामान्य है. साथ ही उन्होंने बताया कि यह अस्तपाल की सातवीं सफल रोबोटिक सर्जरी है.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कैंसर सर्जरी विभाग ने एक 31 वर्षीया महिला की बड़ी आंत के कैंसर की सफलतापूर्वक रोबोटिक सर्जरी की है. इस जटिल ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति में काफी हद तक सुधार है. वहीं, इस सफल ऑपरेशन के बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है.

कैंसर सर्जरी विभाग के चिकित्सकों के मुताबिक, सहारनपुर निवासी महिला कैंसर की वजह से आंत की रुकावट आ गई थी. जिसके बाद लगातार खून बहने के कारण वो काफी कमजोर हो गई. ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति पहले से काफी बेहतर है और वह सामान्यतौर से उसका पाचन तंत्र काम कर रहा है.

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों की सुविधा के लिए रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत फरवरी- 2018 में की गई थी. जिसके तहत बीते लगभग दो सालों में 500 से अधिक विभिन्न रोगों से ग्रसित मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी से मरीज के पेट में बड़े निशान नहीं होते, जबकि सामान्य सर्जरी में टांके के निशान इसके मुकाबले अधिक बड़े होते हैं. वहीं, रोबोटिक सर्जरी से मरीज को सामान्य ऑपरेशन के मुकाबले अस्पताल से जल्दी छुट्टी दे दी जाती है और रिकवरी भी जल्दी होती है.

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वहीं. निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि अस्पताल में लगातार अत्याधुनिक सुविधाएं जुटाई जा रही है. जिससे मरीजों को इसका लाभ मिल सके. इसके साथ ही संस्थान के कैंसर सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पंकज गर्ग ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में पेट में छोटे चीरे लगाकर रोबोट की मदद से महिला के पेट से बड़ी आंत के कैंसर को पूरी तरह से निकाला गया है और अब मरीज की स्थिति सामान्य है. साथ ही उन्होंने बताया कि यह अस्तपाल की सातवीं सफल रोबोटिक सर्जरी है.

Intro:ऋषिकेश--अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कैंसर सर्जरी विभाग ने एक 31 वर्षीया महिला की बड़ी आंत के कैंसर की सफलतापूर्वक रोबाेटिक सर्जरी की है। जटिल ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति में काफी हद तक सुधार है, रोगी को अस्पताल से छुट्टी भीबदे दी गई है। 


Body:वी/ओ--कैंसर सर्जरी विभाग के चिकित्सकों के अनुसार देवबंद, सहारनपुर निवासी महिला कैंसर की वजह से आंत की रुकावट व मल में लगातार खून बहने से काफी कमजोर हो गई थी। ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति में काफी सुधार है और वह सामान्यतौर से भोजन आदि का सेवन कर रही है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों की सुविधा के लिए रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत फरवरी- 2018 में की गई थी,जिसके तहत बीते लगभग दो वर्षों में 500 से अधिक विभिन्न रोगों से ग्रसित मरीजों की रोबोटिक विधि से सर्जरी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी से मरीज के पेट में बड़े निशान नहीं होते, जबकि सामान्य सर्जरी में टांके के निशान इसके मुकाबले अधिक बड़े हाेते हैं।निदेशक एम्स ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी से मरीज को सामान्य ऑपरेशन के मुकाबले अस्पताल से जल्दी छुट्टी दे दी जाती है और उसके स्वास्थ्य की रिकवरी भी जल्दी होती है। 


Conclusion:वी/ओ--  निदेशक एम्स ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का उद्देश्य उत्तराखंड व समीपवर्ती राज्यों की जनता को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है, जिसके लिए संस्थान के स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि अस्पताल में लगातार अत्याधुनिक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं,जिससे मरीजों को इसका लाभ मिल सके।संस्थान के कैंसर सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डा. पंकज गर्ग ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में पेट में छोटे चीरे लगाकर रोबोट की मदद से महिला के पेट से बड़ी आंत के कैंसर को पूरी तरह से निकाला गया। उन्होंने बताया कि अब मरीज सामान्य स्थिति में है, उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि यह विभाग में रोबोटिक विधि से सातवीं सफल सर्जरी थी।
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